स्टार्टअप क्षेत्र में बेटियां आगे,स्टार्टअप के क्षेत्र में बेटों को पीछे छोड़ रहीं यूपी की बेटियां। प्रदेश में रजिस्टर्ड 8714 स्टार्टअप में आधे से भी ज्यादा 4305 स्टार्टअप प्रदेश की बेटियों के नाम। योगी की मंशा के अनुरूप यूपी आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट बेटियों को कर रहा प्रोत्साहित। कई योजनाओं के माध्यम से विभाग कर रहा है बेटियों को लाभान्वित।
लखनऊ। एक बॉलीवुड फिल्म का डॉयलाग है कि ‘म्हारी छोरियां, छोरों से कम हैं के’। यह फिल्मी डॉयलाग यूपी में साक्षात साकार हो रहा है। सीएम योगी के प्रयासों के चलते प्रदेश की बेटियां अब स्टार्टअप में भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। यूपी आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट के डाटा के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में कुल 8713 से अधिक स्टार्टअप रजिस्टर्ड हैं, जिसमें से 4305 से अधिक महिलाओं के स्टार्टअप हैं जिसे डीपीआईआईटी ने भी मान्यता दी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की महिलाओं को स्वावलंबी, आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए सीएम योगी ने विभिन्न विभागों में महिला शक्ति के लिए कई तरह की योजनाएं भी संचालित कर रखी हैं, ताकि वह सशक्त होकर स्वावलंबी बनने के साथ प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएं। सीएम योगी की इसी मंशा को धरातल पर उतारने में यूपी इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट ने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है।
महिला उद्यमियों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान
यूपी आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट प्रदेश में स्टार्टअप की दुनिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हे विभिन्न तरह की रियायतें दे रहा है। यूपी आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स डिपार्टमेंट के विशेष सचिव अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश में स्टार्टअप की दुनिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभाग की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इसी के तहत महिला उद्यमियों को अतिरिक्त 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। बता दें कि विभाग द्वारा एक स्टार्टअप के लिए कुल 7.5 लाख की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है। अगर स्टार्टअप में 26 प्रतिशत से अधिक से भागीदारी होती है तो 50 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है।
ऐसे में महिला उद्यमी को 3 लाख 75 हजार की अतिरिक्त अनुदान धनराशि दी जाती है। इसके अलावा उन्हें एक वर्ष के लिए प्रति माह 17,500 रुपये का भरण-पोषण भत्ता दिया जाता है। विभाग की इसी योजनाओं का फायदा उठाकर प्रदेश की करीब चार से अधिक आदिशक्तियों ने अपने सपनों को उड़ान दी। प्रदेश की ऐसी ही दो नारीशक्ति (नेहा और अनुष्का) हैं जिन्होंने न केवल स्टार्टअप तैयार कर आत्मनिर्भर बनीं बल्कि आधी आबादी के लिए प्रेरणा बन गयीं हैं। स्टार्टअप इको सिस्टम का अनुष्का और नेहा जैसी कई महिलाओं के जीवन पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ा है। स्टार्टअप के जरिये वे वित्तीय और सामाजिक बाधाओं को दूर करने में सक्षम हुईं हैं। विभाग की यह योजना प्रदेश में महिला उद्यमिता के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुई है।
लखनऊ की नेहा ने बनाया द फिन लिट स्टार्टअप
लखनऊ की नेहा मिश्रा ने बताया कि साफ्टेवयर इंजीनियर हैं। उन्होंने कई संस्थानों में काम किया है। कुछ कठिन व्यक्तिगत परिस्थितियों से जूझना पड़ा। इस दौरान वह अमेरिका की एक कंपनी स्टॉक एक्सचेंज की जॉब कर रही थीं। कोरोना महामारी की वजह से उन्होंने लखनऊ की ओर रूख किया। ऐसे में उन्होंने वित्तीय साक्षरता को खुद के साथ दूसरे के लिए भी जरूरी समझा और अपना खुद का स्टार्टअप तैयार करने की ठानी। उन्होंने सीएम की मंशा के अनुरूप स्टार्टअप तैयार किया। इसके लिए उन्हे आईटी एंड इलेक्ट्रानिक डिपार्टमेंट से संपर्क किया। विभाग की मदद से उन्होंने लोगों को फाइनेंशियल प्रॉब्लम फेस न करनी पड़े, इसके लिए वर्ष 2020 में द फिन लिट नाम से स्टार्टअप तैयार किया। इसके जरिये वह लोगों को आर्थिक साक्षर बना रही हैं। वह द फिन लिट स्टार्टअप से लोगों को इंवेस्टमेंट की बारिकियां के विभिन्न पहलुओं, इंश्योरेंस, रिटायर्डमेंट प्लान के बारे में अवगत करा रही हैं ताकि उन्हे विशेष परिस्थितियों में वित्तीय सहायता के लिए न भटकना पड़े और न हीं किसी के सामने हाथ फैलाना पड़े। नेहा ने कुछ समय पहले ही ऑनलाइन एप भी तैयार किया है जिसे अब तक पांच हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। इसके अलावा वह सेमिनार, वेबिनार के माध्यम से भी लोगों को आर्थिक योजनाओं के प्रति जागरुक कर रही हैं।
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