क्या पेश करूं तुमको…

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क्या पेश करूं तुमको...
क्या पेश करूं तुमको...

क्या पेश करूं तुमको, क्या चीज हमारी है,
ये दिल भी तुम्हारा है, ये जान भी तुम्हारी है।

इस ❤️दिल में बसी है, सूरत तुम्हारी,
हर वक़्त रहती है, ज़रूरत तुम्हारी।

तू मेरी सुबह की पहली किरण है,
और रात का आखिरी हसीन ख्वाब

मेरी हर दुआ में, तेरा ही नाम आता है,
यह दिल हर पल, तुझे ही चाहता है।

तेरी आँखों में जो गहराई है,
उसमें डूब जाने को जी चाहता है।

यह कैसा नशा है, तेरी मोहब्बत का,
जो हर पल, बढ़ता ही जाता है।

तुम पास हो तो, हर लम्हा सुहाना लगता है,
बिन तेरे यह जीवन, भी बेगाना लगता है।

लबों पे तेरे जो, हल्की सी हँसी आती है,
मेरी हर उदासी को, पल भर में मिटा जाती है।

मेरी सुबह भी तुमसे, मेरी शाम तुमसे हो,
मेरी हर राह की मंज़िल का नाम तुमसे हो…. क्या पेश करूं तुमको…