भाजपा का बजट मानवीय संवेदना विहीन
भाजपा सरकार का बजट मानवीय संवेदना विहीन, बजट से प्रदेश वासियों को निराशा, बढ़ती मंहगाई के संकट काल में आम आदमी और किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं, युवाओं की उम्मीदों पर पानी, भाजपा सरकार का बजट सफेद स्याही से लिखा कागज का पुलिंदा.
अंशू अवस्थी
अखिल जनता के वोट से बनी सरकार इतनी निर्माण कैसे हो सकती है भाजपा सरकार कैसे हो सकती है.आज के बजट से प्रदेशवासियों को निराशा हाथ लगी है.उम्मीद थी कि इस बजट में गन्ना किसानों को कुछ मिलेगा क्योंकि मंहगाई के दौर में 35 प्रतिशत से ज्यादा कृषि लागत बढ़ गईं.गन्ना किसान की बढ़ती फसल पर तो सरकार की नजर है,लेकिन पहले से गन्ना मूल्य बढ़त की मांग कर रहे किसानों को सरकार ने धोखा दिया.45 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी के दौर में युवाओं के रोजगार के लिए बजट में कोई ठोस इंतजाम नहीं, रोजगार के हवाई दावों और झूठे प्रचार से सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है.
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25000 निवेशकों के 19000 हजार MOU के बीच जमीनी हकीकत इस बजट के पेश होने पर बिलकुल इतर हो गईं बजट में निवेशकों के लिए कोई प्रावधान नही तो कैसे निवेश होगा ?
छोटे व्यापारियों को बजट में नजरंदाज किया गया, नए स्टार्टटप और MSME को प्रदेश में बढ़ाने के लिए कोई प्राथमिकता के प्रयास नही.बढ़ती मंहगाई के दौर में आम आदमी के रोजगार की रीढ़ मनरेगा का बजट केन्द्र की भाजपा सरकार ने पहले ही कम कर दिया. ऐसे में जनविरोधी योगी सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती थी. प्रदेश में कानून व्यवस्था की मजबूती और अपराध नियंत्रण को लेकर बजट में कोई प्रावधान नही. सुशासन के झूठे प्रचार से अपने मुंह मियां मिट्ठू बन अपनी पीठ थपथपा रही. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा आदित्यनाथ सरकार का ये बजट हवा हवाई है, और कागज पर सफेद स्याही से लिखा पुलिंदा है. जिस तरीके से पिछले बजट सफ़ेद हाथी साबित हुए, इसी प्रकार यह बजट भी साबित होगा इस धोखेबाजी का प्रदेश की जनता लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर फेंक हिसाब करेगी.भाजपा का बजट मानवीय संवेदना विहीन
भाजपा का बजट मानवीय संवेदना विहीन