
मजदूरों के लिए आया धन प्रधानों नें ठेकेदारों के हाथ बेचा। सरकारी रुपयों की जमकर बंदरबाँट। पीली ईट से प्रधान बनवा रहें नाली और गड्ढा। सरकारी रुपयों की जमकर बंदरबाँट
अब्दुल जब्बार
अयोध्या/भेलसर। केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश की समस्त ग्राम पंचायतों में SLMW योजना से नाली निर्माण और तालाब का पानी गन्दा न हो इसके लिए गाँव का गन्दा और दूषित पानी तालाब में गिराने से पहले फ़िल्टर करने के उद्देश्य से सोकपिट (गड्ढा) में गिराकर गंदगी साफ करने के लिए बनाया जाने वाला गड्ढा खुद भ्रस्टाचार का गड्ढा बनकर रह गया है। यही नहीं ज्यादातर ग्राम प्रधानों नें SLMW योजना से बनने वाली नाली, शोकपिट और घूर गड्ढा का निर्माण ठेका पर देकर बनवाया जा रहा है।आरोप है कि ग्राम प्रधान / सेक्रेटरी और सम्बंधित तकनीकी सहायको का 20:15:10 का परसेंटेंज तय होने के कारण घटिया मसाला और पीली ईट का प्रयोग धड़ल्ले से लगभग ज्यादातर ग्रामों में किया जा रहा है। सरकार की मंशा गावों में अधिक पैसा भेजकर गरीबों को रोजगार देने की थी जिसे प्रधानों द्वारा खुलेआम ठेकेदारों के हाथों बेच देने से उनके सपने भी ध्वस्त हो गये हैं। ज्ञात हो मोदी जी की सोंच को साकार करने के लिए SLMW स्कीम के तहत अलग से उनकी आबादी के अनुसार 10 से 20 लाख रुपया ग्राम पंचायतों में भेजा है परन्तु ठेकेदारों के हाथों बेचकर बनवाने से योजना मटियामेट हो गयी है। सरकारी रुपयों की जमकर बंदरबाँट