सुल्तानपुर जेल में बंदियों ने आत्महत्या नहीं की उनकी हुई हत्या। मैजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा। दो विचाराधीन बंदियों के पेड़ पर लटकर आत्महत्या का मामला। सुल्तानपुर जेल में बंदियों ने आत्महत्या नहीं की उनकी हुई हत्या
लखनऊ। जिला जेल सुल्तानपुर में विचाराधीन बंदी करिया और मनोज की कथित रूप से फांसी लगाने से मौत नहीं हुई थी। जबकि इन बंदियों की फांसी लगाकर हत्या की गई थी। इस सच की पुष्टि मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में हुई है। दिलचस्प बात यह है कि जांच रिपोर्ट विभाग के मुखिया के पास पहुंचने के बाद भी दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जेल प्रशासन का दावा था कि इन दोनों कैदियों ने मानसिक अवसाद के कारण फांसी लगा ली। सुल्तानपुर जेल में बंदियों ने आत्महत्या नहीं की उनकी हुई हत्या
बीती 22 जून 2023 को सुल्तानपुर जिला जेल में दो बंदियों के फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने का मामला सुर्खियों में आया था। बंदियों की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा मचाया। बंदियों के परिजनों का आरोप था कि बंदियों ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या की गई है। मामले को बढ़ता देख जिला प्रशासन ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराए जाने का आश्वासन देकर किसी तरह मामले को शांत कराया था। जिला प्रशासन ने मामले की जांच सीजेएम सुल्तानपुर सपना त्रिपाठी को सौंपी। मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में मृतक बंदियों को अवसाद से ग्रस्त नहीं पाया गया। जांच में पाया गया कि मृतक बंदी मनोज और करिया की मौत के समय और कारण पूर्णतया संदिग्ध है। उनकी मृत्यु 21 जून 2023 के पूर्व हो चुकी थी किंतु जेल प्रशासन ने जानबूझकर उनके मृत्यु की सूचना नहीं दी थी।
दोषियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने 22 जून 2023 को जिला जेल सुल्तानपुर में विचाराधीन बंदी करिया और मनोज की हत्या के मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह के पास पहुंच गई है। किंतु उनके द्वारा जानबूझकर मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने अविलंब हत्या का मुकदमा दर्ज करने कर उसकी सीबीसीआईडी जांच की मांग की है। इसके साथ ही जेल अधीक्षक सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों को तत्काल निलंबित किए जाने की भी मांग की है।
सीजेएम सपना त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक बंदियों की मौत का कारण एंटी मॉर्टम हैंगिंग है, किंतु उनके पोस्ट मॉर्टम से स्पष्ट है कि मृतक बंदियों को किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में उनकी इच्छा के विरुद्ध फांसी पर लटकाया गया, जिसके कारण यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जेल प्रशासन की है। उधर इस संबंध में जब अपर मुख्य सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके निजी सचिव विनय सिंह ने बताया कि वह मीटिंग में है, अभी बात नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा अभी ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। सुल्तानपुर जेल में बंदियों ने आत्महत्या नहीं की उनकी हुई हत्या