भारतीय आदर्श योग संस्थान का तृतीय स्थापना दिवस

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https://nishpakshdastak.com/the-growing-steps-of-bharatiya-adarsh-yoga-sansthan/?swcfpc=1
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—– एक ऐतिहासिक यात्रा —–

के.के.गुप्ता

प्रिय मित्रों और योग प्रेमियों,

आज हम सब यहाँ एक विशेष अवसर पर इकट्ठा हुए हैं, जो न केवल भारतीय आदर्श योग संस्थान के तृतीय स्थापना दिवस को मनाने के लिए है, बल्कि यह अवसर उन दस वर्षों के अथक परिश्रम और संकल्प का परिणाम है, जिन्होंने हमें इस मंजिल तक पहुँचाया है।प्रारंभ में कस्तूरबा योग साधना केंद्र के नाम से इसे स्थापित किया गया। स्थापित सदस्यों में मुख्य रूप से श्री राजकुमार राज जी, गोपाल कृष्ण गुप्ता जी, अशोक कुमार यादव जी, मरहूम सनी भाई राजेंद्र सत्य स्वरूप शर्मा जी, आदि लोगों ने पूर्ण भाव से समर्थ होकर इसे आगे बढ़ने का काम किया और संकल्प लिया की आजीवन इस योग साधना केंद्र का भरण पोषण करते रहेंगे। जिसके परिणाम स्वरूप आज भारतीय आदर्श योग संस्थान है। हमारा यह सफर आज से दस साल पहले, 4 अगस्त 2015 को कस्तूरबा पार्क में कुछ प्रेरित साथियों के प्रयासों से शुरू हुआ था। यह योग की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्व योग दिवस के उद्घाटन से प्रेरित थी, और उस समय के बाद कुछ विशेष साथियों ने मिलकर इस विचार को आकार दिया।

मैं बहुत गर्व के साथ यह कह सकता हूँ कि हम सब बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि हमारे बीच आदरणीय राजकुमार ‘राज’ जी के प्रयासों से हम सब आदरणीय कृष्ण दत्त मिश्रा जी जैसे योग्य योग प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में एकत्रित हुए। उन दिनों, कस्तूरबा पार्क में हम हर सुबह 5:30 बजे से 8:00 बजे तक योग साधना करते थे। इस यात्रा में बहुत सारे लोग जुड़े और हमें उनकी निरंतरता और उत्साह ने हमेशा प्रेरित किया। इस यात्रा में कई महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों ने योगदान दिया, जैसे सी.एस. यादव, मेजर जनरल सक्सेना, सोमनाथ द्विवेदी, डॉ. सक्सेना, और संगिता जी। कोरोना महामारी के दौरान भी हमें कहीं न कहीं उम्मीद मिली और हमने जनेश्वर मिश्र पार्क, विश्वकर्मा मंदिर बक्कास में योग केंद्र खोले।

इसके बाद, उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री संजय गुप्ता जी के सुझाव से इस संस्था का नाम “आदर्श योग परिवार” रखा गया। और इसके बाद, हम इस संस्था को एक एनजीओ के रूप में पंजीकृत करने का विचार किया, जिससे यह संस्था व्यापक स्तर पर कार्य कर सके। आज, हम गर्व से कह सकते हैं कि यह संस्था अब भारतीय आदर्श योग संस्थान के रूप में पंजीकृत है।

आज हम जो उपलब्धियाँ प्राप्त कर रहे हैं, वह केवल हमारे संघर्ष और समर्पण का परिणाम नहीं हैं, बल्कि इसमें जुड़े सभी साथियों के योगदान और समर्पण का भी परिणाम हैं।
हमारे पहले स्थापना दिवस में श्री राजीव मिश्रा (जनरल मैनेजर, नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे) ने मुख्य अतिथि के रूप में हमें आशीर्वाद दिया था। दूसरे स्थापना दिवस पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा जी ने संस्था की गरिमा बढ़ाई थी। आज, हम यहां उपमुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक और श्रीमती अपर्णा यादव (उपाध्यक्ष, राज्य महिला आयोग) का स्वागत करते हैं, जिन्होंने भारतीय आदर्श योग संस्थान के स्थापना दिवस को और भी गौरवान्वित किया है। आखिरकार, हम सभी का संकल्प है कि भारतीय आदर्श योग संस्थान को आगे बढ़ाते हुए इसे जन-जन तक पहुँचाएं और अधिक से अधिक लोगों को योग के लाभ से लाभान्वित करें।

भारतीय आदर्श योग संस्थान–एक साधना, एक सेवा, एक संकल्प

“इतिहास केवल स्मरण के लिए नहीं होता, वह दिशा देने के लिए होता है।”

आज भारतीय आदर्श योग संस्थान के तृतीय स्थापना दिवस पर, हम एक ऐसे अध्याय को श्रद्धांजलि देते हैं, जिसने न केवल योग की परंपरा को आगे बढ़ाया, बल्कि मानव सेवा के एक अद्वितीय स्वरूप को जन्म दिया। हम आदरणीय निखिल जी को हृदय से नमन करते हैं, जिन्होंने इस संस्था की नींव रखने में और आदरणीय गुरुजी को लखनऊ में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। उनका योगदान एक बीज के समान रहा, जिसने आज एक बरगद के वृक्ष का स्वरूप ले लिया है। हम उन सभी योग प्रेमियों, कार्यकर्ताओं, और सहयोगियों को भी साधुवाद देते हैं, जिन्होंने इस संस्था की जड़ों को सींचा और इसे जन-जन तक पहुँचाया।

यह संस्था केवल योग सिखाने का कार्य नहीं करती, बल्कि यह लोगों को जीवन जीने की कला सिखाती है। राकेश साहू जी, कटरा बाजार से, इसका एक जीवंत उदाहरण हैं-जो कभी कैंसर के मरीज थे, और आज कार्यकारिणी सदस्य के रूप में हम सभी के साथ हैं। ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जहाँ लोगों ने इस योग परिवार से जुड़कर अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त किया है।

आदरणीय कृष्ण दत्त मिश्रा जी, जिनका व्यक्तित्व गंगा की तरह पवित्र और प्रवाहशील है, लखनऊ में एक प्रकाश-स्तंभ के रूप में उभरे हैं। उन्होंने योग को लखनऊ के हर कोने तक पहुँचाने का संकल्प लिया है। आज लामार्टीनियर कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में नियमित रूप से योग सिखाया जा रहा है। राजकुमार जी और अन्य समर्पित साथियों का योगदान इस संस्था की यात्रा को और भी दिव्य बनाता है। जनेश्वर मिश्र पार्क, कस्तूरबा पार्क, और कटरा बक्कास जैसी अनेक जगहों पर नियमित योग सत्र चल रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि यह संस्थान केवल लखनऊ ही नहीं, देश-विदेश में भी लोगों को लाभ पहुँचाए। हम आप सभी से निवेदन करते हैं कि आप अपना सहयोग बनाए रखें, और अधिक से अधिक लोगों को इस योग पथ से जोड़ें।