अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त

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अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त
अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त

प्रयागराज- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज अतीक़ अहमद और दो अन्य अभियुक्तों को राजू पाल की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी जबकि अशरफ़ को इस मामले में बरी कर दिया गया था.अतीक़ अहमद ने पुलिस हिरासत में अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.गुरुवार को अतीक़ अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गु़लाम मोहम्मद का उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने झांसी में कथित एनकाउंटर कर दिया था.असद और गुलाम का अंतिम संस्कार शनिवार को ही प्रयागराज में हुआ है. अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त

अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त

यूपी पुलिस के मुताबिक असद और ग़ुलाम उमेश पाल की हत्या के मामले में वांछित थे और उन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का ईनाम घोषित था.उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पूर्व सासंद अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ की गोली मार कर हत्या कर दी गई है.उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और उनके भाई की हत्या की पुष्टि की है.पुलिस के मुताबिक हमलावर पत्रकार बनकर आए थे. तीन हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लिया है और उच्चस्तरीय बैठक की है.योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं. घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायायिक आयोग के गठन की घोषणा भी की गई है.

प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर ने घटना के बारे में बताते हुए कहा, “क़ानूनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ को मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था. इसी दौरान ये घटना हुई है.”अतीक़ अहमद और अशरफ़ को मेडिकल चैक अप के लिए कॉल्विन अस्पताल लाया जा रहा था जब हमला हुआ.पत्रकार बनकर आए हमलावरों ने अस्पताल के ठीक पास, पुलिस के घेर में चल रहे अतीक़ और अशरफ़ पर बेहद नज़दीक़ गोलियां चलाईं और उनकी मौत के बाद धार्मिक नारेबाज़ी की.रमित शर्मा के मुताबिक, “पत्रकार अतीक़ अहमद और उनके भाई से बात कर रहे थे, इसी दौरान पत्रकार बनकर आए हमलावरों ने अचानक गोलियां चलाईं. तीनों हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.”

पुलिस के मुताबिक इस घटनाक्रम में एक पुलिसकर्मी घायल हुए है और एक पत्रकार को भी मामूली चोट आई है. पुलिस ने इस हमले के बाद अस्पताल के आसपास के इलाक़े की नाकेबंदी कर दी है. अतीक़ अहमद को पुलिस सुरक्षा में गाड़ी से उतारकर मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था. अतीक़ और उनके भाई के हाथ हथकड़ियों में बंधे थे. पत्रकार अतीक़ और उनके भाई से बात कर रहे थे, तभी अचानक गोलीबारी शुरू हुई. बहुत तेज़ी से हुए घटनाक्रम में दोनों भाइयों की हत्या कर दी गई. इस घटना के वीडियो में अतीक़ अपने भाई के साथ पुलिसवालों की बीच चलते हुए दिख रहे हैं. एक पत्रकार अतीक़ से सवाल करता है, वो बोलना शुरू ही करते हैं कि एक पिस्टल कैमरा के सामने दिखाई देती है. बेहद क़रीब से अतीक़ को गोली मारी गई.ठीक इसी समय एक गोली अशरफ को लगी. इसके बाद ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू हुई. दोनों भाई ज़मीन पर गिर गए.

अतीक अहमद और उसके भाई पर सूट कांड मामले में सनी सिंह थाना कुरारा इलाके का है हिस्ट्रीशीटर।शूटर सनी सिंह पर है लगभग 17 मामले दर्ज।शूटर सनी सिंह के माता-पिता मरने के बाद बना है अपराधी,कई सालो से अपने घर नही आया है शूटर सनी सिंह.लवलेश तिवारी,अरुण मौर्या और सनी ने मारी अतीक और अशरफ को गोली तीनों पुलिस की गिरफ़्त मे,

अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त

अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में जेल में बंद थे.अतीक़ अहमद के वकील विजय मिश्र भी हत्या के दौरान घटनास्थल के क़रीब थे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अतीक़ अहमद और अशरफ़ को गाड़ी से निकालकर ले जाया जा रहा था. तब ही गोलियों की आवाज़ आई. जिन्होंने गोली चलाई थी पुलिस ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया था. अफरातफरी मच गई थी.”प्रयागराज के पुलिस कमिश्रनर रमित शर्मा के मुताबिक अतीक़ अहमद को मारने आए हमलावर पत्रकार बनकर आए थे.पुलिस का कहना है कि हमलावरों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हमले के बाद हमलावरों ने आत्मसमर्पण कर दिया था.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कानून व्यवस्था को लेकर किया ट्वीट
हमारे देश का क़ानून संविधान में लिखा गया है, यह क़ानून सर्वोपरि है.अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, मगर देश के क़ानून के तहत होनी चाहिए. किसी भी सियासी मक़सद से क़ानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से क़ानून लागू होना चाहिए.देश में न्याय व्यवस्था और कानून के राज का इकबाल बुलंद हो, यही हम सबकी कोशिश होनी चाहिए.

माफियागिरी का ऐसा नाम, जिसके आतंक की वजह से उत्तर प्रदेश का एक हिस्सा दो दशक तक कांपता रहा. उसके गुर्गों ने बंदूक के दम पर दहशत फैलाई और उसकी मौत भी गोली से ही हुई. अतीक अहमद साबरमती जेल में बंद था.उसे अदालत में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया जाता था. दो दिन पहले ही अतीक के बेटे असद का झांसी में एनकाउंटर हुआ था.अंदरखाने यह चर्चा थी कि कहीं अतीक अहमद का भी इसी तरह एनकाउंटर तो नहीं हो जाएगा…? हालांकि, शनिवार को जो हुआ, उससे सभी स्तब्ध रह गए.अतीक के दाईं तरफ खड़े अशरफ ने कहा- मेन बात यह है कि गुड्डू मुस्लिम….. अशरफ के इतना कहते ही अतीक की बाईं तरफ से पिस्तौल उसकी कनपटी पर आती है और गोली चल जाती है. अतीक तुरंत जमीन पर गिर जाता है. अतीक को गिरता देख अशरफ झुकता है,दूसरी गोली उसके भी सिर पर लगती है. इसके बाद तीन हमलावर दोनों पर और गोलियां चलाते हैं.

जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें 10 सेकंड के अंदर 15 से ज्यादा गोलियां चलने की आवाज आती है. दोनों की मौके पर ही मौत हो जाती है. तीन हमलावरों पर पुलिस काबू पाने की कोशिश करती है. इन हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी,सन्नी और अरुण मौर्य के रूप में हुई है. दो को पुलिस पकड़ लेती है.एक हमलावर जमीन पर लेट जाता है और नारे लगाने लग जाता है.

उत्तर प्रदेश पुलिस राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह उमेश पाल की हत्या के संबंध में अतीक़ अहमद और अशरफ़ से पूछताछ कर रही थी.दोनों की पूछताछ पूरी हो जाने के बाद उन्हें फिर से न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाना था और उससे पहले ही मेडिकल चैक अप कराया जाना था.अतीक़ अहमद और दो अन्य अभियुक्तों को राजू पाल की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई थी जबकि अशरफ़ को इस मामले में बरी कर दिया गया था.अतीक़ अहमद ने पुलिस हिरासत में अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

अतीक़ और अशरफ़ के आतंक का अन्त