जनता त्रस्त भाजपा सरकार मस्त-अखिलेश

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कोरोना संकट का विस्तार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 97,362 केस मिले जिनमें 1,778 मौतें हो चुकी है। राजधानी लखनऊ में 22 मौतें हुई हैं। मंगलवार को कोविड-19 की तादाद भारत में 18.5 लाख तक पहुंच गई। 24 घंटे में 52,050 नए केस दर्ज हुए।

मोदी और योगी सरकार पर आक्रमण रुख अपनाते हुए अखिलेश ने हमला बोला कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश की जनता को अपराध, कोरोना महामारी और बाढ़ के संकट में डूबो दिया है। भाजपा सरकार केवल गाइडलाइन जारी करती है और सो जाती है। प्रदेश में कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखने पर भाजपा की राज्य सरकार पूरी तरह विफल है। अपराधियों पर उसका कोई अंकुश नहीं रह गया है। प्रदेश में लगभग 1 लाख से ज्यादा कोरोना मरीज हो गए हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बाढ़ का प्रकोप गहराता जा रहा है, तटबंध टूट रहे हैं, गांव जलमग्न हो रहे हैं, अधिकारी उधर झांकने भी नहीं जा रहे हैं।

     जनपद आजमगढ़ की सगड़ी तहसील बुरी तरह बाढ़ग्रस्त है। एक तरफ छोटी सरयू और दूसरी तरफ घाघरा नदी में बाढ़ के कारण सैकड़ों गांव प्रभावित हैं। सोमवार की सुबह दो बजे टेकनपुर गांव के पास तटबंध टूट गया। दर्जनों गांवों में पानी के बहाव से फसलें जलमग्न हो गई। करीब 20 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है। जिन गांवों में पहले बाढ़ का असर नहीं होता था वहां भी इस बार बाढ़ ने असर दिखा दिया। सुबह 03ः00 बजे लोग सोए हुए थे, पचासों गांवों में लोगों के घरों में रखे खाद्य पदार्थ, कपड़े आदि का नुकसान हुआ।


     घाघरा में बाढ़ से सैकड़ों गांव घिर गये है। जानवर पानी में है। आदमी तख्त व चारपाई पर बैठे दिन काट रहे हैं। उनका कहना है 1998 के बाद यह बड़ी बाढ़ आई है। समाजवादी पार्टी के विधायकों सहित एक प्रतिनिधिमण्डल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया था फिर भी कोई इंतजाम नहीं किए गए। नाव की व्यवस्था से लेकर स्वास्थ्य, पशुओं की सुरक्षा तथा बंधों की निगरानी भी नहीं हुई है। लोगों को भोजन, चारा, दूध, किरोसिन आदि की दिक्कत हो रही है।

     अब उत्तर प्रदेश में पुलिस के भरोसे नहीं जनसामान्य की सुरक्षा अपराधियों की दयादृष्टि से ही सम्भव है। कानपुर में अधिवक्ता की घर में घुसकर दबंगों ने पिटाई कर दी। कल्याणपुर (कानपुर) थाना में अत्यन्त अपमानजनक दृश्य देखने को मिला। फरियादी पीड़ित महिलाएं नीचे जमीन पर बैठी हैं और दारोगा जी कुर्सी पर बैठे हैं। बागपत के गांधीगांव में हत्या की दर्दनाक घटना हुई। बलिया में व्यवसाई की पीटकर हत्या की गई। झांसी के प्रेमनगर में रक्षाबंधन से एक दिन पहले फांसी लगाकर शुभम परिहार ने जान दे दी।


     सिद्धार्थनगर के हरैया निवासी 23 वर्षीय युवक विजय चैधरी ने फांसी लगा ली। वह मुम्बई में काम करता था। कोरोना संकट के दौर में गांव लौट आया था। चार महीने से गांव में रोजगार की तलाश में भटक रहा था। कानपुर में ही रक्षा बंधन के दिन रेल बाजार थाने के पास डबल मर्डर की घटना हुई। पत्नी की गला घोंट कर हत्या हुई तो पति की ईंट से कुचल कर हत्या कर दी गई। जनपद गाजियाबाद के थाना लोनी में अज्ञात शव मिलने से सनसनी फैल गई। इनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है।
      राजधानी लखनऊ में चोरियां आम बात हो गई है। बाजार खाला क्षेत्र में मासूम से अश्लीलता और रेप की कोशिश हुई। कैसरबाग के एक होटल में मैनेजर ने फांसी लगा ली। इस्माइलगंज में किशोर का शव पेड़ से लटका मिला। नरही में पति ने पत्नी को फोन कर फांसी लगा ली।


    प्रदेश अब अराजक जंगलराज में तब्दील हो गया है। प्रशासन बाढ़ से निबटने और अपराध नियंत्रण के मामलों में निष्क्रिय नज़र आता है। कोराना से बचाव में स्वास्थ्य सेवाएं नाकामयाब साबित हो चुकी हैं। भाजपा सरकार ने अपने हाथपांव ढीले कर दिए हैं और राज्य को राम भरोसे छोड़ दिया है। जनता त्रस्त है। लोगों की उम्मीदें भी अब भाजपा सरकार से खत्म हो चुकी हैं। सभी को अब 2022 के चुनावों का इंतजार है जब वोट से सत्ता परिवर्तन का उन्हें मौका मिलेगा।