शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा के क्षेत्र में AI की उपयोगिता बढ़ी

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शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा के क्षेत्र में AI की उपयोगिता बढ़ी
शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा के क्षेत्र में AI की उपयोगिता बढ़ी

जनोपयोगी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए समाज कल्याण विभाग करेगा AI का प्रयोग। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा के क्षेत्र में AI की उपयोगिता बढ़ी। भागीदारी भवन में हुआ ‘सामाजिक क्षेत्र में AI की उपयोगिता’ विषय पर कार्यशाला। कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञ हुए शामिल। शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा के क्षेत्र में AI की उपयोगिता बढ़ी

लखनऊ। समाज कल्याण विभाग जनोपयोगी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए AI का उपयोग शुरू करेगा। उसके लिए प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण की अध्यक्षता में आज गोमती नगर स्थित भागीदार भवन में सामाजिक क्षेत्र में एआई की उपयोगिता विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मंथन कार्यक्रम में प्रशासनिक, मीडिया एवं सामाजिक क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने बताया कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) एक ऐसी तकनीक है जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने, और निर्णय लेने की क्षमता देती है। यह कंप्यूटर सिस्टम या सॉफ्टवेयर को डेटा से सीखने, पैटर्न पहचानने और समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाती है। उदाहरण के लिए आपके फोन में मौजूद वॉइस असिस्टेंट (जैसे Siri या Google Assistant) एआई का ही एक रूप है। यह कमजोर एआई (Weak AI) से लेकर मजबूत एआई (Strong AI) तक हो सकता है। कमजोर एआई सिर्फ़ खास कामों के लिए बनाई जाती है और मजबूत एआई इंसानों की तरह हर क्षेत्र में काम कर सकती है।

एआई मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, और न्यूरल नेटवर्क जैसे तरीकों से काम करती है, जहाँ यह डेटा के आधार पर खुद को बेहतर बनाती है।

भारत में एआई को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सक्रिय हैं। राष्ट्रीय स्तर पर नीति आयोग ने “AI for All” पहल शुरू की है, जिसका लक्ष्य स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, और शहरी विकास में एआई का उपयोग करना है। भारत सरकार ने एआई रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए बजट भी बढ़ाया है। तेलंगाना हैदराबाद को “एआई हब” बनाने की कोशिश हो रही है। यहाँ टेक कंपनियाँ और स्टार्टअप एआई पर काम कर रहे हैं, खासकर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में। कर्नाटक: बेंगलुरु में एआई स्टार्टअप और रिसर्च सेंटर तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जो हेल्थकेयर और आईटी में योगदान दे रहे हैं। महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे में एआई का इस्तेमाल ट्रैफिक मैनेजमेंट और ई-गवर्नेंस में हो रहा है। तमिलनाडु के चेन्नई में एआई का उपयोग मेडिकल डायग्नोसिस और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए हो रहा है। हर राज्य अपनी ज़रूरतों के हिसाब से एआई को अपनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी यह शुरुआती चरण में है और ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रसार धीमा है।

उत्तर प्रदेश में AI का प्रयोग

उत्तर प्रदेश में एआई का इस्तेमाल सोशल सेक्टर में धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हेल्थ सेक्टर में यूपी सरकार ने एआई-सक्षम आईसीयू (ICU) और उन्नत चिकित्सा उपकरणों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है। इससे गंभीर मरीज़ों की निगरानी और इलाज में सुधार हो रहा है। एआई का उपयोग बीमारियों (जैसे टीबी या डेंगू) की जल्दी पहचान और रोकथाम के लिए डेटा विश्लेषण में किया जा रहा है। टेलीमेडिसिन में एआई चैटबॉट ग्रामीण क्षेत्र में मरीज़ों को प्राथमिक सलाह दे रहे हैं। एजुकेशन के क्षेत्र में यूपी में स्मार्ट क्लासरूम प्रोजेक्ट में एआई का इस्तेमाल बच्चों की सीखने की प्रगति को ट्रैक करने और शिक्षकों को बेहतर तरीके सुझाने के लिए हो रहा है। ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म पर एआई-आधारित टूल्स छात्रों को उनकी कमज़ोरियों के आधार पर व्यक्तिगत सामग्री प्रदान कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट रेट कम करने के लिए एआई डेटा एनालिटिक्स का प्रयोग शुरू हुआ है, जो जोखिम वाले छात्रों की पहचान करता है।

पेंशन योजना के तहत एआई तकनीकें बहु-हितधारक बातचीत को सुविधाजनक बनाकर, प्रशासनिक कार्यों को कम करके और पेंशन बोर्डों को निर्णय लेने में सहायता करके पेंशन योजना प्रशासन को बेहतर बना सकती हैं। इसमें निवेश रणनीतियों के अनुकूलन में सुधार और सदस्य मुद्दों का त्वरित समाधान शामिल है। कार्यक्रम के दौरान उच्च विश्वसनीयता के डाटा के आधार पर सामाजिक क्षेत्र में एआई के बेहतर प्रयोग हेतु पॉलिसी बनाने, एक सकारात्मक माहौल तैयार करने की आवश्यकताओं एवं समाज में बढ़ रहे डिजिटल गैप को कम करने के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर पर असीम अरुण द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को वर्चुअल केयर असिस्टेंस देने एवं समस्त सुरक्षा उपायों के साथ एआई का उपयोग विभाग की योजनाओं में उपयोग करने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम के दौरान पुस्तक सत्येंद्र त्रिपाठी जी की पुस्तक ‘स्मार्ट गवर्नेंस’ का विमोचन भी किया गया जिसमें तकनीकी के बेहतर प्रयोग के द्वारा कैसे स्मार्ट गवर्नेंस लागू किया जा सकता है पर प्रकाश डाला गया है। कार्यक्रम में सचिन यादव जी, विधायक, फिरोजाबाद,अविनाश, सदस्य विधान परिषद, प्रमुख सचिव आईटी-इलेक्ट्रॉनिक,अनुराग यादव, IIT रुढ़की,ऋषिकेष पाण्डेय, सुधा श्रीनिवास, टीसीएस के अमिताभ, आशुतोष शुक्ला, संपादक, दैनिक जागरण डॉ. अभिषेक मिश्रा,रोहित,अवनीश, यशस्वी सिंह आदि उपस्थित रहे। शिक्षा,स्वास्थ्य,सुरक्षा के क्षेत्र में AI की उपयोगिता बढ़ी