प्रेमानंद महाराज:आस्था और एकजुटता की मिसाल बना भक्तों का समर्पण

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प्रेमानंद महाराज:आस्था और एकजुटता की मिसाल बना भक्तों का समर्पण
प्रेमानंद महाराज:आस्था और एकजुटता की मिसाल बना भक्तों का समर्पण
राकेश यादव
राकेश यादव निडर

प्रेमानंद महाराज के अस्वस्थ होने की खबर से पूरे प्रदेश में चिंता और श्रद्धा का माहौल है। हर घर में उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थनाएं की जा रही हैं। भक्तजन मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में पहुंचकर उनके आरोग्य की कामना कर रहे हैं। कई शिष्यों ने तो व्रत रखकर और भोजन त्यागकर महाराज के स्वास्थ्य लाभ के लिए तपस्या आरंभ की है। श्रद्धा, आस्था और भक्ति का यह संगम समाज में आध्यात्मिक एकजुटता की मिसाल पेश कर रहा है। प्रेमानंद महाराज:आस्था और एकजुटता की मिसाल बना भक्तों का समर्पण

लखनऊ। प्रेमानंद महाराज कोई बाबा नहीं कलयुग के भगवान है। महाराज जी की एक एक बात कोई प्रवचन नहीं जीवन का यथार्थ है। प्रेमानंद महाराज जी भले ही बोल रहे हो कि अब उनका जाने का समय आ गया है लेकिन राधा रानी तो मरे हुए को भी जीवन देती है। प्रेमानंद महाराज के भक्त अपने ही महाराज की यह बात मानने को तैयार नहीं है कि महाराज जी के जाने का समय आ गया है। प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ में जल्दी सुधार के लिए घर-घर में दुआएं हो रही है कि वह जल्दी ही स्वस्थ होकर एक बार फिर हम लोगों के बीच आकर जीवन जीने का मार्ग दर्शन करें। कई घरों में तो प्रेमानंद महाराज के स्वस्थ होने के लिए उनके भक्तों ने अन्न जल तक का त्याग कर दिया है। कोई भी भक्त उन्हें अपने से दूर जाते देखने को तैयार ही नहीं है।

बीते दस दिनों से मथुरा वृन्दावन के कली कुंज धाम में एकाकी दर्शन एवं वार्तालाप के दौरान श्रृद्धालुओं के सवालों का सटीक जवाब देकर लोगों का दिल जीतने वाले प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ गड़बड़ हो गया। प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ खराब होने के सूचना सोशल मीडिया में आग की तरह फैल गई। प्रेमानंद महाराज की आमजनों खासकर युवाओं में बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए मीडिया संस्थानों को भी इस खबर को दिखाने के लिए विवश होना पड़ा। आलम यह हो गया है कि प्रेमानंद महाराज के बिगड़े स्वास्थ का मुद्दा चाय और पान की दुकानों के साथ चौक चौराहों पर युवाओं के बीच चर्चा का विषय बन है। प्रेमानंद महाराज के श्रद्धालु उनके स्वास्थ को लेकर इतने दुखी है कि उन्होंने उनके स्वस्थ होने के लिए अन्न, जल के साथ नींद तक को त्याग कर उनके स्वस्थ होने की दुआएं करने में जुटे हुए हैं।

आशियाना के बंगला बाजार पुलिस चौकी के निकट स्थित पान की दुकान पर एलडीए सेक्टर एच निवासी युवा अनिल कुमार ने प्रेमानंद महाराज के संस्मरणों की याद को ताजा करते हुए बताया कि प्रेमानंद जी कोई बाबा नहीं कलयुग के भगवान है। महाराज की पदयात्रा के दौरान श्रृद्धालु जिस तरह उनके पदचिन्हों का वंदन करते है वह दृश्य अविस्मरणीय होता है। प्रेमानंद महाराज आमजनमानस को जीवन जीने का सलीका सीखते है। उनकी वाणी में अमृत है। आशियाना सेक्टर जे निवासी सुरेश बाजपेई कहते है जिस दिन से यह सुना है कि प्रेमानंद जी का स्वास्थ ठीक नहीं है। तब से जैसे नींद ही गायब हो गई।

बस यही मन करता है कि तरह से वृन्दावन पहुंचकर उनके दर्शन मिल जाए।परिवार के सभी सदस्य उनके जल्दी स्वस्थ होने की दुआ कर रहे है। बंगला बाजार निवासी राकेश यादव कहते है कि प्रेमानंद महाराज के बताए मार्ग पर चलते हुए उन्होंने एक से डेढ़ हजार बार राधा राधा लिखकर प्रेमानंद महाराज के जल्दी स्वस्थ होने की दुआ की है। उन्होंने कहा कि प्रेमानंद महाराज जी हम लोगों को छोड़कर कहीं नहीं जा रहे है वह स्वस्थ होकर जल्दी एक बार फिर हम लोगों के सामने होंगे। प्रेमानंद महाराज:आस्था और एकजुटता की मिसाल बना भक्तों का समर्पण