आईपीएस संभाल रहे डीआईजी की जिम्मेदारी

235
डीआईजी जेल का गजब कारनामा
डीआईजी जेल का गजब कारनामा

आईपीएस संभाल रहे जेल परिक्षेत्रों के डीआईजी की जिम्मेदारी। विभागीय डीआईजी परिक्षेत्र के बजाए कारागार प्रशिक्षण संस्थान में जटिल कार्यप्रणाली होने से प्रभावित हो रहा परिक्षेत्र की जेलों का कार्य। आईपीएस संभाल रहे डीआईजी की जिम्मेदारी

राकेश यादव

लखनऊ। प्रदेश कारागार विभाग के भी अजब गजब कारनामे सामने आ रहे हैं। इस विभाग में विभाग के डीआईजी की जिम्मेदारी आईपीएस के हाथों में हैं। विभागीय डीआईजी जेल बजाय अन्य काम लिया जा रहा है। ऐसा तब है जब जेल विभाग की कार्यप्रणाली काफी जटिल है। वहीं विभाग से अंजान आईपीएस को यह कमान सौंपे जाने से जेलों के तमाम कार्य प्रभावित हो रहे है।

मामला विभाग के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) से जुड़ा हुआ है। शासन ने जेल विभाग में डीआईजी की संख्या कम होने की वजह से शासन ने जेल विभाग में चार आईपीएस हेमंत कुटियाल, राजेश श्रीवास्तव, सुभाष शाक्य और शिवहरि मीना को बतौर डीआईजी तैनात किया। हाल ही में शिवहरि मीना का तबादला हो गया। इनके स्थान पर किशोर कुंतल को तैनात किया गया है। तीन आईपीएस अधिकारियों को जेल परिक्षेत्र व मुख्यालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

प्रदेश के कारागार विभाग में वर्तमान समय में सिर्फ तीन विभागीय डीआईजी हैं। अरविंद कुमार सिंह को जेल मुख्यालय के साथ लखनऊ के साथ गोरखपुर परिक्षेत्र की जिम्मेदारी सौंप रखी गई है। आरएन पांडे को आगरा परिक्षेत्र का प्रभार सौंपा गया है। शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को परिक्षेत्र के बजाय कारागार प्रशिक्षण संस्थान (जेटीएस) का प्रभार दिया गया है। ऐसा तब किया गया है जब कई जेल परिक्षेत्र में डीआईजी नहीं हैं।

सूत्रों का कहना है कि जेल विभाग की कार्यप्रणाली काफी जटिल है। विभागीय डीआईजी जिस काम को आसानी से निपटा लेते है, उन कार्यों को करने में आईपीएस अधिकारियों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। इसके बाद भी शासन ने एक विभागीय डीआईजी को हाशिए पर रख रखा है। इस संबंध में जब डीआईजी जेल मुख्यालय एके सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने इसे शासन का मामला बताते हुए कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया। प्रमुख सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से काफी प्रयासों के बाद भी सम्पर्क नहीं हो पाया।

शिकायत करने का खामियाजा भुगत रहे डीआईजी….!

विभागीय डीआईजी को परिक्षेत्र का प्रभार नहीं सौंपे जाने को लेकर विभाग के अधिकारियों और कर्मियों में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे है। चर्चा है कि विभाग के आला अफसरों के खिलाफ लगातार शिकायतें करने की वजह से उन्हें हाशिए पर रखा गया है। हकीकत यह है कि प्रमुख सचिव कारागार समेत अन्य आला अफसरों के खिलाफ शिकायत करने का खामियाजा विभागीय डीआईजी को भुगतना पड़ रहा है।

दस्तावेजों को नजरंदाज करने की हुई थी शिकायत

बीते वर्ष 28 फरवरी 2023 को प्रयागराज जेल परिक्षेत्र में तैनात डीआईजी शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को शासन ने पदावनत किये जाने का आदेश जारी किया। इस आदेश के विरुद्ध वह न्यायालय की शरण में गए। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करने के बाद पदावनत किए गए डीआईजी जेल के आदेश पर अग्रिम आदेश तक के लिए रोक लगा दी। पदावनत की कार्यवाही में दस्तावेजों को नजरंदाज किए जाने को लेकर आला अफसरों की शिकायत हुई थी। आईपीएस संभाल रहे डीआईजी की जिम्मेदारी