तकनीकी आज की आवश्यकता-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी कॉलेज परिसर, गोरखपुर में नेशनल एजुकेशन सोसाइटी के पूर्व प्रबंधक स्व0 प्रेम नरायन श्रीवास्तव की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थान के संस्थापक स्व0 रामगरीब लाल की स्मृति में नवीनीकृत सभागार और वरिष्ठ नागरिक प्रेरक परिषद के भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने नेशनल एजुकेशन सोसाइटी के शिक्षण संस्थानों के पूर्व शिक्षकों व मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। तकनीकी आज की आवश्यकता, लेकिन लोक कल्याणकारी विकास के लिए संवेदनशीलता अपरिहार्य। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ ह्यूमन इंटेलीजेंस बहुत महत्वपूर्ण, तकनीकी का बेहतर उपयोग तब, जब इसके साथ संवेदनशील दृढ़ इच्छाशक्ति जुड़ी होती है। उ0प्र0 का युवा सर्वाधिक ऊर्जावान, वह देश व प्रदेश के विकास में योगदान देने को उत्सुक,राज्य सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम व दक्ष बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही। राज्य सरकार अगले 05 वर्षों में स्नातक-परास्नातक युवाओं को 02 करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट देने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही, अब तक 15 लाख विद्यार्थियों को स्मार्टफोन एवं टैबलेट वितरित। सरकार का लक्ष्य प्रत्येक विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की मंशा के अनुरूप आर्थिक स्वावलंबन से आगे बढ़ते हुए समाज एवं राष्ट्र के हित में अपना योगदान दे। प्रत्येक शिक्षण संस्थान का यह दायित्व है कि वह शासन की नीतियों से खुद को जोड़ते हुए प्रत्येक विद्यार्थी को कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराए। विद्यार्थियों को समय के अनुरूप चलने की आवश्यकता, जो भी समय की गति को नहीं समझेगा, वह पीछे छूट जाएगा। दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत देखने के लिए हमें प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए पंच प्रणों से खुद को जोड़ने का संकल्प लेना होगा, इसमें युवाओं की बड़ी भूमिका।

गोरखपुर/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तकनीकी आज की आवश्यकता है, लेकिन लोक कल्याणकारी विकास के लिए संवेदनशीलता अपरिहार्य है।  तकनीकी में कैद होकर आत्मा को गिरवी नहीं रखा जा सकता। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ ह्यूमन इंटेलीजेंस भी बहुत महत्वपूर्ण है। तकनीकी का बेहतर उपयोग तब होता है जब इसके साथ संवेदनशील दृढ़ इच्छाशक्ति जुड़ी होती है।मुख्यमंत्री महात्मा गांधी कॉलेज परिसर, गोरखपुर में नेशनल एजुकेशन सोसाइटी के पूर्व प्रबंधक स्व0 प्रेम नरायन श्रीवास्तव की प्रतिमा का अनावरण तथा शिक्षण संस्थान के संस्थापक स्व0 रामगरीब लाल की स्मृति में नवीनीकृत सभागार और वरिष्ठ नागरिक प्रेरक परिषद के भवन का लोकार्पण करते हुये व्यक्त किए। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री जी ने नेशनल एजुकेशन सोसाइटी के शिक्षण संस्थानों के पूर्व शिक्षकों व मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।


कोरोना संकटकाल में जब दुनिया में कई देश परेशान थे तब भारत ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में संवेदनशीलता और तकनीकी के सामंजस्य से मात्र 09 माह में 02 स्वदेशी कोविड वैक्सीन बनाकर पूरी दुनिया के सामने मानवता की सेवा का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया। कोरोना काल में भारत ने यह दिखा दिया कि उसमें विश्व गुरु बनने का सामर्थ्य है और आज हम उसी संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।


उत्तर प्रदेश का युवा सर्वाधिक ऊर्जावान है। इन्हें देखकर गौरव की अनुभूति होती है। आज देश-दुनिया में कहीं भी जाते हैं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का युवा समर्पित भाव से कार्य करते हुए दिखाई देता है। वह देश व प्रदेश के विकास में योगदान देने को उत्सुक है। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम व दक्ष बनाने के लिए राज्य सरकार कई कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है।


प्रदेश के छात्र/छात्राओं के प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से कोचिंग की व्यवस्था की गयी है। अब उन्हें इसके लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। युवाओं के डिजिटल सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार अगले 05 वर्षों में स्नातक-परास्नातक युवाओं को 02 करोड़ स्मार्टफोन और टैबलेट देने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। अब तक 15 लाख विद्यार्थियों को स्मार्टफोन एवं टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य है कि हर विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की मंशा के अनुरूप आर्थिक स्वावलंबन से आगे बढ़ते हुए समाज एवं राष्ट्र के हित में अपना योगदान दे।


स्टार्टअप योजना, स्टैंडअप योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, डिजिटल इण्डिया, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, ओ0डी0ओ0पी0 योजना आदि युवाओं को आगे बढ़ने के लिए मदद कर रही हैं। प्रत्येक शिक्षण संस्थान का यह दायित्व है कि वह शासन की नीतियों से खुद को जोड़ते हुए प्रत्येक विद्यार्थी को कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराए। इन योजनाओं से जुड़कर प्रदेश के युवा आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनकर देश व प्रदेश के विकास में योगदान कर सकेंगे।


 मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से कहा कि आज समय के अनुरूप चलने की आवश्यकता है। जो भी समय की गति को नहीं समझेगा, वह पीछे छूट जाएगा। हमें यह जानना होगा कि आज की आवश्यकता क्या है। समयानुरूप निर्णय नहीं होने पर हम कोसों दूर रहकर एकाकीपन का हिस्सा हो जाएंगे, इसलिए हमें समय के हिसाब से खुद को तैयार करना होगा। वर्तमान समय में हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हमें यह विचार करना होगा कि आजादी के शताब्दी वर्ष तक हम कैसा भारत देखना चाहते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति और दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत देखने के लिए हमें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा बताए गए पंच प्रणों से खुद को जोड़ने का संकल्प लेना होगा। इसमें युवाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का निर्माण करने में हम सबकी जिम्मेदारी है। अपने कार्य क्षेत्र के कर्तव्य का पालन ही राष्ट्रीय कर्तव्य है और ऐसा करते हुए हम नए भारत की नई तस्वीर बनाएंगे।


 मुख्यमंत्री ने कहा कि विरासत के प्रति सम्मान का भाव रखना हम सबका दायित्व है और नेशनल एजुकेशन सोसाइटी ने यह भाव दिखाकर अभिनंदनीय कार्य किया है। नेशनल एजुकेशन सोसाइटी के पूर्व प्रबंधक स्व0 प्रेम नरायन श्रीवास्तव को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेम बाबू जिससे भी मिलते थे, उनके सहज व्यवहार से वह उनका हो जाता था। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय है। नेशनल एजुकेशन सोसाइटी की तरफ से एम0जी0 कॉलेज में 200 की क्षमता वाले कन्या छात्रावास की मांग पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रस्ताव तैयार करके भेजिए, इस प्रस्ताव पर कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा।इस अवसर पर विधान परिषद के सदस्य डॉ0 धर्मेंद्र सिंह, नेशनल एजुकेशन सोसाइटी और महात्मा गांधी कॉलेज की प्रबंध समिति के पदाधिकारी, शिक्षक, विद्यार्थी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।