
विजय गर्ग
जलवायु परिवर्तन का असर पहाड़, समुद्र समेत सभी पर चीजों पर असर पड़ रहा है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि पिछले चार दशकों की तुलना में महासागरों के गर्म होने की दर चार गुना तेज हो गई है। इस बारे में एनवायरनमेंटल रिसर्च लेटर्स नामक पत्रिका में अध्ययन प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन से पता चला है कि 2019-23 के दौरान महासागरों का तापमान 0.27 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से बढ़ रहा है, जबकि 1980 के दशक के अंत में यह 0.06 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक था। चार गुना तेजी से गर्म हो रहे हैं महासागर
यूके के रीडिंग विश्वविद्यालय के प्रमुख लेखक क्रिस मर्चेंट ने कहा, अगर महासागर पानी से भरे बाथटब होते तो 1980 के दशक में गर्म नल धीरे-धीरे चलता था, जिससे हर दशक में पानी सिर्फ एक डिग्री के अंश से गर्म होता था, लेकिन अब गर्म नल बहुत तेजी से चल रहा है और तापमान में तेजी से बढ़ रहा है। मर्चेंट ने समझाया कि इस तापमान वृद्धि को धीमा करने का तरीका वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती करके और नेट जीरो की और बढ़ते हुए गर्म नल को बंद करना शुरू करना है।
शोध लेखकों ने लिखा, जीएमएसएसटी ( वैश्विक औसत समुद्री सतह तापमान) में परिवर्तन की अंतर्निहित दर पृथ्वी के ऊर्जा संचय के अनुपात में 1985- 89 के दौरान 0.06 (सेल्सियस प्रति दशक) से बढ़कर 2019-23 के लिए 0.27 (सेल्सियस प्रति दशक ) हो गई है। उन्होंने बताया कि महासागरों का तेजी से गर्म होना पृथ्वी की ऊर्जा में बढ़ते असंतुलन के कारण है, जिससे पृथ्वी द्वारा सूर्य से अवशोषित की जाने वाली ऊर्जा अंतरिक्ष में वापस जाने वाली ऊर्जा से अधिक होती है। उन्होंने कहा कि आंशिक रूप से ग्रीनहाउस गैस के बढ़ते स्तर के कारण 2010 के बाद से ऊर्जा असंतुलन लगभग दोगुना हो गया है।
महासागरों के गर्म होने की दर बढ़ी पृथ्वी अब पहले की तुलना में कम सूर्य के प्रकाश को अंतरिक्ष में परावर्तित कर रही है। टीम ने विश्लेषण में पाया कि 2023 और 2024 की शुरुआत में अनुभव की गई रिकार्ड तोड़ गर्मी का लगभग आधा (44 प्रतिशत) महासागरों के तेजी से गर्म होने के कारण हो सकता है। वैश्विक महासागर का तापमान 2023 और 2024 की शुरुआत में लगातार 450 दिनों तक रिकार्ड ऊंचाई पर रहने के लिए जाना जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि रिकार्ड गर्मी में योगदान देने वाले अन्य कारकों में प्रशांत क्षेत्र में एक प्राकृतिक वार्मिंग घटना एल नीनो शामिल है। हाल में आए एल नीनो की तुलना 2015-16 से करते हुए जिसे अब तक का सबसे शक्तिशाली माना जाता है।
शोध टीम ने पाया कि 2023-24 के दौरान अनुभव की गई रिकार्ड गर्मी का शेष भाग समुद्र की सतह के गर्म होने की दर से समझाया गया था, जो पिछले 10 वर्षों में पहले के दशकों की तुलना में अधिक तेज थी। शोध लेखकों ने कहा कि पिछले 40 वर्षों में देखी गई महासागर के तापमान में वृद्धि अगले 20 वर्षों में ही पार हो सकती है। उन्होंने कहा कि महासागरों के गर्म होने में यह तेजी भविष्य में और भी अधिक तेजी से तापमान वृद्धि को रोकने और जलवायु को स्थिर करने के लिए जीवाश्म ईंधन के जलने को कम करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। चार गुना तेजी से गर्म हो रहे हैं महासागर