
योगी तकनीक से औद्योगिकीकरण को सपोर्ट,गन्ना उत्पादकों को मिल सकेगा सही मूल्य, उद्योगों को भी मिलेगा बढ़ावा।अधिक एथनॉल के उत्पादन से सरकार की विदेशी मुद्रा में भी हो सकेगी बचत। गन्ना उत्पादकों को मिलेगा प्रोत्साहन।
गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2022 – 23 में प्रदेश में लगभग 29.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश के गन्ना किसानों को उनके उत्पाद पर सही मूल्य मिले इसके लिए वैल्यू चेन के प्रत्येक अंश की उत्पादकता बढ़ाया जाना एवं उसके मूल्य संवर्धन हेतु प्रयास किया जाना आवश्यक है। आबकारी विभाग का प्रयास यह है कि चीनी निर्माण की प्रक्रिया में सह- उत्पाद के रूप में प्राप्त शीरे का सदुपयोग हो तथा इससे उत्पादित अल्कोहल का उपयोग विभिन्न प्रकार के रसायनों, एथनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल, सैनिटाइज़र एवं मदिरा निर्माण के लिए हो सके, जिससे प्रदेश में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिले और इन उत्पादों की उत्पादकता में वृद्धि के साथ कृषि क्षेत्र का विकास हो तथा उससे जुड़े किसानों को समुचित मूल्य प्राप्त हो सके।
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नई तकनीक से औद्योगिकीकरण को सपोर्ट
वैल्यू चेन के अन्तर्गत कृषि उत्पादों की क्षति रोकने, उत्पादकों को बेहतर मूल्य प्रदान करने तथा उपभोक्ताओं को समुचित गुणवत्ता के उत्पाद उपलब्ध कराने पर बल दिया जाता है। गन्ना वर्ष 2022-23 में गन्ना उत्पादन 29.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अनुमानित है तथा खड़ी फसल के आधार पर प्रदेश में लगभग 1170.73 लाख टन गन्ने की पेराई का अनुमान है। चीनी मिलों द्वारा गन्ने से चीनी, बगास शीरा, प्रेसमड आदि उत्पादित किया जाता है। प्रदेश की चीनी मिलों में सह-उत्पाद के रूप में उत्पादित शीरा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण प्रदेश में अल्कोहल उद्योग के विकास की प्रबल संभावनाएं हैं। वर्तमान समय में एथनॉल उत्पादन एक अच्छा विकल्प है। पर्यावरणीय प्रदूषण को नियंत्रित किए जाने के उद्देश्य से भी शीरे की क्षति अथवा इसकी गुणवत्ता में नुकसान को रोकते हुये इसका जल्द उपयोग किया जाना आवश्यक है। चीनी व अल्कोहल उद्योगों के आधुनिकीकरण व नई तकनीक की सहायता से उत्पादकता में वृद्धि करते हुए औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
योगी तकनीक से औद्योगिकीकरण को सपोर्ट