भारत का बढ़ रहा”दबदबा”

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भारत का बढ़ रहा"दबदबा"
भारत का बढ़ रहा"दबदबा"

—– विश्व एथलेटिक्स दिवस 7 मई पर विशेष… —–

सुखद : विश्व एथलेटिक्स में बढ़ रहा है भारत का “दबदबा”। एथलेटिक्स में विश्व स्तर पर भारत के प्रदर्शन और बढ़ते दबदबे की बात करें तो भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 134 पदक जीते। इनमें 45 स्वर्ण, 40 रजत और 49 कांस्य पदक शामिल हैं।यह प्रदर्शन भारत को पदक तालिका में शीर्ष पर रखता है। भारत का बढ़ रहा”दबदबा”

प्रदीप कुमार वर्मा

फ्लाइंग सिख के नाम से देश और दुनिया में मशहूर मिल्खा सिंह। भारतीय उड़न परी के नाम से चर्चित पीटी उषा। दौड़ में नए मुकाम हासिल करती धाविका हिमा दास एवं पारुल चौधरी। और अपने भाले से लक्ष्य को भेदते नीरज चोपड़ा। यह कुछ नाम है जो भारतीय एथलेटिक्स के सितारे हैं और बीते दिनों में इन्होंने विश्व के खेल मानचित्र पर भारतीय पताका को फहराया है। इन एथलीट के दम पर ही विश्व एथलेटिक्स में भारत का दबदबा निरंतर बढ़ रहा है। यही नहीं यह भी तय है कि आने वाले दिनों में भी भारत की खेल पताका निरंतर नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी। विश्व एथलेटिक्स में भारत के बढ़ते दबदबे का आलम यह है कि भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 134 पदक जीते। इतना ही नहीं भारत पहली बार इसी साल 2025 में प्रतिष्ठित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी भी करेगा। विश्व एथलेटिक्स दिवस के मौके पर यह एक सुखद संकेत है।

एथलेटिक्स दिवस के इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि विश्व एथलेटिक्स दिवस का शुभारंभ 1996 में विश्व एथलेटिक्स फेडरेशन द्वारा किया गया था। विश्व एथलेटिक्स दिवस का उद्देश्य लोगों को खेल के फायदों के बारे में जागरूक करना है। जो उन्हें फिजिकल फिटनेस, टीम वर्क, सामंजस्य और खेल के महत्वपूर्ण मूल्यों के साथ-साथ सोशल स्किल्स को बढ़ाने में मदद करते हैं। विश्व एथलेटिक्स दिवस के माध्यम से दुनिया भर के खेल प्रेमी, खिलाड़ी तथा अन्य नागरिक खेल के महत्व को समझते हैं। विश्व एथलेटिक्स दिवस 2025 के लिए थीम है – “खेल के मैदान को बराबर बनाना, सभी को साथ लेकर चलना।” इस थीम का मतलब साफ है कि एथलेटिक्स के जरिए भी नागरिकों में आपसी एकता एवं भाईचारा को बढ़ावा मिले।

एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया भारत में एथलेटिक्स चलाने और प्रबंधित करने के लिए सर्वोच्च निकाय है। यह आईएएएफ और भारतीय ओलंपिक संघ से संबद्ध है। एएफआई में 32 संबद्ध राज्य इकाइयाँ और संस्थागत इकाइयाँ हैं।एएफआई का गठन 1946 में हुआ था और यह महासंघ राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करता है तथा भारतीय एथलेटिक्स के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करता है। एथलेटिक्स दिवस 2025 का मुख्य उद्देश्य छात्रों और बच्चों की खेल आयोजनों में भागीदारी को बढ़ावा देना है। हर साल अंतर्राष्ट्रीय एमेच्योर एथलेटिक महासंघ स्कूलों और कॉलेजों के लिए विभिन्न खेल आयोजनों की शुरुआत करता है, ताकि खेल आयोजनों में उनकी भागीदारी बढ़े। इस आयोजन से कई एथलीट उभर कर आते हैं, जो देश और दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

एथलेटिक्स में विश्व स्तर पर भारत के प्रदर्शन और बढ़ते दबदबे की बात करें तो भारत ने विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 134 पदक जीते। जिसमें 45 स्वर्ण, 40 रजत और 49 कांस्य पदक शामिल हैं। इस प्रदर्शन के साथ भारत ने पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया। ट्रैक और फील्ड स्पर्धाओं में भारतीय एथलीटों ने बेहतरीन प्रदर्शन कर वैश्विक मंच पर पैरा-एथलेटिक्स में अपनी बढ़ती ताकत और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। भारत ने इस बार के पेरा गेम्स में कुल 167 खिलाड़ियों का दल भेजा था और सबसे ज्यादा पदक जीतकर भारत ने अपना दबदबा साबित किया है। एथलेटिक्स के भविष्य के लिए यह एक सुखद संकेत है।

भारत के एथलीट के संबंध में बात करें तो दिग्गज एथलीट मिल्खा सिंह से लेकर वर्तमान में भाला फेंक स्टार नीरज चोपड़ा ने भारतीय ट्रैक एंड फील्ड अपने बेहतरीन प्रदर्शन से एक अलग छाप छोड़ी है। फ्लाइंग सिख के नाम से चर्चित मिल्खा सिंह ने साल 1958 में टोक्यो में एशियाई खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीते। वहीं,नीरज चोपड़ा टोक्यो 2020 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने। इसके साथ ही उड़नपरी के नाम से चर्चित पीटी उषा का एशिया में दबदबा और 2003 वर्ल्ड चैंपियनशिप में लॉन्ग जंपर अंजू बॉबी जॉर्ज के ऐतिहासिक कांस्य पदक ने भारत को एक अलग ऊचांई पर पहुंचाने में अहम योगदान दिया है। एशियाई रिकॉर्ड धारक और दो बार के कॉन्टिनेंटल शॉट पुट चैंपियन तजिंदरपाल सिंह तूर ने भी भारतीय एथलेटिक्स में एक अलग पहचान हासिल की है।

ट्रैक एंड फील्ड की भारतीय क्वीन ने साल 1982 से 1996 तक चार एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और चार स्वर्ण सहित 11 पदक जीते। एशियाई चैंपियनशिप में, पीटी उषा ने 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 400 मीटर बाधा दौड़ और रिले स्पर्धाओं में 14 स्वर्ण सहित कुल 23 पदक जीते। साल 2022 में पीटी उषा को भारतीय ओलंपिक संघ की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में चुना गया। एक और भारतीय महिला एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन एथेंस 2004 ओलंपिक में देखने को मिला। वह महिलाओं की लंबी कूद में 6.83 मीटर की दूरी के साथ पांचवें स्थान पर रहीं, यह दूरी अभी भी एक नेशनल रिकॉर्ड के रूप में कायम है। साल 2003 में पेरिस में विश्व चैंपियनशिप में उनका कांस्य पदक वैश्विक प्रतियोगिता में भारत का पहला पदक है।

एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप में दो बार के स्वर्ण पदक विजेता शॉट पुटर तजिंदरपाल सिंह तूर भी भारतीय एथलेटिक्स के सबसे प्रसिद्ध एथलीटों में शामिल हैं। तूर का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय पदक जकार्ता में 2018 एशियाई खेलों में आया, जहां उन्होंने 20.75 मीटर थ्रो के साथ एक नया राष्ट्रीय और एशियाई खेलों का रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता। इसके साथ ही 1960 और 1970 के दशक में भारत के सबसे सफल एथलीटों में से एक प्रवीण कुमार सोबती, लंबी दूरी के धावक अविनाश साबले, लंबी कूद एथलीट मुरली श्रीशंकर, डेकाथलीट तेजस्विन शंकर, डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा कुछ अन्य प्रसिद्ध भारतीय हैं जो विश्व मंच पर पुरुष ट्रैक एंड फील्ड का नेतृत्व कर रहे हैं।वहीं,महिलाओं में होनहार हर्डलर ज्योति याराजी, धाविका हिमा दास एवं पारुल चौधरी और भाला फेंक खिलाड़ी अन्नू रानी कुछ बड़े नामों में शामिल हैं।

बताते चलें कि विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय पैरा-एथलीटों का प्रदर्शन पिछले कुछ समय में काफी बेहतर हुआ है। दोहा 2015 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय पैरा-एथलीटों ने केवल दो रजत पदक जीते थे। लेकिन प्रदर्श में सुधार दर्शाते हुए भारतीय पैरा-एथलीटों ने 2024 कोबे चैंपियनशिप में छह स्वर्ण सहित 17 पदक जीते थे। कोबे चैंपियनशिप में चीन 33 स्वर्ण सहित 87 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रहा और भारत पदक तालिका में छठे स्थान पर रहा। विश्व के खेल मानचित्र पर एथलीट्स के जरिए भारत की बढ़ते दबदबे का ही नतीजा है कि भारत पहली बार 2025 में प्रतिष्ठितविश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी भी करेगा। कुल मिलाकर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि आने वाले समय में एथलेटिक्स के क्षेत्र पर भारत का दबदबा विश्व के खेल मानचित्र पर और बढ़ेगा। भारत का बढ़ रहा”दबदबा”