‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ ने रचा इतिहास

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‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ ने रचा इतिहास
‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ ने रचा इतिहास

योगी के जीवन पर आधारित उपन्यास की पाठकों के बीच है जबरदस्त मांग। 67 लॉन्च के साथ ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ ने रचा इतिहास। अब तक कुल 8 राज्यों में 67 स्थानों पर हो चुकी है इस ग्राफिकल उपन्यास की लॉन्चिंग। सर्वाधिक लॉन्चिंग के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है नाम।योगी के 51वें जन्मदिन पर 5 जून 2023 को एक साथ 51 स्थानों पर हुई थी लॉन्चिंग। प्रसिद्ध लेखक शांतनु गुप्ता हैं इस ग्राफिक्स उपन्यास के रचयिता। ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ ने रचा इतिहास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित ग्राफिक्स बेस्ड नॉवेल – “अजय टू योगी आदित्यनाथ” ने 67 स्थानों पर लॉन्च के साथ नया इतिहास रच दिया है। इस उपन्यास की 67वीं लॉन्चिंग हाल ही में बेंगलुरु में संपन्न हुई। पाठकों के बीच इस उपन्यास की जबरदस्त मांग को देखते हुए इसे अलग अलग स्थानों पर लॉन्च किया गया है और अभी कई अन्य स्थानों पर इसे लॉन्च किए जाने की योजना है। दो बेस्टसेलर उपन्यास लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक शांतनु गुप्ता का यह उपन्यास अब तक  8 राज्यों (यूपी, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तराखंड, तेलंगाना और असम) में लॉन्च हो चुका है। यूपी में 29 और एनसीआर में 7 स्थानों पर इसे लॉन्च किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के 51वें जन्मदिन पर 5 जून 2023 को पहली बार इसे उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में 51 से अधिक स्थानों पर एक साथ लॉन्च किया गया था। इसके साथ ही इस उपन्यास ने सर्वाधिक लॉन्चिंग के लिए एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करा लिया है।

संघर्ष से शिखर की यात्रा का उल्लेख


शांतनु गुप्ता ने इस उपन्यास के माध्यम से योगी के संघर्ष से शिखर तक पहुंचने की यात्रा का वर्णन किया है। ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ दरअसल छह अन्य भाई-बहनों के साथ उत्तराखंड के भीतरी इलाकों में पैदा हुए एक युवा लड़के अजय सिंह बिष्ट की यात्रा है। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट एक कनिष्ठ वन अधिकारी थे और माता सावित्री देवी एक गृहिणी थीं। अजय को बचपन से ही परिवार की गायों की देखभाल करने, स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ सुनने और स्कूल की बहस में भाग लेने का शौक था। वे सभी आज के उत्तराखंड में पनचूर नाम के एक सुदूर गाँव में डेढ़ कमरे के घर में रहते थे। यहीं से अजय गोरखनाथ मठ के महंत बने, जिसके बाद उन्होंने भारतीय संसद के सबसे कम उम्र के सदस्य व भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की यात्रा तय की। ‘अजय टू योगी आदित्यनाथ’ ने रचा इतिहास