समृद्धि की सारथी बनना चाहती हैं संस्थाएं
यूपी में युवाओं को शिक्षा और रोजगार में शीर्ष पर लाना चाहती है योगी सरकार। जीआईएस में उच्च शिक्षा में मिले 257922 करोड़ के प्रस्ताव, पढ़ने के साथ ही 7 लाख से अधिक युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार। योगीराज में कई नामचीन संस्थाएं भी बनना चाहती हैं यूपी की समृद्धि की सारथी। हर युवा को शिक्षा, शिक्षा के जरिए काम और काम को पूरा दाम दिलाने को प्रतिबद्ध योगी आदित्यनाथ
योगी सरकार यूपी के युवाओं को शिक्षा और रोजगार में शीर्ष पर लाना चाहती है। सरकार का प्रयास है कि यहां का हर युवा शिक्षित होने के साथ ही अपने घर-गांव में ही रोजगार से जुड़े। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के जरिए योगी सरकार की देखरेख में 33.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। 19058 एमओयू के जरिए रोजगार के 93,82,607 अवसर भी यूपी के युवाओं के लिए सृजित होंगे। इनमें से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 64 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें 2,57,922 करोड़ के निवेश होंगे, जिसके जरिए 7.82 लाख से अधिक युवा रोजगार प्राप्त करने में सक्षम होकर उत्तम प्रदेश के विकास में भागीदार होंगे। विकास, कानून व्यवस्था और स्वस्थ माहौल की बदौलत योगीराज में इस क्षेत्र में कई नामचीन संस्थाएं भी यूपी की समृद्धि में सारथी बनना चाहती हैं।
पढ़ेगा यूपी, बढ़ेगा यूपी की धारणा होगी साकार
देश में सबसे अधिक युवा उत्तर प्रदेश में हैं। योगी आदित्यनाथ यहां के युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा की बदौलत सूबे को निरंतर शीर्ष पर रखने को प्रतिबद्ध हैं। युवा पढ़कर हर क्षेत्र में नाम रोशन करें, इसके लिए जीआईएस में सिर्फ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ही निवेश के 64 प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसका उद्देश्य सही समय पर सही अवसर दिलाना है। देश के कई बड़े राज्य जब बेरोजगारी हटाने का कोई विकल्प नहीं तलाश पा रहे हैं तो ऐसे में योगी आदित्यनाथ अपने युवाओं को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत हैं, बल्कि पढ़ेगा यूपी और बढ़ेगा यूपी की धारणा को साकार करने के लिए नित नए मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं।
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7.82 लाख से अधिक युवा रोजगार से जुड़ेंगे
जीआईएस में ऐतिहासिक33.52 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें सिर्फ उच्च शिक्षा में ही 2,57,922 करोड़ के प्रस्ताव यूपी सरकार को मिले हैं, जो कुल निवेश का 8.92 फीसदी है। इन्हें धऱातल पर उतारने की कार्ययोजना प्रारंभ हो गई है। इसके जमीं पर उतरते ही जहां युवाओं को शिक्षा के नए केंद्र मिलेंगे, वहीं इनके लिए सात लाख 82 हजार 528 अवसर रोजगार के पैदा होंगे। यानी योगी सरकार शिक्षा के साथ रोजगार को भी जोड़ने के संकल्प को पूरा करने के प्रयास को अमलीजामा पहनाएगी।
सरकार की सोचः हर युवा को शिक्षा, शिक्षा से काम और काम का मिले पूरा दाम
जिस यूपी की बेरोजगारी दर जून 2016 के आसपास लगभग 18 फीसदी थी, उसी यूपी में फऱवरी 2022 तक यह दर घटकर लगभग 2 प्रतिशत रह गई है। यूपी की विशाल युवा आबादी को योगी आदित्यनाथ अपनी पूंजी मानते हैं। इनके लिए रोजगार सृजित कर अनुकूल वातावरण तैयार किया जा रहा है। बेरोजगारी दर को भी शून्य पर लाकर योगी सरकार हर युवाओं का काम और काम को पूरा दाम देना चाहती है। नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में युवा उड़ान भरें, इसके लिए पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड समेत हर क्षेत्र में समान रूप से कार्य को गति प्रदान की जा रही है।
कई नामचीन संस्थाएं भी समृद्धि में बनेंगी सारथी
यूपी की समृद्धि में कई नामचीन संस्थाएं भी सारथी बनने को उत्सुक हैं। सबसे अधिक युवाओं वाले यूपी में कानून का राज स्थापित होना ही यहां निवेश का सबसे बड़ा पैमाना है। युनाइटेड स्टेट्स की इंपीरिया इनोवेशन इनवेस्टमेंट ( ऑस्टिन कंसल्टिंग ग्रुप) ही नोएडा और लखीमपुर खीरी में निवेश कर 1.10 लाख युवाओं को रोजगार से जोड़ना चाहती है। पं. वासुदेव तिवारी स्किल यूनिवर्सिटी भी झांसी में 40 हजार करोड़ का निवेश करने को उत्सुक है। कभी पिछड़ेपन की पहचान बने बुंदेलखंड के 5000 से अधिक युवा सिर्फ एक ही संस्था के जरिए रोजगार के नए अवसरों से जुड़ेंगे। वहीं आरपीएम ग्रुप भी आरपीएम विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहती है। समूह के निदेशक अजय शाही ने बताया कि सबसे अधिक युवा यूपी में हैं। हमारा यूपी सबसे आगे रहे, मुख्यमंत्री की इस सोच को सार्थक करने के लिए हमें अनुकूल माहौल मिल रहा, लिहाजा हम भी 500 करोड़ का निवेश कर रोजगार के 1200 अवसर भी मुहैया कराने को प्रतिबद्ध हैं।
समृद्धि की सारथी बनना चाहती हैं संस्थाएं