समाजवादी सरकार में सहकारिता भर्ती घोटाले के आरोपी उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कठोर कदम उठाते हुए रविकांत को अपर आयुक्त/अपर निबंधक मुख्यालय के पद से संयुक्त आयुक्त पद पर न्यूनतम वेतनमान में पदावनत (रिवर्ट) कर दिया है। साथ ही उनकी दो वेतन वृद्धियां भी स्थायी रूप से रोक दी हैं। अन्य आरोपियों के खिलाफ भी तत्काल कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने शनिवार को ट्वीट कर बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक सहकारिता (तत्कालीन प्रबंध निदेशक कोआपरेटिव बैंक) को पदेन दायित्वों के प्रति उदासीनता बरतने का दोषी सिद्ध होने पर संयुक्त आयुक्त एवं संयुक्त निबंधक के न्यूनतम वेतन क्रम पर पदावनत कर दिया है। मुख्यमंत्री ने अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक की दो वेतन वृद्धियां स्थायी रूप से रोकते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई समाप्त कर दी है। उन्होंने इस प्रकरण में अन्य दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कठोरता से दंडित करने का निर्देश दिया है।
सहकारिता विभाग के सूत्रों का कहना है कि पहली बार इतनी कठोर कार्रवाई हुई है। अभी तक अन्य कार्रवाइयां तो हुई, लेकिन ऐसा दंड नहीं दिया गया। मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुसार रविकांत एक तरह से अब संयुक्त आयुक्त के उस वेतनमान में काम करेंगे जो संयुक्त आयुक्त के पद पर प्रोन्नत होने पर पहली बार मिलता है। यही नहीं एक तरह से संयुक्त आयुक्त से लेकर अपर आयुक्त पद पर पदोन्नति तक सारी वेतन वृद्धियां भी वापस हो जाएंगी। जिसका प्रभाव उनकी पेंशन व अन्य सेवानिवृत्तिक देयों पर पड़ेगा। साथ ही वे अब अपने कनिष्ठ संवर्गीय अधिकारी के समकक्ष हो जाएंगे।