
उत्तर प्रदेश के जनादेश नें दिये कई संदेश। मंदिर-मस्जिद नहीं चला। हिंदू-मुसलमान नहीं चला। तालिबान-पाकिस्तान नहीं चला। राम, राशन और राष्ट्रवाद भी नहीं चला। अखिलेश यादव का PDA सफल !
तो क्या चला ?…
संविधान, आरक्षण, रोजगार, महंगाई, अग्निवीर, एमएसपी, गांव ग्रामीण की समस्या, पुलिस का डंडा, प्रशासन का मकड़जाल, मध्यम वर्ग पर टैक्स टेरर, व्यापारी GST से बेहाल। गांव में तबाह आर्थिक स्थिति। सांसदों का अहंकार।
जनादेश का संदेश है की अब बातें ही नहीं। लोगों को बदलाव अपने सामने चाहिए। अयोध्या से बीजेपी हार गई। संदेश दीवार पर लिखा है। “राम, रोम रोम में हैं। लेकिन आपको जो दायित्व दिया है उसकी मर्यादा न लांघे। काम करो। जनता का जीवन आसान करो।” अति पिछड़े और दलित वर्ग को अपने अधिकार चाहिए। राम, राशन, राष्ट्रवाद तो चाहिए लेकिन रोजगार भी इसके साथ जरूर चाहिए। वरना जो देगा उसके साथ जाएंगे।
कुछ पिछड़े नेताओं को ही “पूरा समाज” मानकर पुरस्कार लेने वालों को जनता ने खारिज कर दिया है। कुर्मी, कुशवाहा, राजभर, निषाद, जाटव, पासी प्रजापति, बिंद केवट, मल्लाह और राजपूत। इस बार इनका वोटिंग पैटर्न, शोध का विषय है। जो खुली किताब जैसे हैं वो मुसलमान बिरादरी। वोट वहीं जायेगा, जो बीजेपी को हराएगा।
अगला संदेश…
बीएसपी पतन की ओर अग्रसर है। ये किस तलातल पर जाके रुकेगा कोई नही जानता। इस चुनाव सीटों और वोट प्रतिशत में कांग्रेस उससे आगे है। तीसरे नंबर का ताज अब यूपी में कांग्रेस के पास है। बीएसपी सिंगल डिजिट वोट शेयर पर आ गई है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी यूपी में बहुजन के नए नायक हैं। बहुजन के लिए बहन जी उनकी देवी हैं लेकिन वोट उन्हे नहीं देंगे। या बहुत कम देंगे। उन्हे इस जोड़ी में भविष्य दिखता है।
जनादेश का संदेश…
युवा को काम। बेटियों को बराबरी। व्यापारी को धंधा। किसान को एमएसपी। महिलाओं को मदद। गरीब को राशन लेकिन रोज रोज याद दिलाना की राशन देते हैं ये उनके आत्मसम्मान को कचोटता है। हक समझ के दीजिए उन्हे। समाज शासन और सरकार में हिस्सेदारी। दलित और पिछड़े अब एक प्लेटफार्म पर आ गए हैं। वो अपनी ताकत को पहचान गए हैं। वो एजेंडा और प्रोपोगंडा सब समझते हैं। यूपी के सामाजिक तानेबाने मे ये सब बातें “लाउड एंड क्लियर” है। चुनाव में इसे पढ़कर भी जो थे अंजान। आज उन्हीं का हुआ है नुकसान।
—– कुर्मी (पटेल) —–
1.फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल
2.बस्ती से राम प्रसाद चौधरी
3.अंबेडकरनगर से लालजी वर्मा
4.बांदा से कृष्णा पटेल
5.प्रतापगढ़ से शिवपाल सिंह पटेल
6.श्रावस्ती से रामशिरोमणि वर्मा
7.खीरी से उत्कर्ष वर्मा
—– पासी (सरोज,रावत पासवान,चौधरी) —–
8.लालगंज से दारोगा प्रसाद सरोज
9.अयोध्या से अवधेश प्रसाद पासी
10.मोहनलालगंज से आरके चौधरी
11.कौशांबी से पुष्पेंद्र सरोज
12.मछलीशहर से प्रिया सरोज
—– अहीर(यादव) —–
13.कन्नौज से अखिलेश यादव
14.मैनपुरी से डिंपल यादव
15.आजमगढ़ से धर्मेन्द्र यादव
16.फिरोजाबाद से अक्षय यादव
17.बदायूं से आदित्य यादव
—– मुसलमान —–
18.गाजीपुर से अफजाल अंसारी
19.कैराना से इकरा हसन
20.संभल से जियाउर्रहमान बर्क
21.रामपुर से मुहिबुल्ला नदवी
—– कोईरी मौर्या, कुशवाहा —–
22.जौनपुर से बाबूसिंह कुशवाहा
23.एटा लोकसभा से देवेश शाक्य
24.आंवला से नीरज मौर्य
—– निषाद —–
25.संतकबीरनगर से पप्पू निषाद
26.सुल्तानपुर से रामभुआल निषाद
—— ठाकुर ——
27.चंदौली से चौधरी बिरेंद्र सिंह
28.धौरहरा से आनंद भदौरिया
—— ब्राह्मण —–
29.बलिया से सनातन पांडेय
30.घोसी से राजीव राय
—– बनिया एवं अन्य —–
31.मुरादाबाद से रुचिवीरा(बनिया)
32.मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक(जाट)
33.इटावा से जितेंद्र कुमार दोहरे(चमार)
34.हमीरपुर से अजेन्द्र सिंह लोधी
35.जालौन से नारायण अहिरवार(जाटव)
36.सलेमपुर से रमाशंकर राजभर
37.रॉबर्ट्सगंज से छोटे लाल(कोल आदिवासी) अखिलेश यादव का PDA सफल !