हनुमान बेनीवाल को ऐसी चुनौती ज्योति मिर्धा ही दे सकती हैं।कांग्रेस से गठबंधन करने पर बेनीवाल की पार्टी और कमजोर होगी। हनुमान बेनीवाल को ज्योति मिर्धा ने दी चुनौती
एस.पी.मित्तल
विगत दिनों नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने जब भाजपा ज्वाइन की थी, तब नागौर के मौजूदा सांसद और आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने कहा था कि मैंने ज्योति मिर्धा को 2019 में भी हराया था और अगले लोकसभा चुनाव में भी हराऊंगा। अब ज्योति ने बेनीवाल पर पलटवार किया है। 15 सितंबर को जयपुर में ज्योति ने कहा कि बेनीवाल को जयपुर में ज्योति ने कहा कि बेनीवाल में हिम्मत हो तो वे अपनी पार्टी के दम पर मुझ से मुकाबला करें। 2019 में बेनीवाल मुझे इसलिए हरा पाए कि उन्हें भाजपा का समर्थन था। चर्चा है कि इस बार बेनीवाल कांग्रेस का समर्थन लेने की जुगाड़ में हैं। बेनीवाल को अपने ही घर नागौर में जो चुनौती मिली है, वह ज्योति मिर्धा जैसी नेता ही दे सकती हैं।
नागौर में न तो भाजपा और न कांग्रेस के किसी नेता में हिम्मत है जो बेनीवाल को इस तरह चुनौती दे सके। असल में बेनीवाल के जो युवा समर्थक हैं वे किसी भी सीमा तक जा सकते हैं, इसलिए दोनों ही दलों के नेता बेनीवाल के विरुद्ध सख्त टिप्पणी नहीं करते हैं, लेकिन भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योति मिर्धा बेनीवाल को सीधे चुनौती दे रही हैं। बेनीवाल भले ही सार्वजनिक तौर पर नहीं स्वीकारें लेकिन ज्योति के भाजपा में आने से बेनीवाल के सामने नागौर में संकट खड़ा हो गया है। यह सही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मिर्धा परिवार और भाजपा की संयुक्त ताकत से मुकाबला करना बेनीवाल के लिए आसान नहीं होगा। केंद्र में मोदी सरकार से गठबंधन तोड़ने के बाद से ही बेनीवाल भाजपा और कांग्रेस को समान रूप से गालियां देते आ रही है। बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी कटु आलोचना की है।
हालांकि राजनीति में ऐसी आलोचना कोई मायने नहीं रखती है, लेकिन बेनीवाल का कांग्रेस में अभी से विरोध शुरू हो गया है। दिग्गज जाट नेता और पंजाब में कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने बेनीवाल का खुला विरोध किया है। चौधरी का कहना है कि बेनीवाल और कांग्रेस के गठबंधन के बारे में कोई भी सच्चा कांग्रेसी सोच भी नहीं सकता। बेनीवाल ने नागौर में कांग्रेस को कमजोर करने का काम किया है। सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बेनीवाल की आरएलपी से गठबंधन के पक्ष में है, जबकि पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और हरीश चौधरी इसके पक्ष में नहीं है। आरएलपी के भी कुछ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस से गठबंधन करने पर पार्टी को ही नुकसान होगा। नागौर के जो राजनीतिक समीकरण बदले हैं, उससे बेनीवाल के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। हनुमान बेनीवाल को ज्योति मिर्धा ने दी चुनौती