

आज समाजवादी मजदूर सभा के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक पदाधिकारियों तथा प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में संगठन के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत से एक होकर भाजपा की साजिशों और षडयंत्रों को ध्वस्त करके 2027 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया। अखिलेश यादव ने कहा कि मजदूरों को बहुत विकट परिस्थतियों में काम करना पड़ता है। उनका जीवन संकट में रहता है। मजदूरों का भाजपा सरकार में बहुत शोषण हो रहा है। रोटी-रोजगार के लिए उन्हें इधर-उधर भटकना पड़ता है। भाजपा पूंजीपतियों की सरकार है। हम चाहते हैं कि श्रमिकों का शोषण बंद हो। उद्योग भी बंद न हो और श्रमिकों के साथ अन्याय भी न हो। श्रमिकों का स्वाभिमान हर हाल में सुरक्षित होना चाहिए। भाजपा सरकार में बहुत शोषण-अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी श्रमिकों के साथ है। कोविड काल में समाजवादी पार्टी ही श्रमिकों की मदद करने आगे आई थी। सन् 2014 में समाजवादी सरकार में न्यूनतम श्रम बोर्ड का गठन किया गया था। श्रमिकों को सरकार की तरफ से साइकिलें दी गई थी। समाजवादी सरकार में मानदेय की भी व्यवस्था की गयी थी। भाजपा ने समाजवादी सरकार की सभी श्रमिक कल्याण सम्बंधी योजनाएं बंद कर दी है। श्रमिक सुधारों का पुराना इतिहास है। 1886 ई0 में शिकागो में मजदूरों पर गोली चली थी और 1989 में 8 घंटे काम तथा अवकाश का कानून बना था। करीब 8.5 करोड़ श्रमिक यूपी में रजिस्टर्ड है। पूरे देश में यह संख्या 30 करोड़ है। 40 प्रतिशत मनरेगा श्रमिक रजिस्टर्ड है। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्री भी पीड़ित है। श्रमिकों को धोखा मिला है।
आगामी 2027 की लड़ाई सबसे बड़ी है। भाजपा के झूठ का पर्दाफाश होगा। सामाजिक न्याय का राज समाजवादी सरकार के बनने पर ही स्थापित होगा। श्रमिकों को सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अवसर मिलेगा। समाजवादी सरकार बनने पर ही लोगों की जिंदगी में खुशहाली आएगी। किसान, नौजवान, महिलाओं, व्यापारियों तथा शिक्षकों को तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। इस अवसर पर शिवपाल सिंह यादव राष्ट्रीय महासचिव, लाल बिहारी यादव नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद, राजेन्द्र चौधरी पूर्व कैबिनेट मंत्री, श्यामलाल पाल प्रदेश अध्यक्ष, राहुल निगम वारसी राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी मजदूर सभा एवं धनिक लाल श्रमिक प्रदेश अध्यक्ष समाजवादी मजदूर सभा, डॉ. मानसिंह यादव एमएलसी, शशांक यादव पूर्व एमएलसी, सतीश निगम पूर्व विधायक आदि शामिल रहे।
समाजवादी मजदूर सभा की ओर से मांग की गई है कि सभी रिक्त पड़े पदों पर एक मुश्त भर्ती की जाये। मनरेगा को मजबूत किया जाये। शहरी रोजगार गारण्टी कानून बनाया जाये। एमएसपी की कानूनी गारण्टी दी जाये। आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये। न्यूनतम मजदूरी 26000रू0 प्रतिमाह सुनिश्चित हो। पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाये। श्रमिक यूनियन बनाने के अधिकार को सुनिश्चित किया जाये। निजीकरण पर रोक लगाई जाये। चारो श्रम संहिताएं रद्द की जाये। शहर में झोपड़-पट्टियों और झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए शौचालय, पेयजल, जैसी बुनियादी आवश्यकताएं सुनिश्चित की जाये। उन्हें उजाड़ना बंद किया जाये। भाजपा सरकार में बहुत शोषण-अखिलेश यादव