अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट,अडानी ग्रुप के खिलाफ घोटाले का आरोप लगाकर हिंडनबर्ग रिसर्च भारत में चर्चा में आ गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है। Nathan Anderson इसके CFA हैं। उन्होंने 2017 में न्यूयॉर्क में इस फर्म की शुरुआत की थी। हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है और फिर उसके बारे में रिपोर्ट पब्लिश करती है। दो भारी दिनों में अडानी की मार्केट कैप 4.2 लाख करोड़ रुपये तक गिर गई। वहीं सोमवार को तीसरे दिन भी अडानी के शेयरों में ब्लड बाथ जारी रहा। केवल तीन कारोबारी सत्रों के दौरान अडानी का कुल मार्केट कैप 5.5 लाख करोड़ रुपये तक गिर गया। सोमवार के सत्र में अडानी के शेयरों में निवेशकों को 1.4 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ।
अदानी टोटल गैस में 20 प्रतिशत की गिरावट, अदानी ट्रांसमिशन में 19.14 प्रतिशत की गिरावट, अदानी ग्रीन एनर्जी में 18.99 प्रतिशत की गिरावट, अदानी पावर में 5 प्रतिशत की गिरावट, अदानी विल्मर में गिरावट देखी गई। दूसरी तरफ, बीएसई पर 5 प्रतिशत की गिरावट आई है।
अडानी ग्रुप शेयरों में बिकवाली आज लगातार चौथे दिन भी जारी है। असल में फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म Hindenburg की ग्रुप शेयरों पर निगेटिव रिपोर्ट से सेंटीमेंट बहुत ज्यादा खराब हुआ है। इसे देखते हुए घरेलू स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE ने Adani Total Gas, Adani Green Energy और Adani Transmission की लोअर सर्किट लिमिट घटा दी है। इनमें यह लिमिट 20 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। यानी अब इनमें 10 फीसदी गिरावट पर ही लोअर सर्किट लग जाएगा। गौतम अडानी के शेयरों पर स्टॉक एक्सचेंज ने यह फैसला निवेशकों को ज्यादा नुकसान से बचाने के लिए किया है।
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अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की चूलें हिलाकर रख दी हैं। तीन दिन से ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट आ रही है। इससे ग्रुप को 65 अरब डॉलर की चपत लगी। साथ ही ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ में 36.1 अरब डॉलर (करीब 29,45,72,39,00,000 रुपये) की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें नंबर पर खिसक गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक 84.4 अरब डॉलर रह गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने से पहले अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर थे। हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले हफ्ते बुधवार को एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अडानी ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा है कि यह एफपीओ से पहले उसे बदनाम करने की साजिश है।अडानी ग्रुप की अधिकांश कंपनियों में सोमवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट आई। ग्रुप की 10 कंपनियों में से सात गिरावट के साथ बंद हुईं। इनमें से पांच कंपनियों के शेयरों ने लोअर सर्किट छुआ। अडानी टोटल गैस और अडानी ग्रीन एनर्जी में 20 फीसदी की गिरावट आई। अडानी ट्रांसमिशन में 14.91 फीसदी, अडानी विल्मर,अडानी पावर और एनडीटीवी में पांच फीसदी गिरावट आई। अडानी पोर्ट्स का शेयर 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। दूसरी ओर ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में 4.21 फीसदी, एसीसी में 1.10 फीसदी और अंबुजा सीमेंट्स में 1.65 फीसदी तेजी आई।
अडानी की एशिया और भारत में नंबर वन रईस की कुर्सी खतरे में है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी कभी भी उनसे आगे निकल सकते हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक अंबानी 82.2 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 12वें और एशिया में दूसरे नंबर पर हैं। अडानी और अंबानी की नेटवर्थ में अब केवल 2.2 अरब डॉलर का अंतर रह गया है। अंबानी की नेटवर्थ में सोमवार को 80.9 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ। वैसे इस साल उनकी नेटवर्थ में 4.96 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
अडानी ग्रुप की मार्केट कैप तीन दिन में 65 अरब डॉलर यानी 29 फीसदी कम हो चुका है । पिछले हफ्ते बुधवार को अमेरिका की एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे। उस दिन ग्रुप की कंपनियों में 10 फीसदी तक गिरावट आई थी। फिर शुक्रवार को अडानी ग्रुप की कंपनियों में 20 फीसदी तक गिरावट आई। सोमवार को अडानी की नेटवर्थ में 8.21 अरब डॉलर की गिरावट आई। अडानी ने पिछले साल 44 अरब डॉलर की कमाई की और वह सबसे ज्यादा कमाई करने वाले अमीर थे। लेकिन इस साल वह 36.1 अरब डॉलर गंवा चुके हैं और इस साल सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले अरबपति हैं।