
राजेन्द्र चौधरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ में मृतकों की संख्या को छिपाने का काम किया है। मृतकों के परिजन भटक रहे है। सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है।अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ में लोग पुण्य कमाने आये थे लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण अपनों के शव लेकर गये है। श्रद्धालुओं के शव मिल रहे थे। सरकार स्नान करने वालों और चश्मदीदों की बात स्वीकार नहीं कर रही थी। हद हो गयी, एक तरफ भगदड़ में जाने गयी थीं, लाशें मिल रही थीं, शवगृह में रखी गयी थीं, लोग अस्पतालों में कराह रहे थे, दूसरी तरफ सरकार सरकारी हेलीकाप्टर में फूल भरकर वर्षा करा रही थी। यह कहां की सनातन परम्परा है, जहां लाशें पड़ी हो, वहां फूल गिराये गये। यह सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। उत्तर प्रदेश सरकार पूरी घटना मृतकों की संख्या, घायलों की संख्या छिपाने में लगी रही। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री घटना को छिपाने और झूठ बोलने में लगे रहे हैं। उन्होंने शोक तक प्रकट नहीं किया। जब राष्ट्रपति जी और प्रधानमंत्री जी ने शोक प्रकट कर दिया तो घटना के 17 घंटे बाद मुख्यमंत्री जी ने भगदड़ को स्वीकार किया। लोकसभा में अखिलेश ने भाजपा की खोली पोल
अखिलेश यादव ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि राष्ट्रपति जी के अभिभाषण में बहुत सारे आंकड़े दिए गए हैं। केन्द्र सरकार महाकुंभ में मरने वालों के भी आंकड़े दे दे। महाकुंभ की व्यवस्था की जानकारी और आंकड़े देने के लिए केन्द्र सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए। महाकुंभ आपदा प्रबन्धन और खोया-पाया केन्द्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे के शिकार मृतकों, घायलों के इलाज, महाकुंभ में भोजन, पानी, प्रबंधन का आंकड़ा संसद में पेश किया जाय। महाकुंभ हादसे के जिम्मेदार और सच छिपाने वाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाय। उनको दण्डित किया जाय। महाकुंभ हादसे का साक्ष्य छिपाया और दबाया गया है। साक्ष्य छिपाना और दबाना अपराध है।
महाकुंभ में इंतजाम करने के बजाय प्रचार-प्रसार का काम होता रहा। डबल इंजन की सरकार द्वारा एक धार्मिक आयोजन में अपना प्रचार करना अशोभनीय और निन्दनीय है। इतने बड़े हादसे के बाद कम से कम अब तो प्रचार की होर्डिंग हटा देनी चाहिए। महाकुंभ की तैयारी के समय सरकार ने कहा कि 144 साल बाद हो रहा है। यह भी कहा गया कि पहली बार महाकुंभ में डिजिटल और आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। सीसी.टीवी, ड्रोन का प्रयोग हो रहा है। सरकार का दावा था कि डिजिटल कुंभ करा रही है लेकिन वही सरकार मृतकों की डिजिट (संख्या) नहीं बता पा रही है। महाकुंभ में सब अपने लोग मारे गये है। परिवारों के हर रिश्ते के लोग दिवंगत हुए है। किसी की माता, किसी के पिता, भाई, बहन, चाचा, चाची, की मौत हुई। लेकिन सरकार असली संख्या नहीं बता रही है। सरकार ने सौ करोड़ लोगों के इंतजाम का दावा किया था लेकिन वहां कुछ करोड़ के स्नान का इंतजाम भी नहीं कर पायी।
महाकुंभ में सतयुग से लेकर कलयुग तक सनातन परम्परा रही है कि संत, महात्मा, धर्माचार्य मुहूर्त के अनुसार शाही स्नान करते हैं। नक्षत्रो के अनुसार जो संयोग बनता है वही मुहूर्त ही शाही स्नान का होता है लेकिन भाजपा राज में सनातन परम्परा टूट गयी। हादसे के बाद पहले सरकार ने संत समाज को शाही स्नान रद्द करने का आदेश दिया। जिससे अनादि काल की सनातन परम्परा टूटी। जब देशभर में यह बात उठी तो सरकार ने हादसे को छिपाकर शाही स्नान का आदेश दिया। बात दिन या तिथि की नहीं होती है बल्कि निश्चित मुहूर्त काल की होती है। भाजपा सरकार ने ये सनातन परम्परा तोड़कर अच्छा नहीं किया।
यह सरकार अभी भी सच नहीं बता रही है। ये सच को छिपाने वाले लोग हैं। सरकार देश को पता नहीं किस दिशा में ले जाना चाहती है। राष्ट्रपति के अभिभाषण में पहले की तरह वही पुरानी बातें है। कुछ नया नहीं हैं। सरकार राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की बात करती है, लेकिन अगर एक भी मिलिट्री स्कूल खोला हो तो बताएं। इस सरकार का ईज ऑफ डूंइग सिर्फ अपनी इमेज चमकाने और दूसरों की इमेज खराब करने के लिए है। देश के राज्यों में जब इन्वेस्टर मीट होते है तो प्रधानमंत्री जी समेत तमाम केन्द्रीय मंत्री जाते है। उत्तर प्रदेश में हुए इन्वेस्टर मीट सिर्फ दिखावा साबित हुए है। सरकार बताए कि यूपी में जिस 40 लाख करोड़ रूपये के एमओयू होने का दावा किया गया था उनमें कितने जमीन पर उतरे हैं।श्री यादव ने कहा कि ऐसा लगता है उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार टकरा रही है। उसमें जनता पिस रही है। प्रधानमंत्री जी ने जिस काशी को क्यूटो बनाने का सपना दिखाया था वहां अभी तक मेट्रो रेल की शुरूआत नहीं हुई। उत्तर प्रदेश सरकार में इस समय जितनी मेट्रो रेल चल रही है सब समाजवादी सरकार की देन है। लखनऊ, कानपुर, अन्य शहरों और दिल्ली को जोड़ने वाली ग्रेटर नोयडा की मेट्रो समाजवादी पार्टी की सरकार में बनी है।
उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हॅू कि जो लोग दिल्ली में मेट्रो बना रहे हैं वे वाराणसी में मेट्रो क्यों नहीं बना रहे हैं। सरकार बताए कि विभिन्न योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों को क्या मिल रहा है। सरकार किसानों को उनकी जमीनों के बदले क्या दे रही है। समाजवादी सरकार में हमने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए जमीनों का अधिग्रहण किया था, उसमें किसानों को ज्यादा मुआवजा दिया गया था। देश का सबसे अच्छा एक्सप्रेस-वे बनाया। उसके उद्घाटन में लड़ाकू विमान उतारे गये। सरकार जमीनों के अधिग्रहण के बदले किसानों को अच्छा मुआवजा दे। इस सरकार ने किसानों को सपने दिखाए लेकिन आय दोगुना नहीं हुआ। नदियों को जोड़ने की परियोजना में जिन किसानों की जमीन जा रही हैं सरकार कंजूसी करने के बजाय अच्छा मुआवजा दें।
केन्द्र सरकार सोलर योजना की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी सरकार में शुरू हुई सोलर परियोजनाओं का मेंटेनेंस रोक दिया। कन्नौज में समाजवादी सरकार के समय पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सोलर गांव का उद्घाटन किया था। उस गांव में लोग लाइट, चक्की, सिंचाई के लिए सोलर एनर्जी का प्रयोग करते थे लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद सब बंद हो गया।सीमा पर चीन ने जमीन पर कब्जा किया है लेकिन सरकार स्वीकार नहीं कर रही है। अगर ऐसा नहीं है तो समाचार में बार-बार चीन के कब्जे की खबरें क्यों आती है। चीन कई तरह के हमले कर रहा है। जमीन भी छीन रहा है और बाजार भी छीन रहा है। चीन के सवाल पर सरकार चुप्पी साध लेती है।
अखिलेश यादव ने जातिगत जनगणना को देश के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के बनाये संविधान के तहत हम सब लोगों का हक, अधिकार मिला है। संविधान में आरक्षण की व्यवस्था है, उस व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सभी को सामाजिक न्याय और हक दिलाने के लिए जातिगत जनगणना आवश्यक है। समाजवादी पार्टी जातिगत जनगणना की लड़ाई में सबसे आगे है। अब जातिगत जनगणना को कोई नहीं रोक पायेगा।सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करती है। उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। प्रधानमंत्री जी ने बुन्देलखंड में 2022 में एक एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था वह एक्सप्रेस-वे पहली ही बारिश में कई जगह धंस और टूट गया। आज तक उसका मेंटेनेंस चल रहा है। अभी पूरा नहीं हुआ। इसी तरह गोरखपुर का 91 किलोमीटर का लिंक एक्सप्रेस-वे सात हजार करोड़ से ज्यादा का है। कई वर्षों से बन रहा है, अभी पूरा नहीं हुआ। यह सरकार 10 वर्षों से लोगों को सिर्फ सपने दिखा रही है। लोकसभा में अखिलेश ने भाजपा की खोली पोल