योगी के पुरूषार्थ से UP में बढ़ा निवेश

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योगी सरकार की 'राहत' मुहिम
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योगी के पुरूषार्थ से UP में बढ़ा निवेश


बृजनन्दन राजू


अर्थव्यवस्था की मजबूती विकास का लक्षण मानी जाती है। यह अर्थ का युग है। ”सुखस्य मूलम धर्म:, धर्मस्य मूलम अर्थ: ”यानि सुख का मूल धर्म और धर्म का मूल अर्थ है। ऐसा आचार्य चाणक्य ने कहा था। अर्थात समाज की सर्वांगीण उन्नति के लिए अर्थ सबसे जरूरी है। अर्थ के अभाव में व्यक्ति समाज तथा राष्ट्र में शोषण,दरिद्रता तथा आर्थिक विषमता पनपती है। भारतीय दर्शन में अर्थ एक पुरूषार्थ है।योगी आदित्यनाथ ने जबसे उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली है वह प्रदेश को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पुरूषार्थ कर रहे हैं। उनके पुरूषार्थ के परिणाम भी धरातल पर दिखने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्लोबल इनवेस्टर्स समिटि के माध्यम से प्रदेश में 33.50 लाख करोड़ रूपये का निवेश लाकर एक बड़ी लकीर खींचने का काम किया है। तीन दिवसीय निवेशक सम्मेलन में कुल कुल 19 हजार से अधिक एमओयू हुए हैं। इसमें करीब एक चौथाई हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों की है। देश विदेश के उद्योगपतियों की पहली पसंद योगी हैं। इससे प्रदेश के युवाओं के लिए 93 लाख से अधिक रोजगार के सृजन के सााथ प्रदेश के औद्योगिक व आर्थिक विकास के नए अवसर उपलब्ध होंगे।

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 निवेश के इस वैश्विक महाकुंभ में उत्तर प्रदेश को 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। प्रदेश के सभी 75 जनपदों के लिए निवेश मिले हैं। उन्होंने कहा कि कमजोर समझे जाने वाले पूर्वांचल और बुंदेलखंड में भी भारी निवेशआया है, पूर्वांचल में 9.54 लाख करोड़ तथा बुंदेलखंड में 4.28 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमओयू (समझौता ज्ञापन) से लेकर निवेश को धरातल पर उतारने तक के चरणों में उद्यमियों की सहायता के लिए निवेश सारथी, निवेश मित्र, मुख्यमंत्री उद्यमी मित्र और प्रोत्साहन निगरानी तंत्र जैसे पारदर्शी एकल खिड़की तंत्र बनाए गए हैं।


योगी सरकार ने शुरूआत में 10 लाख करोड़ रूपये का निवेश जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। देश दुनिया के निवेशकों से मिले उत्साहजनक निवेश प्रस्तावों को देखते हुए सरकार को अपना लक्ष्य बढ़ाना पड़ा। अंतत: निवेश के मामले में उत्तर प्रदेश ने गुजरात और मध्य प्रदेश को भी पीछे छोड़ दिया है। क्योंकि उत्तर प्रदेश से पहले गुजरात व मध्य प्रदेश में भी निवेशक सम्मेलन हुए लेकिन वहां इससे आधे के भी निवेश प्रस्ताव नहीं आये। लोगों ने ऐसा सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी मात्रा में उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए उद्योगपति तैयार होंगे। इस बार एक चीज और देखने को मिली कि पहले केवल शहरों में ही निवेश के लिए उद्योगपति तैयार होते थे। इस बार सभी क्षेत्रों व सभी जिलों में निवेश के लिए करार हुए हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था में हुए सुधार तथा योगी की नीति का परिणाम है कि आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाने वाला क्षेत्र पूर्वांचल के लिए नौ लाख 54 हजार 492 करोड़ रूपये तथा बुंदेलखण्ड के लिए चार लाख 27 हजार 873 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। निवेश से प्रदेश में 93 लाख से अधिक नौकरी व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।

योगी के पुरूषार्थ से UP में बढ़ा निवेश
योगी के पुरूषार्थ से UP में बढ़ा निवेश

पिछले कुछ वर्षों के दौरान देखने में आया कि चीन से आयात हो रही वस्तुओं के कारण एक अलग प्रकार की समस्या खड़ी हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेक इन इण्डिया का नारा दिया। उस नारे को अमल में लाने का काम योगी ने किया। क्योंकि भारत के लोग कभी भी पृथकतावादी नहीं रहे। हम वसुधैव कुटुम्बकम को मानने वाले और सर्वे भवन्तु सुखिन: की कामना करते हैं। इसी भाव से भारत ने भी अपने संतों विद्वानों वैज्ञानिकों कलाकारों, शिल्पियों व्यापारियों उद्योगपतियों और श्रमिकों को विदेश भेजा है। हम लोग स्वभाव से ही अन्तरराष्ट्रीयवादी हैं।

उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। यूपी केवल जनसंख्या की दृष्टि से ही देश का सबसे बड़ा प्रदेश नहीं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने की दृष्टि से अनेक क्षेत्रों में पहले स्थान पर है। कृषि आधारित उद्यमों के लिए अपार संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार मोटे अनाज को प्रोत्साहित कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर बनाने के लक्ष्य में उप्र ने एक ट्रिलियन डालर का योगदान देने का संकल्प लिया है। इस संकल्प की सिद्धि से आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल मिलेगा।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा उत्तर प्रदेश समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिटि उत्तर प्रदेश को उत्त्म प्रदेश बनाने में सहायक सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनने में सक्षम है। मोदी ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में अब सुशासन है। यूपी बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए जाना जाता है। योगी ने भरोसा दिलाया कि प्रदेश में होने वाला हर निवेश न केवल सुरक्षित होगा बल्कि निवेशक के लिए भी फायदेमंद बनाने में सरकार अपनी नीतियों के तहत भरपूर मद्द करेगी।


रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यूपी में पहले निवेश वेस्ट समझा जाता था अब बेस्ट समझा जाता है। यूपी मे आये निवेश से आगे बढ़ेगा देश। एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय हमेशा अंतिम व्यक्ति के उत्थान के लिए चिंतित रहे। उन्होंने कहा था, ‘आर्थिक नीति निर्धारण और प्रगति की सफलता का पैमाना यह नहीं है कि समाज के सबसे शीर्ष पर मौजूद व्यक्ति को उससे कितना फायदा मिल रहा है बल्कि यह है कि समाज पर जो लोग सबसे नीचे हैं उन्हें उन नीतियों का कितना फायदा मिला है।’ अंत्योदय का मतलब समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का कल्याण है। उन्होंने यह भी कहा था, ‘यह हमारी सोच और हमारे सिद्धांत हैं कि ये गरीब और अशिक्षित लोग हमारे ईश्वर हैं, यही हमारा सामाजिक और मानवीय धर्म है।‘ आज उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अन्त्योदय के पथ पर बढ़ रही है।

योगी के पुरूषार्थ से UP में बढ़ा निवेश
योगी के पुरूषार्थ से UP में बढ़ा निवेश

अध्यात्म व परम्परागत उद्योग यूपी की पहचान रही है। अयोध्या मथुरा काशी उत्तर प्रदेश में है। गंगा यमुना सरस्वती का संगम व भगवान बुद्ध की तपोस्थली व निर्वाण स्थली उत्तर प्रदेश में है। अनाज सब्जी दूध गन्ना उत्पादन में प्रथम पर है। भारत के लिए उत्तर प्रदेश आशा का केन्द्र बना है। निवेश के लिए पहले की सरकारों ने भी कोशिश की थी लेकिन भ्रष्टाचार व खराब कानून व्यवस्था के चलते बड़े उद्यमियों ने निवेश में दिलचस्पी नहीं दिखाई। टाटा,बिरला व रिलायंस समूह ने भी बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए करार किया है। यह सिद्ध करता है कि राज्य के प्रति निवेशकों का नजरिया बदला है। बड़े पैमाने पर निवेश से आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलेंगे। आने वाला निवेश जहां प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देगा वहीं क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पाद, परंपरागत उद्यम को ओडीओपी से जोड़कर इन उद्यमों के उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई गई है। उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले तक उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य के रूप में जाना जाता था लेकिन अपने पुरुषार्थ और परिश्रम से उत्तर प्रदेश के नागरिकों ने ‘बीमारू राज्य’ के दंश को मिटाने का संकल्प लिया। मुख्यमंत्री ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में मार्गदर्शन देने और सहभागी बनने के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ ही केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव, राजीव चंद्रशेखर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सभी 10 साझीदार देशों, डेनमार्क, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन के मंत्रियों, नौ देशों के उच्चायुक्त, देश के सभी प्रमुख उद्योगपतियों, 40 देशों के प्रतिनिधियों समेत सभी के प्रति आभार व्यक्त किया


उत्तरप्रदेश की दशा और दिशा बदलने में सहायक सिद्ध होगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिटि के माध्यम से प्रदेश में बड़े निवेश की भावभूमि तैयार करने में योगी सफल रहे हैं। निवेशकों के तीन दिवसीए महाकुंभ ने नया इतिहास लिखा है। इतना निवेश और निवेश के लिए इतना प्रयास पहले कभी नहीं हुआ। देश दुनिया की दिग्गज कारपोरेट हस्तियों ने उत्तर प्रदेश को सर्वोत्त प्रदेश बनाने की हुंकार भरी है। 30 लाख करोड़ रूपये से अधिक का प्रस्तावित निवेश न सिर्फ उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर को गति देगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का जरिया बनकर युवाओं के सपनों को साकार करेगा। चालीस देशों के एक हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिती दर्ज कराकर निवेश की इच्छा जताई है। इस आयोजन से प्रदेश में विकास की मजबूत नींव पड़ी है। सभी जिलों में निवेश से प्रदेश नई उड़ान भरेगा। क्योंकि तेजी से आगे बढ़ रहे यूपी में प्रत्येक सेक्टर मे रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। उत्तर प्रदेश में उद्योगों और उद्यमियों का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित है। प्रदेश को विकास की राह पर ले जाने के लिए जिन 25 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है उनमें डिफेंस एंड एयरोस्पेस पहली प्राथमिकता पर है। फिल्म इंडस्ट्री का नया केन्द्र उत्तर प्रदेश बन रहा है। फार्मा हब के रूप में जहां उत्तरप्रदेश की पहचान बन रही है वहीं राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर में भी बूम आयेगा। इसमें निवेश से राज्य के सभी प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में टाउनशिप बनते दिखाई देंगे।

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