हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका

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हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका
हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका

अखिलेश यादव सपा के वरिष्ठ नेता श्री जनेश्वर मिश्र की जयंती पर जनेश्वर मिश्र पार्क श्रद्धासुमन अर्पित करने गए थे। वहां उन्होंने इस पार्क की जो दुर्दशा देखी उससे वे काफी क्षुब्ध तथा चिंतित हुए। लोगों की जिंदगी में भी हरियाली का एहसास हो इस उद्देश्य से यह पार्क बना था। भाजपा सरकार इसे बदसूरत और बदहाल बनाने पर उतारू है। प्रकृति का सौंदर्य न केवल धरती के परिवेश को अपितु जीवन में भी रंग-उमंग भरने में समर्थ होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पर्यावरण संरक्षण में विशेष अभिरुचि रही है और उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जो कदम उठाए उनका प्रतिफल आज भी मिल रहा है। अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जहां राजधानी लखनऊ में 376 एकड़ में जनेश्वर मिश्र पार्क का निर्माण कराया, जो लंदन के हाईड पार्क के तर्ज पर उतने ही क्षेत्रफल में बना है। वहीं इटावा में एक हजार एकड़ में लायन सफारी बनाकर उन्होंने वन्य जीवों के संरक्षण के साथ वन संरक्षण की दिशा में भी काम किया। इसके अलावा एक हजार एकड़ में ग्रीन बेल्ट विकसित की गई थी। यह अलग बात हैं कि लायन सफारी में जहां दशक पूर्व के प्रयासों के सुफल स्वतः मिलने लगे हैं वहीं राजनीतिक विद्वेष भावना के चलते लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क का सौंदर्य बिगाड़ने में भाजपा सरकार कोई कोरकसर नहीं छोड़ रही है। हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका

लायन सफारी की हरियाली और जनेश्वर मिश्र पार्क की हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका निर्मित हुई है। इटावा के लायन सफारी का प्राकृतिक वातावरण आने जाने वालों का मन मोह लेता है। न केवल पर्यटक अपितु यहां रह रहे वन्य जीव भी अपने को प्राकृतिक रूप से सहज पाते हैं। उनका पूरी तरह संरक्षण होता है। लायन सफारी में जैव विविधता का अनोखा संगम है। यहां विभिन्न प्रजातियों के 450 किस्म के वृक्षों की पंक्तियां जहां हवा में हिलोरें लेती है वहीं 65 प्रजाति की तितलियां उड़ान में रंग बिखेरती हैं। 223 किस्म के पक्षी यहां उड़ान भरते है। लायन सफारी में गुजरात और दूसरे स्थानों से शेर और अन्य वन्यजीव लाने का काम अखिलेश यादव ने ही किया था। यहां 16 तेंदुए और भालुओं के अलावा लेपर्ड भी लाए गए थे।

राजधानी का जनेश्वर मिश्र पार्क अपने विस्तारित क्षेत्र में हरियाली से हराभरा लोगों को संजीवनी में ऑक्सीजन प्रदान करता है। इस पार्क का सौंदर्य जहां मनोहारी है वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां खेलकूद, बच्चों के मनोरंजन और बोटिंग की व्यवस्था है। झील में पानी की लहरों के बीच बोटिंग की सुविधा की गई है। अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जनेश्वर मिश्र पार्क में झील के लिए विशेष नावें मंगाई थी। अजीब यह है कि अब झील के किनारे भाजपा सरकार के मंत्रियों के नाम की पट्यिां लगाई जा रही है। जनेश्वर मिश्र पार्क के सौंदर्य को बिगाड़ने में भाजपा सरकार को कोई संकोच नहीं है। तमाम प्रजातियों के खूबसूरत पेड़ों के रखरखाव में लापरवाही हो रही हैं। बच्चों के खेल के उपकरण खराब हो रहे हैं। वहां जूरासिक पार्क बनाकर प्राकृतिक सौंदर्य का स्वरूप खराब करने का काम नहीं होना चाहिए। ग्रीन बेल्ट का स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ के दुष्प्रभावों की जानकारी से अनजान भाजपा सरकार ऐसे खतरनाक कार्यों को कर रही है।

वस्तुतः समाजवादी सोच हमेशा जनहित को वरीयता देती रही है। लोग स्वस्थ तथा प्रकृति के निकट रहें इस उद्ेश्य से नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में गोमती नगर, लखनऊ में डॉ0 राममनोहर लोहिया पार्क का निर्माण हुआ था। वहां आज भी छायादार पेड़ों के नीचे योग और एक्सरसाइज करते सैकड़ों युवा-वृद्ध रोज ही मिल जाएंगे। बच्चों का कोलाहल यहां चिड़ियों की चहचहाहट के साथ मिलकर मनोरम वातावरण बनाती है। चूंकि लायन सफारी, जनेश्वर मिश्र पार्क, लोहिया पार्क का निर्माण समाजवादी सरकार में हुआ था। इसीलिए भाजपा सरकार का इनके रखरखाव के प्रति रवैया पूर्णतया असंवेदनशील और विद्वेष परक है। जनता का स्वास्थ्य और प्रकृति का सौंदर्य उन्हें रास नहीं आता है। हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका