मुख्यमंत्री ने स्वरोजगार हेतु वित्त पोषण का ऑनलाइन किया शुभारम्भ

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक सम्पन्न । मुख्यमंत्री ने बैंकों के सहयोग से संचालित किये जा रहे स्वरोजगार महाकुम्भ कार्यक्रम के तहत 01 लाख 11 हजार युवाओं को स्वरोजगार हेतु वित्त पोषण का ऑनलाइन शुभारम्भ किया । मुख्यमंत्री ने 01 लाख 51 हजार किसान क्रेडिट कार्डों की वर्चुअल स्वीकृति दी । प्रदेश स्तर पर मेगा कैम्प का आयोजन किया जा रहा, मेगा कैम्प में9,000 करोड़ रु0 के ऋण की ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान की गई । प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर का बनानेका लक्ष्य रखा, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका । राज्य सरकार का संकल्प उ0प्र0 की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलरअर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना है, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध । राज्य सरकार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के सतत प्रयास कररही है, जिसके चलते प्रदेश की बेरोजगारी दर विगत 04 वर्षाेंमें 17 प्रतिशत से गिरकर 05 प्रतिशत पर आ गयी । विगत लगभग डेढ़ वर्षाें से कोविड महामारी का संकटउत्पन्न हुआ है, जिससे निपटने के सभी प्रयास किये जा रहे । शासन और वित्तीय संस्थान के संयुक्त प्रयास लोगों कोविषम परिस्थिति से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं,उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना । केन्द्र व राज्य सरकार किसानों की खुशहाली औरसमृद्धि के लिए लगातार कार्य कर रहीं । किसान क्रेडिट कार्ड, किसानों को सरल ऋण उपलब्ध कराने में सहायक,युवाओं को रोजगार से जोड़ना और रोजगारसृजन राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता । राज्य सरकार द्वारा रोजगार सृजन केप्रयास बैंकर्स के सहयोग से निरन्तर जारी रहेंगे । विगत 04 वर्षों में प्रदेश में बैंकिंग व्यवसाय में06 लाख करोड़ रु0 से अधिक की वृद्धि हुईपिछले 04 वर्षों में प्रदेश में लगभग 43,000 नए बैंकिंगआउटलेट स्थापित कराए गए हैं, जो एक नया कीर्तिमान । ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान रहा । उ0प्र0 में एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक, राज्य में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 03 करोड़ लोग कार्यरत । राज्य सरकार द्वारा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’लागू की गई, इन योजनाओं के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे । रोजगार, व्यवसाय, देश की समृद्धि और खुशहाली के सम्बन्ध मेंपूर्व की सरकारों में विजन की कमी थी, प्रधानमंत्री जी नेदेश की खुशहाली के लिए एक नया विजन दिया । एच0डी0एफ0सी0 बैंक द्वारा सी0एस0आर0 के अन्तर्गत जनपद गोरखपुर में ऑक्सीजन प्लाण्ट की स्थापना हेतु 01 करोड़ 50 लाख रुपए का चेक प्रदान किया गया । मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों कोस्वीकृति पत्र/चेक का वितरण भी किया ।


लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है। राज्य सरकार का संकल्प उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करना है। इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।राज्य सरकार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के सतत प्रयास कर रही है, जिसके चलते प्रदेश की बेरोजगारी दर विगत 04 वर्षाें में 17 प्रतिशत से गिरकर 05 प्रतिशत पर आ गयी है। आज राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी को दूर करने के लिए किये जा रहे आर्थिक स्वावलम्बन के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं, लेकिन अभी इस दिशा में काफी काम किया जाना है।


विगत लगभग डेढ़ वर्षाें से कोविड महामारी का संकट उत्पन्न हुआ है, जिससे निपटने के सभी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में व्यापक स्तर पर लोगों का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। राज्य सरकार लोगों का जीवन और आजीविका दोनों बचाने के अथक प्रयास कर रही है। शासन और वित्तीय संस्थान के संयुक्त प्रयास लोगों को इस विषम परिस्थिति से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विगत 04 वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों और बैंकर्स के अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप आर्थिक विकास में आशातीत सफलता मिली है। अब उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने के लिए विकास एवं समृद्धि की रफ्तार बढ़ायी जाए। इस कार्य में बैंकों का सहयोग अपरिहार्य है। केन्द्र व राज्य सरकार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए लगातार कार्य कर रही हैं।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 01 लाख 51 हजार किसान क्रेडिट कार्डों की वर्चुअल स्वीकृति देते हुए इससे लाभान्वित होने वाले सभी कृषकों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि इससे उनकी मुश्किलें आसान होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों एवं किसानों के परिश्रम से राज्य में रिकॉर्ड मात्रा में खाद्यान्न उत्पादन हुआ है। किसानों की उपज की एम0एस0पी0 पर खरीद एवं निर्धारित समयावधि में उपज मूल्य का भुगतान किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड, किसानों को सरल ऋण उपलब्ध कराने में सहायक है। ऋण जमा अनुपात (सी0डी0 रेशियो) को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के सहयोग से भगीरथ प्रयास हो रहे हैं। इसके तहत आज प्रदेश स्तर पर मेगा कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस मेगा कैम्प में 9,000 करोड़ रुपए के ऋण की ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इस मेगा कैम्प का आकार अभी तक आयोजित सभी मेगा कैम्प में सर्वाधिक है। उन्होंने मेगा कैम्प के आयोजन से लाभान्वित होने वाले सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन प्रदेश में ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने में सहायक होगा।


भविष्य में ऐसे मेगा कैम्प मण्डल तथा विकासखण्ड स्तर पर भी लगाने की अपेक्षा की, जिससे कि प्रदेश की जनता और बैंकों के बीच वित्तीय लेन-देन में वृद्धि हो तथा प्रदेश विकास के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ना और रोजगार सृजन राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने बैंकों के सहयोग से संचालित किये जा रहे स्वरोजगार महाकुम्भ कार्यक्रम के तहत 01 लाख 11 हजार युवाओं को स्वरोजगार हेतु वित्त पोषण का ऑनलाइन शुभारम्भ किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार द्वारा रोजगार सृजन के यह प्रयास बैंकर्स के सहयोग से निरन्तर जारी रहेंगे। विगत 04 वर्षों में प्रदेश में बैंकिंग व्यवसाय में 06 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है। साथ ही, ऋण जमा अनुपात में भी 06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले 04 वर्षों में प्रदेश में लगभग 43,000 नए बैंकिंग आउटलेट स्थापित कराए गए हैं, जो एक नया कीर्तिमान है। ग्रामीण बैंकों को अत्यधिक क्रियाशील बनाते हुए उनका पुनर्गठन भी किया गया है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, उ0प्र0 (एस0एल0बी0सी0) और बैंकर्स के प्रयासों से उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना, जिसमें बहुत अल्प समय में ऋण मोचन योजनाओं को साकार करके किसान की आय को दोगुनी करने का सार्थक प्रयास किया गया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र की इकाइयों की संख्या सर्वाधिक है। राज्य में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 03 करोड़ लोग कार्यरत हैं। राज्य सरकार द्वारा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ तथा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ लागू की गई है। इन योजनाओं के उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार निरन्तर इस सेक्टर को सुदृढ़ कर रही है। इसके लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ और एम0एस0एम0ई0 इकाइयों के हस्तशिल्पियों एवं उद्यमियों का भी बैंकों द्वारा आवश्यक वित्त पोषण किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के विकास की संकल्पना को फलीभूत करने के लिए राज्य के किसानों, नौजवानों, एम0एस0एम0ई0 इकाइयों आदि का पल्लवित-पुष्पित होना आवश्यक है। उन्होंने अपेक्षा की कि बैंकों द्वारा इसमें सहयोग किया जाता रहेगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ के अन्तर्गत गरीब परिवारों का बैंक खाता खुलवाया गया। उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान रहा है। साथ ही, ‘मुद्रा योजना’ और ‘एक जनपद, एक उत्पाद  योजना’ को समन्वित करके वित्त पोषण का कार्य किया जा रहा है, इसे और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रोजगार, व्यवसाय, देश की समृद्धि और खुशहाली के सम्बन्ध में पूर्व की सरकारों में विजन की कमी थी। आज प्रधानमंत्री जी ने देश की खुशहाली के लिए एक नया विजन दिया है। प्रधानमंत्री जी के इस विजन को स्टैण्डअप, स्टार्टअप, मुद्रा योजना इत्यादि योजनाओं ने विस्तार दिया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूह का लिंकेज बैंकों द्वारा किया गया है किन्तु स्वयं सहायता समूहों को रोजगार से जोड़ने की भी आवश्यकता है। स्वरोजगार सृजन के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बैंकों को प्रयास करना चाहिए। बैंकिंग सखी का अधिक से अधिक प्रशिक्षण कराया जाना आवश्यक है। इससे उनकी क्रियाशीलता को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बैंक गरीबों को लोन देने में हिचके नहीं। बैंक द्वारा मुहैया कराए जा रहे लोन से गरीबों से अपना व्यवसाय शुरू करने और उसे विस्तार देने में मदद मिलती है। इससे रोजगार के अवसर भी सृजित होते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वरोजगार के लिए लोन देने के साथ ही उन्हें व्यवस्थित प्रशिक्षण भी देना पड़ेगा और उन्हें योजनाओं के साथ जोड़ना भी पड़ेगा। बैंक द्वारा प्रोत्साहित करने पर बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। लोग कार्य करने को तैयार हैं, सिर्फ प्रोत्साहन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और बैंकर्स को आपसी तालमेल बनाकर अच्छा कार्य करना होगा।