मनुस्मृति अत्यंत निन्दनीय-लौटनराम निषाद
ब्राह्मण कौन मुद्दे पर ब्राह्मणों व धर्मगुरुओं से बहस की चुनौती। मनुस्मृति अत्यंत निन्दनीय व जातिवादी साहित्य।निषाद ने कहा कि रामचरितमानस, मनुस्मृति, बन्च ऑफ थॉट्स के जातिवादी मुद्दे छिड़ी बहस से सिर्फ 3 प्रतिशत अल्प संख्या वाले विधर्मियों व समाजद्रोहियों में सिर्फ बौखलाहट दिख रही है।
लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने ब्राह्मणों व सनातनियों से “ब्राह्मण कौन” मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दिया है।कहा कि पूरे भारत मे वर्तमान परिवेश में दर्जन भर भी ब्राह्मण नहीं मिलेंगे।उन्होंने मनुस्मृति को अत्यंत निन्दनीय,घृणित व जातिवादी ग्रन्थ करार देते हुए उसे प्रतिबंधित करने की मांग किया है।उन्होंने कहा कि पांडेय, मिश्रा, शुक्ला,उपाध्याय, तिवारी,त्रिपाठी,अय्यर,चितपावन, त्रिवेणी,ओझा,झा,पाठक,कुलकर्णी,चटर्जी,बनर्जी,मुखर्जी,शर्मा,भट्ट,मुखोपाध्याय, बंद्योपाध्याय,चटोपाध्याय आदि के घर कोई जन्म लेने भर से कोई ब्राह्मण नहीं हो सकता।जिन्हें वेद की 2,3,4 ऋचाएं या मंत्र व उसका भाष्य तक मालूम नहीं,वे द्विवेदी,त्रिवेदी,चतुर्वेदी उपनाम लिखते हैं,वह शास्त्र सम्मत नहीं है।स्वामी विवेकानंद जी प्रकांड विद्वान व महापंडित थे,लेकिन हिन्दू वर्णव्यवस्था के पोषकों ने उन्हें शूद्र कहकर अपमानित किया और विश्वधर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए हिन्दू धर्म संसद का प्रमाण पत्र नहीं दिया।रामचरितमानस पर छिड़ी बहस से अब सच्चाई सामने आ रही है।धार्मिक साहित्य प्रकाशन समूह गीता प्रेस बहुजन नेताओं के सामने झुककर ताड़न का अर्थ अफरातफरी में शिक्षा कर दिया है,वो बजी बहस का मुद्दा बन गया है।
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निषाद ने कहा कि रामचरितमानस, मनुस्मृति, बन्च ऑफ थॉट्स के जातिवादी मुद्दे छिड़ी बहस से सिर्फ 3 प्रतिशत अल्प संख्या वाले विधर्मियों व समाजद्रोहियों में सिर्फ बौखलाहट दिख रही है,जो झूठे हिन्दू हिन्दू चिल्ला रहे हैं।रामचरितमानस प्रकरण पर छिड़ी बहस हिन्दू धर्म व श्रीराम का मुद्दा नहीं बल्कि जातिवादी तुलसीदास की घटिया मानसिकता से लिखी गयी चौपाइयों,दोहों पर बहस हो रही है।उन्होंने तथाकथित धर्माचार्यों,मठाधीशों, धर्मगुरुओं, महामंडलेश्वरों से जगतगुरु का अर्थ पूछते हुए कहा है कि जगत का अर्थ संसार व विश्व होता है तो भारत में ही एक ही जाति के अनेकों जगतगुरु कैसे? उन्होंने भाजपा सरकार पर गुंडागर्दी, अपराध व अराजकता फैलाने व बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अयोध्या के तपस्वी छवनी का पुजारी महंत परमहंस दास प्रो. चन्द्रशेखर जी की जिह्वा काटने वाले को 10 करोड़ इनाम की घोषणा किया था और अब सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या का सिर कलम करने वाले को इनाम देने की घोषणा की है।इसी तरह अयोध्या हनुमान गढ़ी का महंत राजू दास ने 21 लाख इनाम देने की घोषणा किया है।उन्होंने कहा कि ये संत व महंत नहीं पाखण्डी,गुंडा व अपराधी हैं जो कुत्ता की तरह भोंक रहे हैं।उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से इसके ऊपर आपराधिक मुकदमा कायम कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग किया है।कहा कि यदि कोई पिछड़ा,दलित व दूसरे धर्म का व्यक्ति इस तरह की घोषणा किया होता तो जेल में होता और उसके घर पर बुलडोजर चल गया होता।परमहंस का बॉयोडाटा खंगाला जाएगा तो हत्यारा व बलात्कारी राक्षस निकलेगा।
निषाद ने मनुस्मृति को पूरी तरह आपत्तिजनक ब्राह्मणों की गुंडागर्दी व शैतानी को बढ़ावा देने वाला अमानवीय व जातिवादी ग्रन्थ है।इसमें लिखा है कि 100 वर्ष का क्षत्रिय 10 वर्ष के ब्राह्मण बालक को पिता समान समझे।विभिन्न जातियों की उत्पत्ति के सन्दर्भ में कई श्लोक हैं। “ब्राह्मणद्वैश्य कन्यायांमम्बष्ठोनाम जायते, निषादः शूद्र कन्यायां यः पारशव उच्यते(- मनुस्मृति, अध्याय 10, श्लोक 8), “ब्राह्मणः क्षत्रियोः वैश्य स्त्रियो वर्णाः द्वितीयः, चतुर्थः एक जातिस्तु शूद्रो नास्तितु पंचमः”,”निषादो भार्गवं सूते दासं नोकर्मृ जीविनमु, एैश्वर्तमितियं प्राहुरायी वर्तनिवासिनः” ,”कारावरो निषादात्तु चर्मकारः प्रसूयते,वैदेहिकादन्य मेदो बहिर्ग्राम प्रतित्रयो”, “निषाद स्त्री तु चंडालातपुत्रमन्त्यावसायिनम, श्मशानगोचर सूते वाहयानामपि गर्हितम्र”,” विप्रान्मुर्द्धाभिषिक्तो हि क्षत्रियाणां विशः स्त्रीयाम, अभ्यष्ण शूद्रयां निषादोजातः पारश्वोऽपि वा”(- मनुस्मृति, अध्याय 10, श्लोक 4, 34, 36 1) के अनुसार ब्राह्मण-शुद्रा से निषाद, ब्राह्मण-वैश्या से अम्बष्ठ सातिवाल, निषाद-आयोगवी व मार्गवा से कैवर्त, दास या केवट मल्लाह,निषाद-वैदेही से कारावार या चर्मकार (चमार),वैदेह-निषादी से अन्ध्र,वैदेह- कारावारी से मेद, चांडाल-पुक्कसी से सोपाक अंत्यावासी जाति पैदा होती है।उन्होंने ब्राह्मण धर्मगुरुओं से जानना चाहा है कि महेन्द्र यादव,अनिल यादव,विकास यादव(अहीर),संजय निषाद (मल्लाह) ,रामबिलास पासवान(दुसाध),उदितराज(खटिक),रामदास आठवले(महार),रामनाथ कोविंद(कोरी),शाहरुख खान,पदौदी, आमिर खान,नसीरुद्दीन शाह आदि की पत्नी ब्राह्मणी, अजहरुद्दीन,सैफ अली खान,अरबाज की खत्री व सिंधी व मो.करीम की वैश्य/जैन एवं धर्मेन्द्र(जाट) व जुबिन ईरानी(पारसी) की ब्राह्मणी पत्नियां हैं तो इनके बच्चे किस जाति के होंगे।
मनुस्मृति अत्यंत निन्दनीय-लौटनराम निषाद