मिट्टी खनन में अनुमति की आवश्यकता नहीं

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मिट्टी खनन में अनुमति की आवश्यकता नहीं
मिट्टी खनन में अनुमति की आवश्यकता नहीं

किसानों को निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन की अनुमति की आवश्यकता नहीं। मिट्टी खनन में पारदर्शिता लाने को कार्यस्थल पर लगेगा साइनबोर्ड। साइनबोर्ड में गाटे का चिन्हांकन, सीमाकंन समेत चौहद्​दी का होगा डिमार्केशन। मिट्टी खनन में अनुमति की आवश्यकता नहीं

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों द्वारा अपने खेत से अपने निजी उपयोगी के लिए मिट्टी खनन पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने एवं अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए साधारण मिट्टी की रॉयल्टी शून्य कर दी थी। साथ ही भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय से अनुमति लेने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया था। इसके बावजूद योगी को प्रदेश के विभिन्न जिलों से किसान द्वारा निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन पर उनके उत्पीड़न और अवैध वसूली की शिकायतेें मिल रही थीं। योगी ने एक बैठक में इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को इस पर पूरी रोक लगाने के सख्त निर्देश दिये थे। उन्होंने इस कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये थे।

किसान मिट्टी खनन को सिर्फ माइन मित्रा पोर्टल पर करें अप्लाई


भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि योगी के निर्देश के बाद किसानों द्वारा साधारण मिट्टी की रॉयल्टी को शून्य कर दिया गया था। ऐसे में उन्हे अपने निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन के लिए विभाग से अनुमति लेने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी गयी। वहीं मिट्टी खनन में पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया। इसके तहत माइन मित्रा पोर्टल लांच किया गया। किसान द्वारा 100 घन मीटर तक मिट्टी के खनन के लिए केवल माइन मित्रा पोर्टल से अप्लाई करना होता है, जिसके बाद स्वत: रजिस्ट्रेशन के आधार पर खनन और परिवहन मान्य हो जाता है। इससे जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी अवगत कराया गया। माइन मित्रा का रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी स्थानीय पुलिस इसे मानने से इंकार कर देती और किसान का उत्पीड़न किया जा रहा है। इस पर सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय ने स्पष्ट आदेश जारी किए। जिसमें कहा गया कि स्थानीय पुलिस एवं डायल यूपी 112 के पुलिस कर्मियों द्वारा मिट्टी अथवा बालू के किसी वैध/अवैध परिवहन की जांच के लिए एसडीएम की परमीशन और उपस्थिति अनिवार्य है। वहीं इसमें पारदर्शिता लाने के लिए विभाग की ओर से अन्य कई निर्देश जारी किए गए।

वर्क आर्डर में मिट्टी की मात्रा का उल्लेख जरूरी


मिट्टी खनन के लिए स्वीकृत क्षेत्राें के गाटों का चिन्हांकन एवं सीमांकन सही ढंग से किया जाए। साथ ही चौहद्​दी का डिमार्केशन कराते हुए साइनबोर्ड लगाया जाए। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण, सिंचाई, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, विकास प्राधिकरण/नगर निकाय द्वारा जारी विभागीय मांग के अनुसार ही खनन होना सुनिश्चित किया जाए। वहीं कार्यदायी संस्थाओं द्वारा साधारण मिट्टी के आपूर्ति के लिए जारी वर्क आर्डर में मात्रा का उल्लेख करना आवश्यक है। साथ ही साधारण मिट्टी की आपूर्ति निर्गत परिवहन प्रपत्र में उल्लिखित स्थल पर ही की जाए।

किसान ऐसे माइन मित्रा पोर्टल पर करें अप्लाई


किसान अपने निजी उपयोग के लिए स्वयं की भूमि से साधारण मिट्टी के खनन/परिवहन के लिए माइन मित्रा पोर्टल पर आवेदन कर सकता है। पंजीकरण करने के पूर्व किसानों को नाम, पता, मोबाइल नंबर भरकर लागिन बनाना होगा। लागिन करने के उपरांत प्रपत्र प्रदर्शित होगा, जिसमें आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर साधारण मिट्टी की मात्रा खतौनी, खनन का प्रयोजन, आवेदित खनन क्षेत्र का पूर्ण विवरण यथा जनपद, तहसील, ग्राम, गाटा नम्बर, गन्तव्य स्थान फीड करना अनिवार्य होगा। बिंदु संख्या-तीन में उल्लिखित जानकारियों को भरकर किसान से आवेदन जमा किया जाना होगा। जिसके पश्चात किसान को पोर्टल से स्वजनित पंजीकरण प्रमाण-पत्र प्राप्त होगा। पंजीकरण प्रमाण-पत्र ही परिवहन प्रपत्र के रूप में मान्य होगा। प्रमाण-पत्र की वैधता दो सप्ताह होगी। मिट्टी खनन में अनुमति की आवश्यकता नहीं