मनरेगा: वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7736 कार्य पूर्ण

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ग्रामोन्मुखी योजना का बजट-उपमुख्यमंत्री
ग्रामोन्मुखी योजना का बजट-उपमुख्यमंत्री

मनरेगा योजनांतर्गत बनने वाला खेत तालाब एक-काम अनेक। आजीविका संवर्धन, जल संरक्षण, सिंचाई और पर्यावरण में भी सहायक। प्रदेश में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में अब तक 13,245 कार्य पूर्ण। प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 7736 कार्य पूर्ण किये गये।

लखनऊ।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा कि ग्रामीण परिवेश में रह रहे परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए एवं उनकी आजीविका संसाधनों में वृद्धि के लिए हर वो प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे उनके जीवन को आसान बनाया जा सके। मनरेगा एक महत्वाकांक्षी योजना है इसके अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ लेकर ग्रामीण परिवार अपनी आर्थिक स्थिति भी बेहतर कर रहे हैं।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों को उनके गांव में ही रोजगार देने का कार्य तो कर ही रही है, साथ ही योजना के तहत अपना जीवन स्तर सुधारने के इच्छुक लोगों को विभिन्न व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्यों का लाभ देकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीण परिवारों के आजीविका संसाधनों में वृद्धि हेतु सरकार हर मुमकिन प्रयास कर रही है। मनरेगा योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत लाभार्थीपरक कार्य खेत तालाब का निर्माण कराकर किसानों की आजीविका में संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। बीते 02 वर्षों में 13 हजार से ज्यादा खेत तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण कर किसानों की आजीविका में संवंर्धन करने का कार्य किया गया है।

मनरेगा योजना के अंतर्गत बीते वर्ष 2023-24 में 5509 खेत तालाब के निर्माण कार्य पूरे किये गये थे, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 7736 खेत तालाब के निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुके हैं। खेत तालाब के माध्यम से मत्य पालन व अन्य संबंधित व्यवसाय कर किसानों की आजीविका का उपार्जन किया जा सकता है। खेत तालाब में संरक्षित जल द्वारा कम से कम संसाधन से खेतों में बेहतर सिंचाई की व्यवस्था भी की जा सकती है। इससे किसानों का खेत में कम व्यय के साथ ही समय की भी बचत होती है। खेत तालाब में सिंघाड़ा की फसल को कम से लागत से उत्पादन कर व्यवसाय का साधन बनाया जा सकता है, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

खेत तालाब के माध्यम से वर्षा जल का संरक्षण होता है, जिससे उस क्षेत्र का भूमिगत जलस्तर का संतुलन बना रहता है। सूखे व गर्मी के मौसम में सिंचाई हेतु व पीने योग्य पानी की समस्या से भी निजात मिल सकती है। सरकार द्वारा खेत तालाब निर्माण प्रोत्साहना हेतु सब्सिडी एवं इसके साथ बोरिंग/मत्स्य पालन/सिंचाई/फसल इत्यादि हेतु सब्सिडी व अन्य बैकिंग सुविधाओं का लाभ दिया जाने का प्राविधान है। वन विभाग द्वारा खेत तालाब निर्माण के तहत बन्धों पर निःशुल्क वृक्षारोपण का कार्य कराया कराया जाने का प्राविधान है, जिससे उस क्षेत्र का पर्यावरण भी स्वच्छ व बेहतर रहता है। मनरेगा: वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7736 कार्य पूर्ण