योग में परिधान नहीं है व्यवधान

84
योग में परिधान नहीं है व्यवधान
योग में परिधान नहीं है व्यवधान
राजू यादव
राजू यादव

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय परिधान में महिलाओं ने योगाभ्यास किया। सुबह का समय दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा समय होता है। इस समय किया गया योग शरीर और मन दोनों को शांत और स्वस्थ रखने में मदद करता है। महिलाओं के लिए योग का महत्व और भी अधिक है। उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में महिलाएं अपनी सुबह के रूटीन में कुछ योगासन करके खुद को फिट और हेल्दी रख सकती हैं। नियमित रूप से योग करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है बल्कि मानसिक तनाव कम करने, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने और कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। योग में परिधान नहीं है व्यवधान

लखनऊ। आज मां भारती नारी योग शिक्षा संस्थान लखनऊ में भारतीय परिधानों में महिलाओं ने योगाभ्यास किया, जो भारतीय संस्कृति और योग के प्रति समर्पण को दर्शाता है। कुछ महिलाओं ने साड़ी पहनकर योग किया, जो भारतीय संस्कृति और योग के बीच तालमेल को दर्शाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मां भारती नारी योग शिक्षा संस्थान द्वारा विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने पारंपरिक भारतीय परिधान में सहभागिता की। महिला दिवस पर जनेश्वर मिश्र पार्क में भारतीय पहनावा सलवार सूट और साड़ी में योगाभ्यास किया। इस अनूठी पहल का उद्देश्य नारी शक्ति, स्वास्थ्य और भारतीय संस्कृति के समन्वय को बढ़ावा देना था। महिलाओं के शारीरिक, मानसिक सशक्तिकरण में योग के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने साड़ी, सलवार-कुर्ता, और अन्य पारंपरिक परिधानों में योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया, जिससे यह संदेश गया कि योग किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है और यह भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।

मां भारती नारी योग शिक्षा संस्थान की अध्यक्ष अर्चना पटेल ने कहा कि यह आयोजन शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक शांति और आत्मबल को बढ़ाने के लिए भी था। समाज में महिलाओं की सशक्त भूमिका को और मजबूत करने के लिए योग एक प्रभावी साधन है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षित महिला दो परिवारों को शिक्षित करती है, जागरूक करती है। यदि वही महिला दैनिक योगाभ्यास करती है तो वह दो परिवारों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

योग शिक्षक लवी अधिकारी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस केवल उत्सव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के समान अधिकारों, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और राजनीतिक भागीदारी को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वस्थ महिला ही स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है इसलिए सभी महिलाओं को प्रतिदिन एक घंटा योग के लिए समय निकालना चाहिए। नेचुरोपैथी और योग शिक्षिका डा. शिखा गुप्ता ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्व की सभी महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि आज की नारी,सशक्त नारी है,अबला नहीं। अब सबला नारी, सशक्त नारी है इसलिए प्रतिदिन योग करें और मानसिक, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें।

कार्यक्रम संचालिका श्रीमती सीता ने कहा कि एक शिक्षित, स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महिला केवल अपना ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का भविष्य संवारती है।नारी वह शक्ति है जो अंधेरे में रोशनी बनकर जलती है, संघर्ष में अडिग रहती है और हर परिस्थिति में मुस्कुराते हुए आगे बढ़ती है। जब एक महिला सशक्त होती है,तो वह न केवल अपने लिए बल्कि समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए रास्ता बनाती है। नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है।

योगा शिक्षिका शीतल जायसवाल ने कहा कि साड़ी में योग करते समय शरीर की गति को नियंत्रित करना, ध्यान और अनुशासन को बढ़ावा देता है, जो भारतीय संस्कृति में आत्म-नियंत्रण और धैर्य के गुणों को दर्शाता है। साड़ी न केवल भारतीय महिलाओं का परिधान है, बल्कि भारतीय संस्कृति और धरोहर का एक प्रतीक भी है। आज भी कई क्षेत्रों में महिलाओं को अपने निर्णय लेने की स्वतंत्रता नहीं है, उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं है। आज भी समाज में लड़का और लड़की के प्रति भेदभाव है। यह हमें याद दिलाता है कि लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए अभी भी कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं और हमें उनके समाधान की दिशा में लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। अब समय आ गया है कि हम सभी मिलकर एक समान और न्यायसंगत समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ।कार्यक्रम में विभिन्न महिला संगठनों की पदाधिकारी व कई महिला योग शिक्षिका उपस्थित रहीं।

मां भारती नारी योग शिक्षा संस्थान लखनऊ में भारतीय परिधानों में महिलाओं ने योगाभ्यास किया


कार्यक्रम के अंत में संस्थान की अध्यक्ष अर्चना पटेल ने सभी महिला प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किया। उन्होंने अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस आयोजन ने न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि भारतीय परंपरा और आधुनिक जीवनशैली के बीच संतुलन बनाए रखने का संदेश भी दिया। ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ दुनिया भर में मनाया जा रहा है। यह दिन महिलाओं के अधिकारों, उनकी उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। दुनियाभर में यह दिन महिलाओं की समानता, सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनारों और रैलियों के माध्यम से मनाया जाता है। योग में परिधान नहीं है व्यवधान