जातीय जनगणना:सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम-योगी

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जातीय जनगणना:सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम-योगी
जातीय जनगणना:सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम-योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना को आगामी राष्ट्रीय जनगणना में शामिल करने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने इसे 140 करोड़ भारतीयों के समग्र हित में लिया गया ऐतिहासिक कदम बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। सीएम योगी के अनुसार, यह निर्णय वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को उचित पहचान दिलाने और योजनाओं में उनकी प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में निर्णायक पहल है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और डेटा आधारित सुशासन की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास करार देते हुए कहा कि इससे नीति निर्माण और संसाधनों के न्यायसंगत वितरण को नई दिशा मिलेगी। साथ ही, यह कदम हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा। जातीय जनगणना पर केंद्र के फैसले को मुख्यमंत्री योगी ने बताया ऐतिहासिक, कहा- सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम। जातीय जनगणना:सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम-योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा आगामी राष्ट्रीय जनगणना में जातीय आंकड़े शामिल करने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इस निर्णय को देश के 140 करोड़ नागरिकों के समग्र हित में लिया गया “ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कदम” बताया। मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सार्वजनिक मामलों की समिति (CCPA) द्वारा लिए गए इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय वंचित, पिछड़े और उपेक्षित वर्गों को उचित पहचान दिलाने और सरकारी योजनाओं में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित होगा।

अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर सीएम योगी ने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में CCPA द्वारा लिया गया यह निर्णय सामाजिक न्याय और डेटा आधारित सुशासन को वास्तविकता में बदलने का ऐतिहासिक प्रयास है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से न केवल योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी, बल्कि समाज के सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में भी मजबूती मिलेगी।सरकार के इस फैसले को लंबे समय से उठ रही मांगों की दिशा में एक सकारात्मक जवाब माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे नीति निर्माण में सटीकता आएगी और संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण को नया आधार मिलेगा। जातीय जनगणना:सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक कदम-योगी