समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा षड्यंत्रकारी और भ्रष्टाचारी है। भाजपा सरकार में अंधेरगर्दी का बोलबाला है। जनता भाजपा से खुश नहीं है। समाज का हर वर्ग असंतुष्ट और दुःखी है। समाज में नफरत फैलाई जा रही है। भाजपा सरकार के कारनामों के कारण जनता ने भी तय कर लिया है कि वह सन् 2024 में भाजपा सरकार की विदाई अवश्य करेगी। अखिलेश यादव ने आज समाजवादी पार्टी के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में किसान एवं सिख समाज के प्रतिनिधिमण्डल से भेंट के उपरांत उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा कुप्रचार करती रहती है। समाजवादी पार्टी के बारे में बेबुनियाद ऊल-जुलूल बातें फैलाई जा रही है।
सन् 2022 के विधानसभा चुनाव में धांधली की गई। हजारों समाजवादी पार्टी समर्थकों के वोट नहीं पड़ने पाए। प्रशासन का पूरा दुरूपयोग हुआ। समाजवादी सरकार में निवेश भी आया था और विकासकार्य भी हुए थे। लेकिन भाजपा सरकार ने बदले की भावना से समाजवादी सरकार में हुए तमाम विकासकार्यों और योजनाओं पर रोक लगा दी, कुछ कार्यों के नाम बदल दिये गये तो कुछ विकास कार्यों को बर्बाद कर दिया गया है। आज उत्तर प्रदेश विकास कार्यों में पूरी तरह से पिछड़ गया है।अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा संविधान का ईमानदारी से पालन नहीं कर रही है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। गांवों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। विद्युत आपूर्ति में कटौती की जा रही है। भाजपा को अंधेरा पसंद है। इसलिए प्रदेश को विनाश की ओर ले जा रही है।
भाजपा सरकार में किसान की घोर उपेक्षा है। महंगाई के कारण किसानों के सामने अर्थ संकट है। भाजपा की आर्थिक नीतियों के चलते ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। गरीब की कमर टूट गई है। महिलाएं अपमानित हो रही है। नौजवान बेकारी से परेशान है। नौजवानों का भविष्य अंधकार में है।बिजनौर जनपद के कपिल कुमार ने बताया कि बढ़ापुर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 17 गांवो की सम्पूर्ण भूमि किसानों के नाम से खारिज कर द्वेषवश सरकारी घोषित कर दी गई है जबकि किसान 70 वर्षों से काबिज हैं। भाजपा सरकार लघु किसानों को भूमाफिया जैसे संगीन मुकदमों में फंसाने का डर दिखाकर उनकी खड़ी फसलें जुतवा रही है। इससे क्षेत्र की जनता में डर का माहौल बना हुआ है। निर्दोषों को फर्जी केसों में फंसाया जा रहा है।आज अखिलेश जी से भेंट करने वाले सिख प्रतिनिधियों में सर्वश्री संत बाबा जग्गा सिंह, कुलदीप सिंह भुल्लर, त्रिलोक सिंह लिलौटी, निर्मल जीत सिंह रंधावा, कपिल गुज्जर, अमर सिंह, शार्दुल सिंह, जगदीश सिंह, नरेन्द्र सिंह, विक्रम सिंह एवं गुरमेज सिंह सहित दर्जनों सिख किसान शामिल रहे।