
सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया। फील्ड से प्राप्त शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो। बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं। यह जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण। ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं। हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए। लाइन लॉस को चरणबद्ध रूप से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश। लगातार बढ़ रही ह्यूमिडिटी और तापमान ने विद्युत खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया। कृषि फीडरों के तेजी से पृथक्करण और किसानों को पी0एम0 कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश। बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं:मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था अब केवल तकनीकी या प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि जनता के भरोसे और शासन की संवेदनशीलता का पैमाना बन चुकी है। ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और अनावश्यक कटौती अब किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी और सुधार करना ही होगा। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि जून, 2025 में उत्तर प्रदेश ने रिकॉर्ड 31,486 मेगावॉट की अधिकतम बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की। इस अवधि में 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई। लगातार बढ़ रही उमस (ह्यूमिडिटी) और तापमान ने खपत को अप्रत्याशित रूप से बढ़ाया, इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों में औसतन 24 घण्टे, तहसील स्तर पर 21.5 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे तक बिजली उपलब्ध कराई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रिपिंग की समस्या के निदान हेतु फीडरों की तकनीकी जांच हो, कमजोर स्थानों की पहचान कर तुरन्त सुधार कराया जाए। जहाँ ज़रूरत हो, वहां ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता तुरन्त बढ़ायी जाए, ताकि ओवरलोडिंग की स्थिति न बने। फील्ड से प्राप्त शिकायतों का समाधान समयबद्ध ढंग से हो, ताकि जनता को राहत मिले। संसाधनों की कोई कमी नहीं है। सरकार ने बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण को मजबूत करने के लिए रिकॉर्ड बजट उपलब्ध कराया है। ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशकों से उनके क्षेत्रों की आपूर्ति की स्थिति जानने के बाद उन्होंने हर स्तर पर जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए। हर उपभोक्ता को हर महीने सही समय पर स्पष्ट और सटीक बिल मिलना चाहिए। फॉल्स या ओवरबिलिंग जैसी शिकायतें जन विश्वास को तोड़ती हैं और विभाग की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। यह किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। बिलिंग एफिशिएंसी बढ़ाई जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जोड़े जा चुके हैं और इस प्रक्रिया को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का कार्य तेजी से जारी है।
मुख्यमंत्री जी ने तकनीकी और वाणिज्यिक हानियों (लाइन लॉस) को चरणबद्ध रूप से नीचे लाने का लक्ष्य तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर डिस्कॉम को अपने स्तर पर ठोस रणनीति बनाकर कार्य करना होगा। साथ ही, जहां आवश्यक हो, पारेषण व वितरण प्रणाली के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी गति पकड़े। राज्य की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 11,595 मेगावॉट है, जिसमें थर्मल, जल विद्युत, नवीकरणीय और केंद्रीय योजनाओं की परियोजनाएं शामिल हैं। घाटमपुर और मेजा जैसी नई परियोजनाओं के पूरा होने के बाद यह क्षमता अगले दो वर्षों में 16,000 मेगावॉट से अधिक हो जाएगी। मुख्यमंत्री जी ने इन परियोजनाओं की सतत निगरानी और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कृषि फीडरों के तेजी से पृथक्करण और किसानों को पी0एम0 कुसुम योजना से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का कार्य प्राथमिकता पर होना चाहिए, ताकि किसानों को स्थायी राहत मिल सके और पारम्परिक बिजली पर निर्भरता कम हो। बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं, यह जन अपेक्षा और शासन की प्रतिबद्धता का दर्पण है। हमारा दायित्व है कि हर नागरिक को यह महसूस हो कि उसे बिना भेदभाव व पारदर्शी तरीके से समयबद्ध बिजली मिल रही है। बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और वायरिंग नहीं:मुख्यमंत्री