योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई जबरदस्त गिरावट

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योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई जबरदस्त गिरावट
योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई जबरदस्त गिरावट

योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई जबरदस्त गिरावट।  सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2019-21 की रिपोर्ट जारी, यूपी में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी दर्ज।  हमारी कोशिश है कि कोई भी माँ ज़िंदगी देने के दौरान अपनी जान न गंवाए- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक।  लिंगानुपात में वृद्धि, नवजात और शिशु मृत्यु दर में भी दर्ज की गई है गिरावट।  यूपी में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं का हुआ है सफल क्रियान्वयन।  स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच और गुणवत्ता में वृद्धि ने सुनिश्चित की है एएमआर, एनएमआर और आईएमआर में कमी। प्रदेश में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा है योगी सरकार की प्राथमिकता। उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में रिकॉर्ड गिरावट, योगी सरकार के प्रयास ला रहे रंग।  योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई जबरदस्त गिरावट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों के सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे (SRS) 2019–21 की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में मातृ मृत्यु दर (MMR) में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2018–20 में यह दर जहां 167 थी, वहीं 2019–21 में घटकर 151 हो गई है। इस रिपोर्ट में केवल मातृ मृत्यु दर ही नहीं, बल्कि नवजात मृत्यु दर (NNMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) में भी गिरावट दर्ज की गई है। NNMR वर्ष 2020 में 28 थी, जो 2021 में घटकर 26 रह गई, जबकि IMR 38 से घटकर 37 हो गई है। यही नहीं, प्रदेश का लिंगानुपात भी 908 से बढ़कर 912 हो गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार बना सफलता की कुंजी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मातृ और शिशु स्वास्थ्य को लेकर विशेष पहल की गई हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के प्रभावी क्रियान्वयन, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा, एएनसी (प्रसव पूर्व जांच), उच्च जोखिम गर्भावस्थाओं की पहचान और समुचित प्रबंधन जैसे कदमों से मातृत्व सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने कहा,“हमारी पूरी टीम ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच, गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किए हैं। हमारी कोशिश है कि कोई भी माँ ज़िंदगी देने के दौरान अपनी जान न गंवाए।” उन्होंने बताया कि शुरू के 1000 दिनों में माँ और बच्चे की समग्र देखभाल, प्रशिक्षित चिकित्सा स्टाफ, बेहतर प्रसव सेवाएं, 24×7 सुविधा, ब्लड स्टोरेज यूनिट, ऑपरेशन थिएटर और एम्बुलेंस सेवाओं के सुधार ने इस उपलब्धि में बड़ी भूमिका निभाई है।

गुणवत्ता और सुविधा के लिए विशेष कार्यक्रम

प्रदेश में अस्पतालों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के अनुसार बेहतर बनाने पर ध्यान दिया गया है। महिला स्वास्थ्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अस्पतालों को ‘लक्ष्य’, जबकि बाल स्वास्थ्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए ‘मुस्कान’ प्रमाणपत्र प्रदान किए जा रहे हैं। वहीं 102 व 108 एम्बुलेंस सेवाओं की कार्यक्षमता बढ़ाकर संस्थागत प्रसव को भी प्रोत्साहित किया गया है। विशेष नवजात देखभाल इकाइयाँ (SNCU) स्थापित कर गंभीर रूप से बीमार शिशुओं की देखभाल की जा रही है।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की स्वास्थ्य क्षेत्र में सक्रियता और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव लाए हैं। यह गिरावट राज्य की स्वास्थ्य नीति की सफलता का स्पष्ट संकेत है और भविष्य में और सुधार की आशा जगाती है। योगी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार से प्रदेश में मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में ऐतिहासिक सुधार देखने को मिला है। योगी सरकार के प्रयास से मातृ मृत्यु दर में आई जबरदस्त गिरावट