देश में कृषि स्टार्ट-अप

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देश में कृषि स्टार्ट-अप
देश में कृषि स्टार्ट-अप

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के तहत समर्थित देश में कृषि स्टार्ट-अप की राज्यवार सूची नीचे दी गई है:

“नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” आरकेवीवाई के तहत समर्थित देश में राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में क्षेत्रवार कृषि स्टार्ट-अप का विवरण।

क्र. सं.राज्य और केंद्रशासित प्रदेशकुल स्टार्टअप की संख्या
1आंध्र प्रदेश61
2अरुणाचल प्रदेश13
3असम49
4बिहार48
5छत्तीसगढ़79
6गोवा2
7गुजरात47
8हरियाणा84
9हिमाचल प्रदेश33
10 जम्मू-कश्मीर24
11झारखंड7
12कर्नाटक211
13केरल97
14मध्य प्रदेश68
15महाराष्ट्र226
16मणिपुर22
17मेघालय2
18मिजोरम25
19नगालैंड2
20ओडिशा61
21पंजाब52
22.राजस्थान66
23तमिलनाडु137
24तेलंगाना98
25त्रिपुरा13
26उत्तर प्रदेश86
27उत्तराखंड32
28पश्चिम बंगाल17
29दिल्ली एनसीआर41
30अंडमान – निकोबार1
31चंडीगढ़3
32पांडिचेरी1
 कुल1708

भारत सरकार कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कृषि स्टार्टअप को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है,कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के पोषण के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके नवाचार और कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2018-19 से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत “नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास” कार्यक्रम को लागू कर रहा है।तक, कृषि स्टार्टअप के प्रशिक्षण और इनक्यूबेशन तथा इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए 5 नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और 24 आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इनक्यूबेटर (आर-एबीआई) स्थापित किए गए हैं।

कार्यक्रम के तहत, अवधारणा/ प्री सीड स्टेज पर 5.00 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता और 2020-21 के लिए 1.5 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के उद्यमियों/ स्टार्टअप को अपने उत्पादों, सेवाओं, व्यावसायिक प्लेटफार्मों आदि को बाजार में लॉन्च करने और उन्हें अपने उत्पादों और परिचालनों को बढ़ाने में सुविधा प्रदान करने के लिए बीज चरण में 25 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है। कार्यक्रम के तहत स्थापित इन नॉलेज पार्टनर्स (केपी) और आरकेवीवाई एग्रीबिजनेस इन्क्यूबेटर्स (आर-एबीआई) द्वारा स्टार्ट-अप्स को प्रशिक्षित और इनक्यूबेट किया जाता है भारत सरकार विभिन्न हितधारकों के साथ उन्हें जोड़कर कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए कृषि-स्टार्टअप कॉन्क्लेव, कृषि मेले और प्रदर्शनियों, वेबिनार, कार्यशालाओं सहित विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित करती है।

इसके अलावा, भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को पोषित करने के लिए 2023-24 से शुरू होने वाले 3 वर्षों के लिए 300 करोड़ रुपये का कृषि त्वरक कोष स्थापित करने की मंजूरी दी है।

अब तक कृषि और संबद्ध क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में 1708 कृषि स्टार्टअप को 122.50 करोड़ रुपये की तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ समर्थन दिया गया है। यह सहायता विभिन्न केपी और आर-एबीआई को 2019-20 से 2023-24 तक किस्तों में जारी की गई है, ताकि इन स्टार्टअप को आरकेवीवाई के तहत “नवाचार और कृषि-उद्यमिता विकास” कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित किया जा सके।

कार्यक्रम के तहत समर्थित कृषि स्टार्टअप विचार से लेकर स्केलिंग और विकास के चरण तक कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। ये कृषि स्टार्टअप कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि सटीक कृषि, कृषि मशीनीकरण, कृषि उपस्कर और आपूर्ति श्रृंखला, अपशिष्ट से धन, जैविक खेती, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन आदि में काम कर रहे हैं। कृषि स्टार्टअप द्वारा विकसित उभरती प्रौद्योगिकियां और उत्पाद देश में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में खेती की तकनीकों का आधुनिकीकरण करके विभिन्न किफायती और अभिनव समाधान प्रदान कर रहे हैं। ये स्टार्टअप पारंपरिक खेती के तरीकों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक, डेटा एनालिटिक्स और टिकाऊ कार्य प्रणालियों का लाभ उठा रहे हैं।केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।