
केन्द्रीय सेवाओं में ओबीसी,एससी,एसटी को अभी तक नहीं मिला समुचित प्रतिनिधित्व। विशेष भर्ती अभियान के द्वारा आरक्षित वर्ग का बैकलॉग भरा जायें-लौटन राम निषाद
लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटन राम निषाद ने कहा कि मण्डल कमीशन की सिफारिश के अनुसार 52 प्रतिशत ओबीसी को सरकारी सेवाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा दिया गया। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को उनकी जनसँख्या के अनुपात में केन्द्रीय सेवाओं और विधायिका में क्रमश: 15 प्रतिशत व 7.5 प्रतिशत कोटा दिया जाता है,वही पिछड़ा वर्ग को मण्डल कमीशन की सिफारिशों के अनुसार इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार (एआईआर 477) के मामले में 9 न्यायाधीशों की पूर्ण पीठ के दो तिहाई बहुमत के 16 नवंबर 1992 के निर्णय के बाद 27 प्रतिशत कोटे की अधिसूचना 8 सितम्बर 1993 को जारी करने के बाद मिला।उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा देने के लिये 3 मार्च 2006 को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह के निर्णय के बाद मिला, लेकिन प्रभु वर्ग की जातियों के द्वारा उच्चतम न्यायालय में रोक के लिए याचिका दायर कर दी गई।माननीय न्यायालय ने 10 अप्रैल 2008 को उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के 27 प्रतिशत कोटा को संवैधानिक करार दिया गया।उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-15(4(,16(4)की व्यवस्थानुसार ओबीसी को एससी,एसटी की भाँति उच्च शिक्षा और सरकारी सेवाओं में प्रतिनिधित्व हेतु जनसंख्यानुपात में कोटा दिया जाना चाहिए।उन्होंने केंद्र सरकार से आरक्षित वर्ग का बैकलॉग पूरा करने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने की मांग किया है।
निषाद ने संसद में सरकार की तरफ से दिए गए जवाब के अनुसार बताया कि ग्रुप-ए से डी तक 5,12,075 लोकसेवकों में 20.26 प्रतिशत ओबीसी,17.70 एससी,6.72 प्रतिशत एसटी के हैं।ओबीसी का प्रतिनिधित्व ग्रुप-ए में 16.88 प्रतिशत, ग्रुप-बी में 15.77 प्रतिशत, ग्रुप-सी में 22.54 प्रतिशत और ग्रुप-डी में 20.14 प्रतिशत है।एससी का प्रतिनिधित्व ग्रुप-ए में 12.86 प्रतिशत, ग्रुप-बी में 16.66 प्रतिशत,ग्रुप-सी में 18.22 प्रतिशत व ग्रुप-डी में 32.72 प्रतिशत यानि ग्रुप-ए से डी में कुल प्रतिनिधित्व 17.70 प्रतिशत है। अनुसूचित जनजाति(एसटी) का प्रतिनिधित्व ग्रुप-ए में 5.64 प्रतिशत, ग्रुप-बी में 6.55 प्रतिशत, ग्रुप-सी में 6.91 प्रतिशत और ग्रुप-डी में 7.66 प्रतिशत यानि कुल 6.72 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिल पाया है। ग्रुप-ए से ग्रुप-डी में सामान्य वर्ग का प्रतिनिधित्व क्रमशः 64.58 प्रतिशत, 61.00 प्रतिशत, 52.29 प्रतिशत एवं 39.46 प्रतिशत यानि कुल प्रतिनिधित्व 55.28 प्रतिशत है।उन्होंने बताया कि ओबीसी का ग्रुप-ए व बी में प्रतिनिधित्व 27 प्रतिशत की बजाय मात्र 16.33 प्रतिशत, एससी का ग्रुप-ए व बी में प्रतिनिधित्व 15 प्रतिशत के सापेक्ष 14.76 प्रतिशत, एसटी का ग्रुप-ए व बी में प्रतिनिधित्व 6.09 प्रतिशत और सामान्य वर्ग का ग्रुप-ए व बी में प्रतिनिधित्व 62.79 प्रतिशत है। केन्द्रीय सेवाओं में ओबीसी,एससी,एसटी को नहीं मिला समुचित प्रतिनिधित्व