भाजपा सरकार अलोकतांत्रिक और हार्टलेस-अखिलेश यादव

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भाजपा सरकार अलोकतांत्रिक और हार्टलेस-अखिलेश यादव
भाजपा सरकार अलोकतांत्रिक और हार्टलेस-अखिलेश यादव

कथा वाचन को जिन्होंने भावना की जगह व्यवसाय बना लिया उन्हीं प्रभुत्ववादियों और वर्चस्ववादी लोगों के कारण इटावा में कथा वाचन का अपमान काण्ड हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर पीडीए समाज से इतना ही परहेज हैं तो वर्चस्ववादी लोग घोषित कर दें कि पीडीए परिवार द्वारा दिया गया चढ़ावा, चंदा, दान, दक्षिणा कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

भाजपा सरकार अलोकतांत्रिक और हार्टलेस है। भाजपा सरकार हर अलोकतांत्रिक कार्य का समर्थन करती है। अगर सरकार बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के संविधान की प्रस्तावना के अनुसार ही फैसला लेती तो गरीबों, गांव में रहने वाले लोगों, पीडीए परिवार, दलितों, पिछड़ों,अल्पसंख्यकों को न्याय मिलने लग जायेगा। अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार में बैठे लोग लगातार अन्याय करा रहे है। प्रभुत्ववादी और वर्चस्ववादी लोग लगातार पीडीए परिवार के लोगों को डरा, धमका रहे है। अपमानित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोचने का सवाल यह है कि श्रीमद् भागवत कथा सबके लिए है। जब सब सुन सकते है तो सब बोल क्यों नहीं सकते है। भागवत कथा तो भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी है। अगर सच्चे कृष्ण भक्तो को ही भागवत कथा कहने से रोका जायेगा तो कोई यह अपमान क्यों सहेगा। भाजपा सरकार अलोकतांत्रिक और हार्टलेस-अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि वर्चस्वादी और प्रभुत्ववादी लोग कथा वाचन में अपना एकाधिकार बनाये रखना चाहते हैं। कथा वाचन को जिन्होंने भावना की जगह व्यवसाय बना लिया उन्हीं प्रभुत्ववादियों और वर्चस्ववादी लोगों के कारण इटावा में कथा वाचन का अपमान काण्ड हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर पीडीए समाज से इतना ही परहेज हैं तो वर्चस्ववादी लोग घोषित कर दें कि पीडीए परिवार द्वारा दिया गया चढ़ावा, चंदा, दान, दक्षिणा कभी स्वीकार नहीं करेंगे। अगर एकाधिकार स्थापित करना है तो जिस तरह से दावा करते हैं कि धारा 370 खत्म किया, उसी तरह से देश में कानून लेकर आयें कि कथा वाचन का का काम वर्चस्ववादी ही कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता है।

ये वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोग कभी घर को और कभी मंदिर को गंगाजल से धुलवाकर पीडीए समाज को अपमानित और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते है। भागवत और कथा वाचकों पर हमलाकर वर्चस्ववादी लोग अब तो सीमा लांघ गये है। उन्हें भाजपा सरकार का संरक्षण है। सरकार के संरक्षण की वजह से पीडीए के लोगों का सिर मुड़वा रहे हैं। उन पर पेशाब करा रहे हैं और पिटाई कर रहे है। इटावा में पीडीए समाज के कथा वाचकों को रातभर पीटा गया। बाल मुंड़वा दिया। हरमोनियम, पैसा, चेन सब छीन लिया गया। आखिरकार ये वर्चस्ववादी लोग इतनी ताकत कहां से पा रहे हैं? अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि कथा करने पर एक वर्ग का अधिकार है तो वह उसके लिए कानून बना दें। जिस दिन पीडीए समाज ने अपनी कथा कहनी शुरू की दी उस दिन परम्परावादी शक्तियों का साम्राज्य ढह जायेगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में पीडीए समाज को हेय दृष्टि से देखा जाता है। सुना है कि देश की सर्वोच्च कुर्सी पर बैठी देश की राष्ट्रपति जी के साथ भी कभी अपमान हुआ था। उन्हें भी हेय दृष्टि का सामना करना पड़ा था। जैसे-जैसे पीडीए समाज में चेतना बढ़ रही है वैसे-वैसे उस पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालने के लिए अत्याचार बढ़ता जा रहा है। कौशाम्बी में पाल समाज की बेटी के साथ अत्याचार हुआ। उसके परिवार के लोग अन्याय के खिलाफ खड़े हो गये तो पिता पर मुकदमें लगाकर जेल भेज दिया गया। इनाम घोषित कर दिया गया। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल उस पीड़त परिवार को न्याय दिलाने के लिए जा रहे थे, पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया। पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया। वर्चस्ववादियों को लगता है कि उनके पीछे भाजपा की सरकार खड़ी है। सरकार उन्हें बचा लेगी। लेकिन अब पीडीए की एकता और एकजुटता इसका डटकर जवाब देगी।

भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार की घटनाएं कोई एक-दो नहीं अनगिनत है। सुल्तानपुर में महेन्द्र प्रताप मौर्य की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। महोबा में दलित नव विवाहित जोड़े को सामंतवादियों ने चप्पल उतार कर ही घर के सामने से गुजरने का फरमान सुना दिया। जब मना किया तो दूल्हे और नव विवाहिता को बुरी तरह मारा। यह स्थिति तब है जब भारत विश्व गुरू बनना चाहता है। विकसित बनने की तरफ है और दुनिया में संस्टनेबल विकास की बात हो रही है। दुनिया में तीसरी-चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था का दावा हो रहा है। इसी तरह से एटा में बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती पर शोभायात्रा नहीं निकालने दी गयी। भाजपा की सरकार में पुलिस कहीं न्याय नहीं दे रही है, उल्टे पीड़ितों पर मुकदमा कर प्रताड़ित किया जाता है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि प्रदेश में 2500 लोग हैं जो प्रदेश को चला रहे है। वहीं प्रदेश में घूम-घूम कर प्रताड़ित और अपमानित कर रहे है। यही लोग पूरे प्रदेश में खेल-खेल रहे है।

बांदा में विधायक ने एसडीएम की पिटाई कर दी। एसडीएम ओवर लोडिंग रोक रहा था, न्याय देना चाहता था, उसे विधायक ने पीटा। पूरी भाजपा हिस्ट्रीशीटर है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी ने अपने मुकदमे वापस ले लिये। सबको पता है कि सीएम और डिप्टी सीएम की कौन कौन धाराएं वापस ली गयी। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने पूरी व्यवस्था खराब कर दी। आखिर पीड़ित किससे न्याय मांगने जाय। भाजपा सरकार में पीडीए समाज प्रताड़ित किया जा रहा है। आने वाले चुनाव में पीडीए समाज भाजपा के खिलाफ वोट डालने जा रहा है। भाजपा जायेगी तभी सभी लोगों को चैन मिलेगा और सबको सम्मान मिलेगा। भाजपा पीडीए समाज से डरी हुई है। तभी जब मतदान की बात आती है तो अधिकारियों की सूची बनती है। उसमें पीडीए परिवार के लोग नहीं रहते है। भाजपा उन्हें अलग कर देती है। अयोध्या के मिल्कीपुर का उपचुनाव उदाहरण है, जहां वोट डालने से लेकर हर जगह पीडीए के लोगों को हटाया गया। जिनकी तैनाती हुई उनके लिए टारगेट फिक्स किया गया कि किसे कितना वोट डालना है।


    इससे पहले राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन ने कहा कि पिछड़ी और दलित जाति के कथा वाचकों को जानबूझकर अपमानित किया गया। उनको मारा पीटा गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर कोई दलित या पिछड़ी जाति का आदमी है, धार्मिक बात और भागवत कथा सीख लेता है तो उसे कैसे वंचित किया जा सकता है। लेकिन पिछड़ों, दलितों के खिलाफ एक मनोवृत्ति है। इस मनोवृत्ति के पीछे भाजपा है। जिस तरह से कथा वाचकों को अपमानित किया गया वह चिंता का विशय है।अखिलेश यादव ने विधानसभा मीरापुर ग्राम करौली मुजफ्फरनगर की तौहीबा पत्नी अब्दुल सत्तार को लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव में एसएचओ के रिवाल्वर दिखाकर वोट डालने से मना करने पर कड़ा प्रतिरोध कर वोट डालने के अधिकार का प्रयोग करने के लिए सम्मानित किया। तौहीबा ने लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए दृढ़ता से अपने वोट का प्रयोग किया था। इस अवसर पर राजेन्द्र चौधरी पूर्व कैबिनेट मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल, पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया, प्रदीप यादव, आरके वर्मा, रफीक अंसारी, आनंद यादव, जयप्रकाश अंचल, राहुल लोधी, मनबोध पासवान, पूजा सरोज विधायक, किरन पाल कश्यप एमएलसी आदि मौजूद रहे। भाजपा सरकार अलोकतांत्रिक और हार्टलेस-अखिलेश यादव