भाजपा की राजनीति में मचा घमासान

45
भाजपा की राजनीति में मचा घमासान
भाजपा की राजनीति में मचा घमासान
राजेन्द्र चौधरी
राजेन्द्र चौधरी

भाजपा की अंदरूनी राजनीति की शर्मनाक लड़ाई में अब कौशांबी में दो भाजपाई उपमुख्यमंत्री, दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं। पहले एक उपमुख्यमंत्री ने नाइंसाफी करते हुए ‘पाल’ समाज के लोगों को मोहरा बनाया। फिर दूसरे उपमुख्यमंत्री ने अपने उस समाज के नाम पर झूठी सहानुभूति दिखाई। जो समाज इन दोनों के ‘ऊपरवालों’ को नहीं भाता है, इसलिए पीछे से वो भी सक्रिय हो गये, जिनकी पहले वाले उपमुख्यमंत्री से पुरानी खींचातानी है और फिर इन ऊपरवालों के ऊपरवालों की भी आपस में टकराहट है। इसलिए केंद्र वाले, कौशांबी की राजनीति करने वालों के साथ खड़े हैं। भाजपा की राजनीति में मचा घमासान

अखिलेश यादव ने कहा कि ध्यान से समझा जाए तो ये भाजपा की अंदर की राजनीति में मचा एक बड़ा घमासान है, जिसमें दो या दो से अधिक समाजों को आपस में भिड़वाकर ‘कौशांबी, लखनऊ, दिल्ली’ की भाजपाई राजनीति अपना वीभत्स खेल-खेल रही है जिसका शिकार जनता हो रही है। इस लड़ाई में वो भी कूद पड़े हैं जिनका समाज ‘सत्ता सजातीय’ राजनीति का विशेष रूप से शिकार है और लगातार सत्ता के निशाने पर है, जिसके कारण दूसरे उपमुख्यमंत्री अपने समाज पर हो रहे अत्याचार और अपमान पर अपनी कुर्सी बचाने के लिए सुविधाजनक चुप्पी साधे बैठे हैं।

कौशांबी के मामले में उनको लगा कि जब वो कुछ सक्रियता दिखाएँगे तो शायद सत्ता द्वारा निरंतर उत्पीड़ित व अपमानित किये जा रहे उनके अपने समाज में वो मुँह दिखाने लायक बन जाएंगे। सच तो ये है कि भाजपाइयों को जनता या किसी समाज की कुछ नहीं पड़ी है, सब अपनी-अपनी खो चुकी ज़मीन की संभावना फिर से तलाशना चाहते हैं लेकिन अब जनता बहुत चौकन्नी और जागरूक है, वो भाजपा की विभाजनकारी नकारात्मक राजनीति को अब और पनपने नहीं देगी। अखिलेश यादव ने कहा कि ‘शीर्ष भाजपाइयों’ और ‘शिखर भाजपाइयों’ के आपसी झगड़े के कारण, हर वर्ग और समाज बीच में पिस रहा है। सच्चाई तो ये है कि समाज को बाँटना और लड़ाना ही भाजपाइयों की पुरानी साज़िशाना सियासत रही है, जिसे उन्होंने उन अंग्रेज़ों से सीखा है, जिनका उन्होंने हमेशा साथ दिया था।

अखिलेश यादव ने कहा कि कौशांबी भाजपा के अन्याय का शिकार है। भाजपा से हर वर्ग और समाज को अब और भी सचेत व सतर्क रहना पड़ेगा, नहीं तो ये भाजपाई समाजों के बीच आग लगाकर अपनी सियासी रोटी सेंकने में लगे रहेंगे, एक को फँसाकर आत्महत्या पर मजबूर करेंगे तो दूसरे पर इनाम घोषित करवाएँगे। कौशांबी का बच्चा-बच्चा जानता है कि सच क्या है? भाजपा राजनीति को इस स्तर पर ले जाएगी किसी ने सोचा भी न था। अब जनता, भाजपा की बँटवारे की इस राजनीति को समझ रही है और समझदारी से इनके खि़लाफ़ एकजुट हो रही है। यही कारण है कि जहाँ भी कुछ लोग और समाज भाजपा के विरुद्ध जाते दिखते है ये भाजपाई उनके बीच झूठे आरोप-प्रत्यारोप और एफ़आइआर-मुक़दमों की दीवार खड़ी कर देते हैं।भाजपा के सियासी षडयंत्र का मुक़ाबला समाज की एकता ने देना शुरू कर दिया है। इसीलिए हर पीड़ित-उत्पीड़ित भाजपा को हराने-हटाने के लिए लामबंद हो गया है। भाजपाई नाइंसाफ़ी हारेगी। भाजपा की राजनीति में मचा घमासान