मानक दरकिनार कर वर्दी पहन रहे बाबू..!

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मानक दरकिनार कर वर्दी पहन रहे बाबू..!
मानक दरकिनार कर वर्दी पहन रहे बाबू..!

मानकों को दरकिनार कर वर्दी पहन रहे मुख्यालय के बाबू..! एक के बजाए दो स्टार लगाकर रुतबा जमा रहे वरिष्ठ सहायक। अधिकांश बाबू वर्दी पहनकर नहीं आते कार्यालय। मानक दरकिनार कर वर्दी पहन रहे बाबू..!

राकेश यादव

लखनऊ। कारागार मुख्यालय में बाबू संवर्ग के कर्मियों को वर्दी का तोहफा दिया गया, मुख्यालय के अधिकांश बाबू निर्धारित मानक के अनुसार वर्दी में नहीं पहनकर नहीं आते है। यह सच कारागार मुख्यालय में कभी भी देखा जा सकता है। आलम यह है कि जिस बाबू को वर्दी में एक स्टार लगाए जाने को अनुमति प्रदान की गई है वह दो स्टार लगाकर रुतबा गांठ रहा है। यह मामला विभाग के बाबुओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है।

कारागार विभाग का बाबू संवर्ग पिछले काफी समय से वर्दी की मांग कर रहा था। पूर्व कारागार मंत्री के प्रयास से बाबुओं को वर्दी का निर्धारण कर दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक कनिष्ठ सहायक को प्रोबेशन के दौरान वर्दी पर कोई स्टार लगाने की अनुमति नहीं दी गई। प्रोबेशन के बाद वह वर्दी पर एक स्टार लगा सकते है। इसी प्रकार वरिष्ठ सहायक को एक स्टार, प्रधान सहायक को दो स्टार, प्रशासनिक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तीन स्टार लगाने की अनुमति प्रदान की गई है। प्रशासनिक अधिकारियों की तीन यलो स्टार और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तीन सफेद स्टार लगाना अनुमन्य किया गया।

सप्ताह में एक दिन वर्दी में आने का जारी हुआ आदेश

कारागार मुख्यालय में बाबू संवर्ग के कर्मियों के वर्दी में नहीं आने के मामले को विभाग के मुख्यालय के मुखिया ने गंभीरता से लिया है। इसकी शिकायत मिलने पर हरकत में आए आईजी जेल एक परिपत्र जारी कर सप्ताह में एक दिन (शुक्रवार) को वर्दी में आने का निर्देश दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वाले बाबुओं पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

सूत्रों का कहना है प्रोबेशन वाले कनिष्ठ सहायक एक स्टार लगा रहे है, वहीं वरिष्ठ सहायक जिनके लिए एक स्टार अनुमन्य है वह दो स्टार लगाकर (दारोगा) का रुतबा झाड़ रहे है। दिलचस्प बात यह है कि लंबे समय से वर्दी की मांग करने वाले इन बाबुओं में अधिकांश बाबू वर्दी में मुख्यालय नहीं आते है। जो आ भी रहे है वह अनुमन्य वर्दी की जगह मनमाफिक तरीके से स्टार लगाकर आ रहे है। यह सच विभाग के आला अफसरों को दिखाई नहीं पड़ रहा है। वर्दी में निर्धारित मानक के अनुसार स्टार नहीं लगे होने की वजह से विभिन्न जनपदों से काम लेकर आने वाले जेल के सुरक्षाकर्मियों में पशोपेश की स्थिति बनी रहती है। उधर इस संबंध में अपर महानिरीक्षक कारागार (प्रशासन) धर्मेंद्र सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। मानक दरकिनार कर वर्दी पहन रहे बाबू..!