यूपी के गांवों में रोजगार की नई राह

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यूपी के गांवों में रोजगार की नई राह
यूपी के गांवों में रोजगार की नई राह

योगी के नेतृत्व में यूपी के गांवों में खुली रोजगार की नई राह। चालू वित्तीय वर्ष में अबतक 60.17 लाख परिवारों को मिला रोजगार। रोजगार सृजन में बस्ती जिला प्रदेश में अव्वल, आजमगढ़ का दूसरा स्थान। मुख्यमंत्री योगी की 100 दिन के रोजगार की गारंटी, एक लाख से अधिक परिवारों को मिला लाभ। रोजगार के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं का हो रहा सशक्तिकरण। यूपी के गांवों में रोजगार की नई राह

ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक

लखनऊ। मनरेगा योजना के माध्यम से सीएम योगी ने ग्रामीण क्षेत्रों को रोजगार उपलब्ध कराने, महिलाओं का सशक्तिकरण करने और बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए कई तरह के प्रयासों को मूर्तिरूप दिया है। मुख्यमंत्री योगी की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक सजगता से उत्तर प्रदेश का ग्रामीण परिवेश तेजी के साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। योगी की अगुवाई में प्रदेश में 2024-25 के चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 60.17 लाख परिवारों को गांव में रोजगार से जोड़ा गया है।

रोजगार सृजन में बस्ती जिला प्रदेश में नंबर वन

प्रदेश के बस्ती जिले ने मनरेगा के तहत रोजगार सृजन में प्रदेश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। बस्ती में अब तक 1,95,717 मांगों के सापेक्ष 1,95,714 परिवारों को गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है, जिससे 79,40,929 मानव दिवस का सृजन हुआ है। इस प्रयास के लिए बस्ती को प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि आजमगढ़ और जौनपुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि मनरेगा के तहत अधिक से अधिक मानव दिवस सृजित किए जाएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने गांव में ही रोजगार मिल सके। ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि मनरेगा योजनाओं का क्रियान्वयन और बेहतर तरीके से हो ताकि ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जा सकें।

ग्रामीण विकास में बहुआयामी योजनाओं का समावेश

मनरेगा के अंतर्गत न केवल रोजगार बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इनमें रोजगार के साथ-साथ आवास, पेयजल, महिला सशक्तिकरण, सिंचाई, सड़क निर्माण और पौधरोपण जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की समग्र प्रगति और लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मनरेगा को ग्रामीण विकास का महत्वपूर्ण साधन बना दिया है। उनके नेतृत्व में, उत्तर प्रदेश के गांवों में न केवल लोगों को रोजगार मिल रहा है बल्कि गांवों का ढांचा भी सशक्त हो रहा है। रोजगार के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता और सशक्तिकरण की दिशा में हुए प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्र नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर हैं।

महिला सशक्तिकरण में मनरेगा का योगदान

प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी मनरेगा का विशेष योगदान है। गांव की महिलाएं इस योजना के अंतर्गत न केवल रोजगार प्राप्त कर रही हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता भी मिल रही है। सरकार द्वारा महिलाओं को विशेष अवसर प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवारों के लिए आर्थिक योगदान दे सकें। मनरेगा के तहत महिलाओं को रोजगार मिलने से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं।

100 दिन के रोजगार का लक्ष्य

इस वर्ष मनरेगा योजना के तहत एक लाख से अधिक परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। अब तक 1,00,371 ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने 100 दिनों का रोजगार प्राप्त कर अपनी आजीविका को स्थिर बनाया है। योगी सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मिले, ताकि उनके जीवन में आर्थिक सुरक्षा हो। योगी सरकार के इस ऐतिहासिक प्रयास से ग्रामीण लोगों का जीवन बदल रहा है। सरकार की ओर से मनरेगा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है ताकि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलों में अधिकारियों को इस योजना के सफल क्रियान्वयन का जिम्मा सौंपा गया है। यूपी के गांवों में रोजगार की नई राह