नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा:मुख्यमंत्री

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नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा:मुख्यमंत्री
नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा:मुख्यमंत्री

नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा। नदी पुनरोद्धार के लिए मंडलायुक्तों को जिम्मेदारी, पौधरोपण अभियान नदियों के किनारे संचालित होगा। ‘अविरल-निर्मल गोमती’ के लिए मुख्यमंत्री का रोडमैप तय, एक माह में डीपीआर, मानसून के बाद कार्य प्रारंभ। उत्तर प्रदेश के 37,730 गांवों में पहुंचा ‘हर घर नल’, 25,166 गांवों का प्रमाणीकरण भी पूर्ण। हर घर नल प्रधानमंत्री का संकल्प, मुख्यमंत्री ने कहा, समयबद्धता, गुणवत्ता, संचालन व रखरखाव प्राथमिकता हो। जहां-जहां पाइपलाइन से सड़कें खुदी हैं, मुख्यमंत्री ने तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए; जनप्रतिनिधि करें स्थलीय निरीक्षण। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में जल जीवन मिशन से आया बदलाव, मुख्यमंत्री ने अध्ययन के लिए प्रतिष्ठित संस्था के चयन के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश, जल आपूर्ति संबंधी शिकायतों का 24 घंटे में समाधान सुनिश्चित हो, जल गुणवत्ता से समझौता नहीं। गर्मी में जल संकट से निपटने को लेकर सरकार सतर्क, मुख्यमंत्री ने कंट्रोल रूम, नोडल अधिकारी और खराब हैंडपंपों की मरम्मत के दिए निर्देश। मुख्यमंत्री ने कहा, वॉटर हेड टैंकों के आसपास सौंदर्यीकरण कर जनता में जल के प्रति जागरूकता का संदेश दिया जाए। नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा:मुख्यमंत्री

ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की संकटग्रस्त नदियों के पुनर्जीवन को अब केवल एक परियोजना न मानते हुए उसे जनआंदोलन का स्वरूप देना होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लखनऊ की गोमती, गाजियाबाद की हिंडन, काशी की वरुणा या प्रदेश की कोई अन्य नदी—हर एक के संरक्षण व पुनरोद्धार के लिए सामाजिक-सांस्कृतिक चेतना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि नदी पुनरोद्धार की जिम्मेदारी मंडलायुक्तों को दी जाए और वर्ष 2025 के पौधरोपण अभियान को नदियों के किनारों पर केंद्रित किया जाए। लखनऊ की गोमती नदी पर विशेष ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने ‘अविरल-निर्मल गोमती’ के लिए एक माह में डीपीआर तैयार करने तथा मानसून के बाद कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया। साथ ही यह भी कहा कि सीवेज और ड्रेनेज प्रणाली को अलग किया जाए और गोमती में “जीरो लिक्विड डिस्चार्ज” की स्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जनसहभागिता को प्रमुखता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने ‘हर घर नल’ योजना और जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए बताया कि अब तक प्रदेश के 37,730 गांवों में नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा चुकी है, जिनमें से 25,166 गांवों का प्रमाणीकरण भी पूर्ण हो चुका है। बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के दूरस्थ गांवों में यह योजना सामाजिक बदलाव का कारण बनी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और संचालन-रखरखाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जहां-जहां पाइपलाइन के कारण सड़कों की खुदाई हुई है, वहां तत्काल मरम्मत के आदेश भी दिए गए हैं, और जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्थलीय निरीक्षण कर गुणवत्ता की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजें।

मुख्यमंत्री ने गर्मी के मौसम को देखते हुए पूरे प्रदेश में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। सभी जनपदों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएं, नोडल अधिकारी नियुक्त हों और खराब हैंडपंपों की शीघ्र मरम्मत कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जल गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए और प्रत्येक शिकायत का निस्तारण 24 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाए। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जल के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए वॉटर हेड टैंकों के आसपास सौंदर्यीकरण किया जाए और जल जीवन मिशन के सामाजिक प्रभाव का मूल्यांकन किसी प्रतिष्ठित संस्था से कराया जाए, जिससे यह जाना जा सके कि योजनाएं जीवन की गुणवत्ता में कितना सुधार ला रही हैं। नदियों के पुनर्जीवन को जनांदोलन बनाना होगा:मुख्यमंत्री