अयोध्या को 15,700 करोड़ की सौगात

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अयोध्या को 15,700 करोड़ की सौगात
अयोध्या को 15,700 करोड़ की सौगात

प्रधानमंत्री ने जनपद अयोध्या में 15,700 करोड़ रु0 से अधिक लागत की 45 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, इस अवसर पर उ0प्र0 की राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री ने महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तथा पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का लोकार्पण किया, 06 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और 02 अमृत भारत ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की 10 करोड़वीं लाभार्थी के घर गये। विकसित भारत के निर्माण के अभियान को अयोध्या से नई गति और नई ऊर्जा मिल रही, आज का भारत पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा। अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि होगी, इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार अयोध्या में हजारों करोड़ रु0 के विकास कार्य करा रही। अयोध्या धाम में हो रहे निर्माण कार्य यहां आने वाले सभी राम भक्तों के लिए अयोध्या धाम की यात्रा और प्रभु श्रीराम के दर्शन को आसान बनाएंगे। विकास के कार्यों से अयोध्या में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यहां आने वाले हर यात्री को धन्य करेगा। अयोध्या से देश ने आधुनिक रेलवे के निर्माण की ओर एक बड़ा कदम उठाया, वंदे भारत तथा नमो भारत के बाद देश को अमृत भारत के रूप में नई ट्रेन मिली। वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत ट्रेन की त्रिशक्ति भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने जा रही। पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से गुजरती, आज अयोध्या-आनन्द विहार टर्मिनल वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत भी की गई। मोदी जो गारण्टी देता, उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देता। आगामी 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हों, तब सभी अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं। 22 जनवरी से एक सप्ताह पूर्व से ही पूरे देश में सभी छोटे-बड़े तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता का बड़ा अभियान चलाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने अयोध्या को दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया। 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त होने जा रही, 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा श्रीरामलला स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। जनपद अयोध्या फोरलेन, सिक्स लेन तथा 08-लेन की बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी से जुड़ा, अयोध्या को रेल मार्ग की भी बेहतरीन कनेक्टिविटी प्राप्त होने जा रही। प्रधानमंत्री सबसे अधिक समय तक तथा सबसे अधिक बार अयोध्या आने वाले प्रधानमंत्री बन चुके। अयोध्या को 15,700 करोड़ की सौगात

ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनपद अयोध्या में 15,700 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 45 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी भी सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री नवनिर्मित महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे तथा 16 कि0मी0 तक रोड शो किया। प्रधानमंत्री का श्रीराम नगरी अयोध्या में अभूतपूर्व स्वागत किया गया। लता मंगेशकर चौक पर साधु-संतो ने प्रधानमंत्री जी पर पुष्प वर्षा की और उन्हें आशीर्वाद दिया। प्रधानमंत्री ने भी सभी का अभिवादन किया।प्रधानमंत्री ने पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का लोकार्पण तथा 06 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन और 02 अमृत भारत ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री जी ने धर्म पथ, राम पथ, श्रीराम जन्मभूमि पथ आदि का अवलोकन किया और लोगों का अभिवादन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के राजघाट मोहल्ले के लाभार्थियों से भेंट की तथा उनके आवास के बारे में जानकारी प्राप्त की। लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री,उत्तर प्रदेश सरकार एवं उनके अधिकारियों की सराहना की। प्रधानमंत्री जी उज्ज्वला योजना की 10 करोड़वीं लाभार्थी मीरा मांझी के घर भी गये। इसके उपरान्त प्रधानमंत्री जी पुनः महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे और हवाई अड्डे का लोकार्पण किया।


प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में 30 दिसम्बर की तारीख बहुत ऐतिहासिक रही है। आज ही के दिन सन् 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अण्डमान में झण्डा फहराया था और भारत की आजादी का जयघोष किया था। आजादी के आंदोलन से जुड़े ऐसे पावन दिवस पर आज हम आजादी के अमृत काल के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। आज विकसित भारत के निर्माण के अभियान को अयोध्या से नई गति और नई ऊर्जा मिल रही है। आज यहां 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक धनराशि के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े यह कार्य आधुनिक अयोध्या को देश के नक्शे पर फिर से गौरव के साथ स्थापित करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी विरासत हमें प्रेरणा देती है और सही मार्ग दिखाती हैं। आज का भारत पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है। आज भारत अपने तीर्थां को भी संवार रहा है और डिजिटल टेक्नोलॉजी की दुनिया में भी छा रहा है। आज के भारत का विकास अयोध्या में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। आज यहां प्रगति का उत्सव है, कुछ दिन बाद यहां परम्परा का उत्सव होगा। आज यहां विकास की भव्यता दिख रही है, कुछ दिनों बाद यहां विरासत की भव्यता और दिव्यता दिखाई देगी। विरासत और विकास की यह सांझी ताकत भारत को 21वीं सदी में सबसे आगे ले जाएगी।


प्राचीन काल में अयोध्या नगरी कैसी थी इसका वर्णन महर्षि वाल्मीकि जी ने विस्तार से किया है। उन्होंने लिखा है कि महान अयोध्या पुरी धन-धान्य से परिपूर्ण, समृद्धि के शिखर पर और आनंद से भरी हुई थी। अयोध्या में विज्ञान और वैराग्य के साथ ही उसका वैभव भी शिखर पर था। अयोध्या नगरी की इस पुरातन पहचान को आधुनिकता से जोड़कर वापस लाना है। आने वाले समय में अयोध्या नगरी अवध क्षेत्र के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश के विकास को दिशा देने वाली है। अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बनने के बाद यहां आने वाले लोगों की संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि होगी। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार अयोध्या में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य करा रही है। अयोध्या को स्मार्ट बनाया जा रहा है। आज अयोध्या में सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है, नए फुटपाथ, फ्लाई ओवर एवं नए पुल बन रहे हैं। अयोध्या को आसपास के जिलों से जोड़ने के लिए यातायात के साधनों को सुधारा जा रहा है। महर्षि वाल्मीकि ने रामायण के माध्यम से प्रभु श्रीराम के कृतित्व से हमें परिचित कराया। महर्षि वाल्मीकि जी के नाम पर अयोध्या एयरपोर्ट यहां आने वाले हर यात्री को धन्य करेगा। इस एयरपोर्ट की क्षमता प्रतिवर्ष 10 लाख यात्रियों की सेवा करने की है। जब इसके दूसरे चरण का कार्य पूरा हो जाएगा, तो इस एयरपोर्ट पर प्रतिवर्ष 60 लाख यात्री आ-जा सकेंगे। वर्तमान में अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन की क्षमता 10 से 15 हजार यात्रियों के आने-जाने की है। स्टेशन का पूरा विकास होने के बाद अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से हर रोज 60 हजार यात्री आ-जा सकेंगे।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में अनेक पथों तथा मार्गों का लोकार्पण हुआ है। राम पथ ,भक्ति पथ, धर्म पथ और श्री राम जन्म भूमि पथ से आवागमन  सुगम होगा। अयोध्या में कार पार्किंग स्थलों का लोकार्पण किया गया है। नए मेडिकल कॉलेज से यहां आरोग्य की सुविधाओं को विस्तार मिलेगा। सरयू जी की निर्मलता बनी रहे, इसके लिए डबल इंजन सरकार पूरी तरह समर्पित है। सरयू जी में गिरने वाले दूषित पानी को रोकने के लिए भी काम शुरू हुआ है। राम की पैड़ी को एक नया स्वरूप दिया गया है। सरयू जी के किनारे नए-नए घाटों का विकास हो रहा है। यहां के सभी प्राचीन कुण्डो का पुनरुद्धार किया जा रहा है। लता मंगेशकर चौक तथा राम कथा स्थल अयोध्या की पहचान बढ़ा रहे हैं। अयोध्या में बनने जा रही नई टाउनशिप यहां के लोगों का जीवन और आसान बनाएगी। विकास के इन कार्यों से अयोध्या में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। इससे यहां टैक्सी, रिक्शा, होटल, ढाबे वालों, प्रसाद, फूल तथा पूजा सामग्री बेचने वालों सहित अन्य छोटे-छोटे दुकानदारों की आमदनी बढ़ेगी। अयोध्या से देश ने आधुनिक रेलवे के निर्माण की ओर एक बड़ा कदम उठाया है। वंदे भारत तथा नमो भारत के बाद देश को अमृत भारत के रूप में नई ट्रेन मिली है। वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत ट्रेन की त्रिशक्ति भारतीय रेलवे का कायाकल्प करने जा रही है। पहली अमृत भारत ट्रेन अयोध्या से ही गुजरती है। दिल्ली-दरभंगा अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोगों की यात्रा को आधुनिक बनाएगी। यह आधुनिक अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन विशेष रूप से गरीब परिवारों तथा श्रमिकों को बहुत सहायता प्रदान करेगी।


विकास और विरासत को जोड़ने में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बड़ी भूमिका निभा रही है। देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन काशी के लिए चली थी। आज देश के 34 रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चल रही है। इसी कड़ी में आज अयोध्या को भी वंदे भारत ट्रेन का उपहार मिला है। आज अयोध्या-आनन्द विहार टर्मिनल वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई है। इसके अलावा कटरा-दिल्ली, अमृतसर-दिल्ली, कोयम्बटूर-बेंगलुरु, मेंगलुरु-मडगांव तथा जालना-मुम्बई के बीच वंदे भारत ट्रेन की नई सेवाएं शुरू हुई है। वंदे भारत ट्रेन में गति, आधुनिकता और आत्मनिर्भर भारत का गर्व है। बहुत कम समय में वंदे भारत ट्रेनों से डेढ़ करोड़ से अधिक यात्री सफर कर चुके हैं। युवा पीढ़ी को यह ट्रेन बहुत पसंद आ रही है। हमारे देश में प्राचीन काल से ही तीर्थ यात्राओं का बहुत महत्व रहा है। इनका एक गौरवशाली इतिहास है। बड़ी संख्या में लोग इन यात्राओं से जुड़ते हैं। अयोध्या धाम में हो रहे निर्माण कार्य आने वाले सभी राम भक्तों के लिए अयोध्या धाम की यात्रा और प्रभु श्रीराम के दर्शन को आसान बनाएंगे। यह ऐतिहासिक क्षण बहुत भाग्य से हम सभी के जीवन में आया है। हमें देश के लिए नव संकल्प लेना है और खुद को नई ऊर्जा से भरना है।


प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि आगामी 22 जनवरी को जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हों, तब सभी अपने घरों में श्रीराम ज्योति जलाएं और दीपावली मनाएं। 22 जनवरी को अयोध्या में आने के लिए सभी उत्सुक होंगे, लेकिन उस समय यहां आना कठिन कार्य है। अतः सभी राम भक्तों को 22 जनवरी के बाद अयोध्या आना चाहिए। जब हमने 550 वर्षों तक इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए। अयोध्या वासियों से स्वच्छ अयोध्या बनाने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें देश और दुनिया के अनगिनत अतिथियों के स्वागत के लिए तैयार होना है। लाखों की संख्या में लोग यहां आएंगे और यह सिलसिला अनन्त काल तक चलता रहेगा। स्वच्छ अयोध्या यहां के निवासियों की जिम्मेदारी है। इसके लिए हमें मिलकर कदम उठाना है। उन्होंने कहा कि भव्य श्रीराम के मंदिर के निर्माण के दृष्टिगत 22 जनवरी से एक सप्ताह पूर्व से ही, 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन से पूरे देश में सभी छोटे-बड़े तीर्थ स्थलों पर स्वच्छता का बड़ा अभियान चलाया जाना चाहिए। हिंदुस्तान के हर कोने में सफाई का अभियान चलना चाहिए।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ही अयोध्या नगरी में उन्हें उज्ज्वला गैस कनेक्शन की 10 करोड़वीं लाभार्थी बहन के घर चाय पीने का अवसर मिला है। 01 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना ने करोड़ों परिवारों, माताओं तथा बहनों का जीवन हमेशा के लिए बदल दिया है। उन्हें लकड़ी के धुएं से मुक्ति दिलाई है। हमारे देश में रसोई गैस कनेक्शन देने का कार्य 60 से 70 वर्ष पूर्व शुरू किया गया था, लेकिन वर्ष 2014 तक मात्र 14 करोड़ गैस कनेक्शन ही दिए गए थे। हमारी सरकार ने एक दशक में ही 18 करोड़ नए गैस कनेक्शन दिए हैं। इनमेंं से 10 करोड़ गैस कनेक्शन उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क दिए गए हैं। मोदी की गारण्टी पर पूरे देश को इसलिए भरोसा है क्योंकि मोदी जो गारण्टी देता है, उसे पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर देता है। यह अयोध्या नगरी भी इसकी साक्षी है। प्रधानमंत्री जी ने लोगों को आश्वस्त किया कि अयोध्या धाम के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए भारत की नई अयोध्या का लोकार्पण करने आए हैं। ‘अवधपुरी सोहइ एहि भाँती, प्रभुहि मिलन आई जनु राती।’ अर्थात अवधपुरी इस प्रकार सुशोभित हो रही है, मानो प्रभु से मिलने आई हो। ‘अवधपुरी प्रभु आवत जानी, भई सकल शोभा कै खानी।’ अर्थात् प्रभु के आगमन का समाचार सुनकर अवधपुरी सम्पूर्ण शोभा की खान हो गई है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त होने जा रही है। 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों द्वारा श्रीरामलला स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान होंगे।प्रधानमंत्री जी ने अयोध्या को दुनिया की सुन्दरतम नगरी के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है। आज अयोध्यावासियों ने भव्यता के साथ प्रधानमंत्री जी का स्वागत किया। यह हम सभी को नए भारत की नई अयोध्या का दर्शन करा रहा है। प्रधानमंत्री जी सबसे अधिक समय तक तथा सबसे अधिक बार अयोध्या आने वाले प्रधानमंत्री बन चुके हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश और जनपद अयोध्या से जुड़ी हुई हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं के लिए पूरा प्रदेश प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट कर रहा है। प्रभु श्रीराम त्रेता युग में पुष्पक विमान से अयोध्या आए थे। आज प्रधानमंत्री जी ने अयोध्यावासियों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उपहार प्रदान किया है। जनपद अयोध्या 04-लेन, 06-लेन तथा 08-लेन की बेहतरीन रोड कनेक्टिविटी से जुड़ा है। अयोध्या को रेल मार्ग की भी बेहतरीन कनेक्टिविटी प्राप्त होने जा रही है। प्रधानमंत्री जी ने प्रभु श्री राम की जन्म भूमि अयोध्या को माता सीता की प्रकटीकरण भूमि सीतामढ़ी से जोड़ने के लिए रेल यात्रा का शुभारम्भ किया है। आज नये रेलवे स्टेशन के साथ-साथ वन्दे भारत और अमृत भारत ट्रेनों का शुभारम्भ किया जा रहा है। यह वही अयोध्या है, जिसका नाम लेने में लोग संकोच करते थे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व तथा मार्गदर्शन में भारतीय विरासत से जुड़े हुए अयोध्या जैसे नगर नई पहचान प्राप्त कर रहे हैं। आज प्रधानमंत्री जी अयोध्या को विकास, अवसंरचना, कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं से सम्पन्न बना रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने प्रभु श्रीराम से इस लोक का मिलन कराने वाले त्रिकालदर्शी ऋषि महर्षि वाल्मीकि जी के नाम पर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम रखा है। यह भारत की परम्परा व विरासत पर गौरव की अनुभूति करने वाला क्षण है। रामायण को लौकिक रूप से हम सभी तक पहुंचाने वाले महर्षि वाल्मीकि जी पहले ऋषि हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 22 जनवरी, 2024 को प्रभु श्रीराम के स्वयं के मंदिर में विराजमान होने के अवसर पर अयोध्या में अतिथि देवो भव का अनुभव देश व दुनिया को कराना है। इसके लिए 22 जनवरी, 2024 को अतिथियों के स्वागत के लिए उत्साह व तत्परता से कार्य करना है।


केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रभु श्रीराम जी की कृपा तथा प्रधानमंत्री जी के विजन से आज अयोध्या विश्व के केन्द्र में है। अयोध्या में आज विरासत और विकास का अनूठा संगम दिख रहा है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच उत्तर प्रदेश के लिए रेल बजट में मात्र 1109 करोड़ रुपये की व्यवस्था थी। आज प्रधानमंत्री जी उत्तर प्रदेश में रेलवे के विकास के लिए 17 हजार करोड़ रुपये दे रहे हैं। इससे प्रदेश के सभी रेलवे प्रोजेक्ट में गति आयी है। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि भारत आध्यात्मिक रूप से भी उभरे। प्रधानमंत्री जी की मंशा थी कि अयोध्या हवाई अड्डे का स्वरूप विश्वस्तरीय हो। इसे ध्यान में रखते हुए, यह हवाई अड्डा भगवान श्रीराम की जीवन शैली तथा भारत की कला एवं संस्कृति से प्रेरित है। केन्द्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ0) वी0के0 सिंह (सेवा निवृत्त), उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, विधान परिषद सदस्य भूपेन्द्र सिंह चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री ने जनपद अयोध्या में केन्द्र सरकार की 14 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यान्स किया। इनकी कुल लागत 11284.91 करोड़ रुपये है। इनमें 10769.88 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 515.03 करोड़ रुपये लागत की 02 परियोजनाओं का शिलान्यास सम्मिलित हैं। राज्य सरकार की 31 कुल परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। इनकी लागत 4426.51 करोड़ रुपये है। इनमें से 1676.68 करोड़ रुपये लागत की 22 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 2749.83 करोड़ रुपये लागत की 09 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। इस प्रकार केन्द्र व राज्य की कुल 45 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया, जिनकी कुल लागत 15711.42 करोड़ रुपये है। यह परियोजनाएं जल शक्ति, नागरिक उड्डयन, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, रेलवे, धर्मार्थ कार्य, चिकित्सा शिक्षा, लोक निर्माण, नगर विकास, गृह, एन0एच0ए0आई0, नियोजन, आयुष, आवास एवं शहरी नियोजन, रसायन एवं पेट्रो रसायन तथा पर्यटन विभाग से सम्बन्धित हैं। अयोध्या को 15,700 करोड़ की सौगात