मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बिगड़ सकता है पीडीए का खेल

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मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बिगड़ सकता है पीडीए का खेल
मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बिगड़ सकता है पीडीए का खेल

अयोध्या। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने है । शासन प्रशासन तैयारियों में जुटा हैं । जिन विधानसभा में उपचुनाव होने हैं उनमें से सबसे ज्यादा प्रमुख सीट अयोध्या जनपद की विधानसभा मिल्कीपुर माना जा रहा है । यह सीट सांसद बनने के बाद सपा से विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने छोडी़ हैं ।आरक्षित सीट होने के कारण मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाला काफी रोचक मुकाबला होने जा रहा हैं । इस चुनाव में अपने को दलितों कि पार्टी का दावा करने वाले दो दलों भीम आर्मी व बसपा के चुनाव में दमदारी से उतारने के बाद पीडीए फार्मूले समाजवादी पार्टी के हवा निकलती दिखी रही है । तो लोकसभा में पराजित होने वाली भाजपा की मुट्ठी में भी दलित वोटों की आने की संभावना कम दिखाई पड़ रही है । दलित वोटों में होने जा रहे बंटवारे में काफी रोचक बना दिया हैं । लोकसभा चुनाव में भाजपा का राम मंदिर व विकास का मुद्दा प्रभावी नहीं रहा हैं । मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बिगड़ सकता है पीडीए का खेल

मिल्कीपुर उपचुनाव में बसपा व भीम आर्मी बिगाड़ सकती है पीडीए का खेल दलित वोटों का ध्रुवीकरण भाजपा की राह कर सकता है आसान

भाजपा को लोकसभा के चुनाव में मिली करारी शिकस्त को भाजपा चुनावी नीति निर्माताओं को अभी यह सोचने को मजबूर कर दिया हैं कि मिल्कीपुर में कौन सा मुद्दा प्रभावी हो सकता है जो जीत के लिए संजीवनी बूटी हो सके। मिल्कीपुर में जीत दर्ज कराकर लोकसभा चुनाव की भरपाई करना चाह रही हैं । तो पुत्रमोह में फंसे सांसद बने अवधेश प्रसाद टिकट मांग रहे पार्टी कार्यकर्ताओं को अपमानित कर अपने बेटे अजीत प्रसाद को चुनाव मैदान टिकट दिलाकर पीडीए फार्मूले के मुताबिक एक बार फिर चुनाव जीतने का स्वप्न देख रहे है। तो वही जानकारो की माने तो परिवारवाद के चलते क्षेत्रीय जनता में अवधेश प्रसाद के खिलाफ काफी आक्रोश पहले से ही है तथा सांसद पुत्र के पास पार्टी के बेस वोट को छोड़कर पिता के नाम के अलावा क्षेत्र में अपना कोई जनाधार नहीं है लेकिन लगातार सांसद एवं उनके पुत्र का विवादों में घिरे रहने की वजह से वह भी लगातार कम होता जा रहा है । यूं तो विधानसभा ने हर राजनैतिक दल को मौका दिया है । फिर भी यहां दो बार छोड़कर सत्ता के विरोधी दलों के भी विधायक बने हैं । दो बार भाजपा के विधायक को मौका मिला है । सामान्य सीट पर मथुरा प्रसाद तिवारी राम लहर में जीते थे । तो दूसरी बार बाबा गोरखनाथ ने सपा के दिग्गज प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को मात दी थी । वर्ष 2012 में अवधेश प्रसाद विधायक रहे और एक बार भाजपा से बाबा गोरखनाथ ने जीत दर्ज कराई थी । मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बिगड़ सकता है पीडीए का खेल