कोविड अनुकूल व्यवहार जरूरी-मुख्यमंत्री

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कोविड अनुकूल व्यवहार जरूरी-मुख्यमंत्री
कोविड अनुकूल व्यवहार जरूरी-मुख्यमंत्री

कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में, बनाए रखें सतर्कता व सावधानी।कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाना जरूरी। मुख्यमंत्री का निर्देश, कोविड से बचाव के लिए बढाएं जागरूकता, भीड़भाड़ से बचें बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग। राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति और उच्चस्तरीय टीम-9 के साथ मुख्यमंत्री जी ने की कोविड की स्थिति की समीक्षा। अप्रैल में अब तक 0.65% रही प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर,हर जिले में तत्काल क्रियाशील हो डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, एक्टिव करें आईसीसीसी। अस्पतालों में अनिवार्य हो मास्क का प्रयोग। नगर निकाय चुनाव के बीच सुनिश्चित हो हर व्यक्ति की स्वास्थ्य सुरक्षा, राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद कर लागू करें उपाय। मतदान कार्मिकों को उपलब्ध कराई जाए कोविड सुरक्षा किट। अधिकाधिक किसानों को दिलाएं पीएम कुसुम योजना का लाभ। कोविड अनुकूल व्यवहार जरूरी-मुख्यमंत्री

देश में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बुधवार को राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति और उच्चस्तरीय टीम-9 के साथ प्रदेश की स्थिति की समीक्षा की और व्यापक जनहित में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए..

● बीते कुछ समय से देश के विभिन्न राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वर्तमान में देश में 38 हजार से अधिक एक्टिव केस हैं, हालांकि उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। यहां न केवल पॉजिटिविटी दर कम है, बल्कि जो कोविड पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं, उनकी स्थिति भी सामान्य है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति घबराने की नहीं सतर्क और सावधान रहने की है।

● वर्तमान में प्रदेश में 1791 एक्टिव केस हैं और अप्रैल माह में अब तक पॉजिटिविटी दर 0.65% रही है। पिछले अनुभवों को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक होगा कि हम हर स्तर पर सतर्क रहें। हमें अलर्ट मोड में रहना होगा। लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, वाराणसी, आगरा और मेरठ जनपद में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोविड के हर संदिग्ध मरीज को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जाए। स्थानीय जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए सभी जिलों में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तत्काल क्रियाशील कर दिया जाए।

● उत्तर प्रदेश कोविड टीकाकवर से सुरक्षित है। सर्वाधिक टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। राज्य स्तरीय कोविड सलाहकार समिति की रिपोर्ट बताती है कि कोविड को लेकर प्रदेश में किसी बड़े खतरे की आशंका न्यून है, लेकिन हमें कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनाना चाहिए। गंभीर रोग से ग्रस्त, वृद्धजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आवागमन से यथासंभव बचने का प्रयास करें। यदि जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएं। इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाए। अस्पतालों के बाहर भी पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जागरूकता प्रसार करें। अस्पतालों में मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए।

● प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। चुनाव प्रचार और मतदान के बीच संक्रमण प्रसार की आशंका भी है। ऐसे में हर मतदाता की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो और वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके, इसके लिए मुख्य सचिव स्तर से राज्य निर्वाचन आयोग से संवाद स्थापित करते हुए आवश्यक उपाय किए जाएं। आवश्यकतानुसार मतदान कार्मिकों को कोविड सुरक्षा किट भी उपलब्ध कराया जाए।

● कोविड से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश में सभी जरूरी लॉजिस्टिक उपलब्ध हैं। विगत वर्ष स्थापित सभी ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हों। अस्पतालों/मेडिकल कॉलेजों को उपलब्ध कराए गए वेंटिलेटर एक्टिव हों। पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती हो। जहां वेंटिलेटर हो वहां एनेस्थेटिक की तैनाती जरूर की जाए।

● विगत दिवस आयोजित प्रदेशव्यापी मॉक ड्रिल में जहां भी जिस भी तरह की कमी पाई गई हो, उसे तत्काल ठीक किया जाए। सभी 75 जनपदों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम हों। इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को तत्काल एक्टिव करें।

● प्रदेश में जारी गेहूं खरीद प्रक्रिया के तहत अब तक 19 हजार मीट्रिक टन गेहूं क्रय किया जा चुका है। खरीद के बाद किसानों को भुगतान में कतई देरी न हो। तय समय के भीतर किसानों के बैंक खाते में गेहूं मूल्य का भुगतान कर दिया जाए। क्रय केंद्रों पर किसानों की जरूरतों का भी ध्यान रखें।

● स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान करने में सफलता प्राप्त की है। इनकी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जाए। अब तक 60 लाख से अधिक ग्रामीणों को घरौनी प्रदान की जा चुकी है। ड्रोन सर्वेक्षण के कार्य भी पूरा हो चुका है। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र “घरौनी” मिल जाए।

● भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहित करते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना’ संचालित हो रही है। पीएम कुसुम योजना किसानों को अपनी भूमि पर स्थापित सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से स्वयं के लिए बिजली उत्पादन करने और ग्रिड को बिजली बेचने का विकल्प प्रदान करते हुए अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर देती है। इस योजना को लेकर किसानों में उत्साह है। अधिकाधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिलाया जाए। कोविड अनुकूल व्यवहार जरूरी-मुख्यमंत्री