बांदा जेल से इनकार आगरा जाने को तैयार….!

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जेल मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक लगा रहे शासन में जुगाड़। शासन बांदा जेल में अभी तक तैनात नहीं कर पाया वरिष्ठ अधीक्षक। बांदा जेल से इनकार आगरा जाने को तैयार….!

राकेश यादव

बांदा/लखनऊ। प्रदेश की अतिसवेंदनशील बांदा जेल जाने से इनकार करने वाले वरिष्ठ अधीक्षक आगरा जाने को तैयार है। जेल मुख्यालय में तैनात यह वरिष्ठ अधीक्षक इन दिनों आगरा सेंट्रल जेल में तैनात होने की जुगत में शासन के चक्कर लगा रहे है। आगरा सेंट्रल जेल पर तैनात वरिष्ठ अधीक्षक के डीआईजी पद पर प्रोन्नति होने व 31 अगस्त को रिटायर होने की वजह से यह जेल खाली हुई है। यह अलग बात है कि शासन के अफसर अभी इस मसले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

आधा दर्जन जेलों में नहीं वरिष्ठ अधीक्षक – प्रदेश की करीब आधा दर्जन जेलों में वरिष्ठ अधीक्षक तैनात नहीं है। इन जेलों का प्रभार जेलर के हाथों में है। विभागीय जानकारों के मुताबिक मंडलीय कारागार बांदा, आगरा केंद्रीय कारागार, फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार, वाराणसी केंद्रीय कारागार एवम प्रदेश की एकमात्र आदर्श कारागार (मॉडल जेल) में वरिष्ठ अधीक्षक का पद है लेकिन इन जेलों का संचालन जेलर कर रहे है। बांदा जेल का प्रभार तो एक साल पहले डिप्टी जेलर से जेलर पद पर प्रमोशन पाए अधिकारी के हाथों में है। विभाग में जो वरिष्ठ अधीक्षक हैं उन्हें शासन ने अतिसवेंदनशील जेलों के बजाय कमाऊ जेलों पर तैनात कर रखा है।

मिली जानकारी के अनुसार शासन ने स्थानांतरण के दौरान एक साल पहले तैनात किए गए कई जेल अधीक्षक के तबादले कर दिए, वहीं दो-ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अधीक्षक को हटाया ही नहीं गया। वह भी उस जेल अधीक्षक को जिस जेल दो खूंखार कैदियों के फरारी, बन्दी को पीट पीट कर वसूली करने, करीब आधा दर्जन बन्दियों के आत्महत्या करने, एक विदेशी सजायाफ्ता कैदी समेत तीन बन्दियों की गलत रिहाई करने के साथ जेल के गल्ला गोदाम से एक बार 35 लाख और एक बार एक लाख 16 हज़ार रुपये की नगद धनराशि बरामद होने जैसी घटनाएं हो चुकी है। इतनी घटनाएं होने के बाद भी शासन ने इस अधिकारी को हटाना मुनासिब नहीं समझा, जबकि एक साल पहले तैनात किए गए करीब आधा दर्जन से अधिक अधीक्षक को अन्य जेलों पर स्थानांतरित कर दिया गया।

सूत्रों का कहना है अतिसंवेदनशील बांदा मंडलीय कारागार में पिछले करीब एक साल से कोई अधीक्षक तैनात नहीं किया गया है। सच यह है कि राष्ट्रपति पदक से सम्मानित प्रदेश का कोई भी जेल अधीक्षक इस जेल पर जाने को तैयार ही नहीं होता है। शासन में बैठे आला अफसरों ने बांदा जेल पर अधीक्षक तैनात किए जाने के लिए कई बार प्रयास भी किया, लेकिन हर बार उसको निराश ही होना पड़ा। बताया गया है कि केंद्रीय कारागार आगरा में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक का बीते दिनों डीआईजी पद पर प्रमोशन हो गया। प्रमोशन पाने वाले डीआईजी 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे है। आगरा जेल के खाली होते ही नई तैनाती को लेकर कवायद शुरू हो गयी। जानकारों का कहना है आगरा सेंट्रल जेल में तैनाती को लेकर जेल मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक जुगाड़ में लगे हुए है। चर्चा है कि शासन से इस तैनाती को लेकर कभी भी आदेश जारी हो सकता है। वर्तमान समय में प्रदेश के करीब एक दर्जन से अधिक जेल ऐसी हैं जहाँ कोई अधीक्षक तैनात नहीं है। इन जेलों को जेलर चला रहे है। उधर इस संबंध में जब अपर मुख्य सचिव गृह/ महानिदेशक कारागार अवनीश अवस्थी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फ़ोन ही नहीं उठा।