अब सिर्फ बुजुर्गों का वस्त्र नहीं,युवाओं की पसंद बन रही खादी

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अब सिर्फ बुजुर्गों का वस्त्र नहीं,युवाओं की पसंद बन रही खादी
अब सिर्फ बुजुर्गों का वस्त्र नहीं,युवाओं की पसंद बन रही खादी

अब सिर्फ बुजुर्गों का वस्त्र नहीं, युवाओं की पसंद भी बन रही है खादी। 10 दिवसीय यू.पी. स्टेट मेगा एक्सपो 2023 का हुआ भव्य समापन। एक्स्पो के अंतिम दिन खूब बिके रेशम व खादी के वस्त्र।


लखनऊ। रेशम, खादी व अन्य हथकरघा वस्त्रों की मांग व बिक्री लगातार बिक्री बढ़ रही है। डिजाइनर खादी लोगों के बीच काफी पसंद की जा रही है। मा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम के मंच से खादी को अपनाने का आह्वान किए जाने के बाद से खादी राजनैतिक गलियारों से निकलकर, आमजनों तक पहुंची है। यह कहना गलत नहीं होगा कि अब खादी केवल बुजुर्गों का वस्त्र नहीं रह गई है, बल्कि युवाओं को भी यह खूब भा रही है। ये विचार मंत्री सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा, वस्त्रोद्योग विभाग, उत्तर प्रदेश राकेश सचान जी ने शनिवार को उ.प्र. स्टेट मेगा एक्स्पो के समापन समारोह में व्यक्त किए।


उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सबकुछ ठप हो गया था, तब उत्तर प्रदेश के जो कारीगर अन्य प्रदेशों में काम कर रहे थे, उन्हें भी यहां वापस आने पर एमएसएमई के माध्यम से रोजगार दिया गया। परम्परागत उद्योग ही उनकी ताकत बने और जो निर्यात पहले 88 हजार करोड़ रु. का हुआ करता था, वह बढ़कर 1 लाख 60 हजार करोड़ रु. हो गया। श्री सचान ने बताया कि रेशम व खादी का उत्पाद को बढ़ाने के लिए आईआईएम इंदौर, फ्लिपकार्ट, निफ्ट रायबरेली, एमिटी यूनिवर्सिटी, इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के साथ एमओयू साइन किए जा रहे हैं।


सम्मानित हुए एक्जिबिटर्स: उ.प्र. स्टेट मेगा एक्स्पो के समापन समारोह के दौरान यहां आए लगभग 200 एक्जिबिटर्स, बुनकरों, व्यापारियों को सम्मानित भी किया गया। एक्स्पो के सभी प्रतिभागी आयोजक उ.प्र. रेशम विभाग, खादी ग्रामोद्योग विभाग, माटीकला बोर्ड, हथकरघा, एमएसएमई, केन्द्रीय रेशम बोर्ड के प्रतिनिधि समापन समारोह में उपस्थित रहे। विशेष सचिव एवं निदेशक सुनील कुमार वर्मा जी ने आए हुआ सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही यहां इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मुकेश बहादुर सिंह जी का यहां विशेष अभिनन्दन किया गया, जिनकी इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। अब सिर्फ बुजुर्गों का वस्त्र नहीं,युवाओं की पसंद बन रही खादी