अयोध्या के हनुमान वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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अयोध्या के हनुमान वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
अयोध्या के हनुमान वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
अयोध्या के हनुमान वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त, श्रद्धालु भी परेशानमहंत राम विलास दास बोले— “श्रद्धालु गंदगी में प्रसाद ग्रहण करने को मजबूर, अधिकारी बजट का रोना रोते हैं।” अयोध्या के हनुमान वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
अनिल साहू
अनिल साहू

अयोध्या। नगर निगम की लापरवाही के चलते हनुमान वार्ड, बड़ी छावनी मार्ग पर लंबे समय से जलभराव की गंभीर समस्या बनी हुई है। स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद न तो पार्षद और न ही नगर निगम के अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे हैं। यह मार्ग बड़ी छावनी मंदिर से शुरू होकर स्वर्ण खनिज कुंड, रविदास मंदिर और जैन मंदिर होते हुए फक्कड़ बाबा के श्रीराम-जानकी मंदिर तक जाता है, जहां प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक भंडारा होता है। मंदिर के महंत राम विलास दास जी ने बताया कि यहां हर दिन डेढ़ से दो सौ साधु-संत और श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं, लेकिन जलभराव और गंदगी के कारण प्रसाद वितरण कठिन हो गया है।

दूषित हो रहा पानी, बीमारियों का खतरा

महंत राम विलास दास जी के अनुसार, जलभराव के चलते क्षेत्र की नल जल आपूर्ति भी दूषित हो गई है। श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करने के बाद यही पानी पीते हैं जिससे बीमारियों का खतरा बना हुआ है। श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में काफी कठिनाई होती है। गंदगी और कीचड़ के बीच श्रद्धा की भावना दब सी गई है।

पार्षद और महापौर से कई बार की गई शिकायत, जवाब— “बजट नहीं है”

महंत राम विलास दास जी ने बताया कि उन्होंने कई बार क्षेत्रीय पार्षद और महापौर से इस समस्या को लेकर शिकायत की, लेकिन हर बार एक ही जवाब मिला— “बजट नहीं है।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब अयोध्या में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये आ रहे हैं, तो एक धार्मिक मार्ग पर जल निकासी और साफ-सफाई के लिए क्यों नहीं? अयोध्या का नाम आज देश ही नहीं, विदेशों में भी श्रद्धा और पर्यटन के केंद्र के रूप में गूंज रहा है, लेकिन स्थानीय हालात इससे उलट हैं।

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या, बरसात में संकट और बढ़ेगा

बड़ी छावनी क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां रोज़ाना देशभर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बरसात के मौसम में जलभराव और भी भयावह रूप ले सकता है, जिससे क्षेत्र में संक्रमण और बीमारियों का संकट गहरा सकता है।

प्रशासन की निष्क्रियता पर उठ रहे सवाल

स्थानीय नागरिकों और मंदिर से जुड़े लोगों ने नगर निगम प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह है कि नगर निगम और पार्षद कब जागते हैं और इस लंबे समय से चली आ रही जलभराव और गंदगी की समस्या का समाधान कब तक हो पाता है। अयोध्या के हनुमान वार्ड में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त