अच्छे व्यवहार एवं मानवीय दृष्टि से बंदियों की समस्याओं को समझें-धर्मवीर

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अच्छे व्यवहार एवं मानवीय दृष्टि से बंदियों की समस्याओं को समझें-धर्मवीर
अच्छे व्यवहार एवं मानवीय दृष्टि से बंदियों की समस्याओं को समझें-धर्मवीर

कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं मुख्यालय, लखनऊ में कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति कि अध्यक्षता में विभागीय समीक्षा की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। मंत्री ने जेल अधिकारियों से कहा कि अच्छे व्यवहार तथा मानवीय दृष्टि से बंदियों की समस्याओं को समझें। कारागारों में चल रहे वन जेल वन प्रोडक्ट अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि बंदियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की मार्केटिंग के ऊपर ध्यान देना अति महत्वपूर्ण है जिससे उन्हें एक अच्छी पारिश्रमिक मिले जिससे दूसरे बंदियों को प्रेरणा मिले तथा उनका मनोबल बनाने में मदद मिले। इस प्रकार वह स्वयं एवं अपने परिवार की मदद करके मानसिक तनाव से भी दूर रहेंगे। साथ ही उन्होंने वर्तमान के मार्केट को देखते हुए जेल उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की बात कही। अच्छे व्यवहार एवं मानवीय दृष्टि से बंदियों की समस्याओं को समझें


कारागार विभाग एक परिवार की तरह है इसलिए सकारात्मक सोच व अच्छे विचारों के साथ सामूहिक रूप से समायोजन के साथ आगे बढ़े। बैठक में ओवरक्राउडिंग, नवीन कारागारो के निर्माण की स्थिति, बजट आवंटन, उपकरणों की स्थिति, पदोन्नति, नवनिर्मित केंद्रीय कारागार इटावा का संचालन, ओ.डी.ओ.पी एवं कौशल विकास, समय पूर्व रिहाई, आजादी का अमृत महोत्सव व अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।

राज्य मंत्री सुरेश राही जी ने कहा के कारागारों में ओवरक्राउडिंग और कम स्टाफ होने की वजह से स्टाफ में तनाव बढ़ता है इसीलिए स्टाफ की पूर्ति की आवश्यकता है। साथ ही कारागारो में जलभराव की समस्या को देखते हुए उन्होंने पुरानी कारागारो में वाटर हार्वेस्टिंग का सुझाव दिया।प्रमुख सचिव, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं, राजेश कुमार सिंह ने समस्त सुझावों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया तथा बताया की शासन नीति के तहत कारागारो की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए तत्परता से अग्रसर है।

पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक कारागार एस एन साबत जी ने बताया की कारागारो में ओवरक्राउडिंग की स्थिति को दो तरीकों से सुधारा जा रहा है, पहला बंदियों की स्थाई नीति के अंतर्गत समय पूर्व रिहाई व दूसरा कैपेसिटी बिल्डिंग जैसे नई जेल व जेलो में नई बैराको का निर्माण। पुलिस महानिदेशक कारागार ने बताया कारागार में लगभग एक तिहाई सजायाफ्ता तथा दो तिहाई विचाराधीन बंदी है, निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने और उसके निरीक्षण के माध्यम से ओवरक्राउडिंग अनुपात को 1.1-1.2 करने का लक्ष्य है। इस मौके पर अपर महानिरीक्षक कारागार चित्रलेखा सिंह, उपमहानिरीक्षक ऐ के सिंह, उपमहानिरीक्षक शैलेन्द्र मैत्रेय, पुलिस वरिष्ठ अधीक्षक शिवहरी मीणा, पुलिस अधीक्षक एस सी शाक्य, जेल अधीक्षक बृजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे। अच्छे व्यवहार एवं मानवीय दृष्टि से बंदियों की समस्याओं को समझें