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मुख्यमंत्री ने लखनऊ जनपद के हाईस्कूल उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं से संवाद किया, विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों व शिक्षकों को बधाई दी।नियमित रूप से पढ़ने, खेलने, सभी कार्यों को टाइम-टेबल बनाकर करनेे से परीक्षा के समय अनावश्यक तनाव नहीं होगा।हर बच्चे को खेल के किसी न किसी कार्यक्रम के साथ जुड़ना चाहिए, इससे शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होगा, इससे निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है।राज्य सरकार बदलते परिवेश के दृष्टिगत समय-समय पर पाठ्यक्रम को अपडेट करती है, यह क्रम सतत जारी रहेगा।हमें अपने सही इतिहास की जानकारी होनी चाहिए, अपने नायकों, महापुरुषों के व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी होनी चाहिए, इसलिए राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा में भी इन विषयों का समावेश किया है।प्रत्येक विद्यार्थी को प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से जुड़ना चाहिए।मुख्यमंत्री ने बच्चों व अभिभावकों को प्रधानमंत्री द्वारा रचित पुस्तक ‘एक्जाम वॉरियर’ और बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए खास कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ के बारे में अवगत कराया।ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जिससे कि माह में एक बार शिक्षक बच्चे के घर जरूर जाएं, अभिभावकों से मिलें, यह विद्यालय हित में भी है और छात्र के लिए भी उपयोगी होगा।मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्टैंड अप योजना, स्टार्ट अप योजना, मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया आदि योजनाओं का बड़ी संख्या में युवाओं ने लाभ लिया है।पुरातन छात्रों के अनुभवों से वर्तमान विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने प्राचार्यों को विद्यालय में पुरातन छात्र परिषद का गठन करने का परामर्श दिया।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं में लखनऊ जनपद के हाईस्कूल उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं से संवाद किया। जनपद लखनऊ के शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों व शिक्षकों को बधाई दी।मुख्यमंत्री ने जनपद लखनऊ के बोर्ड परीक्षाओं के अन्तर्गत हाईस्कूल परीक्षा-2022 के मेधावी छात्र-छात्राओं पर्ल वर्मा, अरुण कुमार, माही यादव, अंजू उपाध्याय,अक्षत शुक्ला, विकास वर्मा, रूबी निषाद, श्रियंक सिंह, आकांक्षा साहू, ऋषभ सिंह को सम्मानित किया।बच्चों से संवाद करते हुए कहा कि अगर आप नियमित रूप से पढ़ेंगे, नियमित रूप से खेलेंगे, सभी कार्यों को टाइम-टेबल बनाकर करेंगे तो फिर परीक्षा के समय अनावश्यक तनाव नहीं होगा। संयमित दिनचर्या से आप परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए टाइम टेबल बनाकर दिनचर्या का पालन करेंगे, तो न केवल आपका पाठ्यक्रम समय से पूरा होगा, बल्कि स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। कार्य के साथ-साथ आराम भी आवश्यक है। बच्चों की पढ़ाई के तौर-तरीकों की जानकारी लेते हुए सभी को अपने पास एक छोटी डायरी रखने का सुझाव दिया। इस डायरी में आपको नई बातों/जरूरी बातों को नोट करना चाहिए। सभी को समय पर सोना व जागना चाहिए। अगर सभी बच्चे रात्रि 10 बजे तक सो जाएं और सुबह 04 बजे उठ जाएं तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होगा। रात्रिभर जागने से दिनभर व्यक्ति को थकान रहती है, स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। तय स्कूली पाठ्यक्रम के अलावा आपको देश-दुनिया के समसामयिक स्थिति से अपडेट रहना चहिए। इसके लिए समाचार-पत्र एक अच्छा माध्यम है। दिनचर्या में समाचार-पत्र पढ़ने के लिए समय निर्धारित करें। अखबारों के सम्पादकीय पृष्ठ विचारों से परिपूर्ण होते हैं। अलग-अलग विचारों को पढ़कर आप किसी विषय में अपना नजरिया तय कर सकते हैं। यह आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि हर विद्यार्थी को पुस्तकालय जाने की आदत जरूर डालनी चाहिए। प्रयास करें कि माह में कम से कम कोई एक पुस्तक जो पाठ्यक्रम से अलग हो, जरूर पढ़ें। हर बच्चे को खेल के किसी न किसी कार्यक्रम के साथ जुड़ना चाहिए। इससे शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होगा। इससे निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ती है।मुख्यमंत्री ने मेधावी बच्चों से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को प्रधानमंत्री जी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से जुड़ना चाहिए। इससे आपको बहुत सारी रचनात्मक चीजें जानने को मिलेंगी। देश में कहां, कौन से व्यक्ति ने अच्छा काम किया, प्रगतिशील किसान के अच्छे काम के बारे में, इसकी भी चर्चा प्रधानमंत्री जी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में करते हैं। यह कार्यक्रम देश में हो रहे किसी नवीन अभिकल्प, अभिनव प्रयास, नए बदलाव आदि के बारे में जानकारी से परिपूर्ण होता है। इसे हर बच्चे, अभिभावक को जरूर सुनना चाहिए।मुख्यमंत्री ने बच्चों व अभिभावकों को प्रधानमंत्री जी द्वारा रचित पुस्तक ‘एक्जाम वॉरियर’ और बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए खास कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बच्चों से कहा कि दूसरों के नोट्स के भरोसे कभी तैयारी न करें। खुद तैयार करें। विषय का कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं होगा, तो नोट्स आपको तात्कालिक सफलता तो दिला सकता है, लेकिन दीर्घकालिक लक्ष्यों में यह कभी उपयोगी नहीं होगा। मौलिक पुस्तकों से विस्तृत अध्ययन पर जोर दें।
मेधावियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री जी ने बताया कि राज्य सरकार बदलते परिवेश के दृष्टिगत समय-समय पर पाठ्यक्रम को अपडेट करती है। यह क्रम सतत जारी रहेगा। हमें अपने सही इतिहास की जानकारी होनी चाहिए। अपने नायकों, महापुरुषों के व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए राज्य सरकार ने बेसिक शिक्षा में भी इन विषयों का समावेश किया है।मुख्यमंत्री ने बच्चों को जिज्ञासु बनने को प्रेरित किया। सवाल पूछने से कभी न हिचकें। पहले अपने मन में सवाल पर विमर्श करें, फिर भी यदि समाधान न मिले तो शिक्षक से पूछें। संकोच न करें।मेधावियों से उनके कैरियर की योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार अभ्युदय कोचिंग संचालित कर रही है। यहां नीट, जे0ई0ई0, यू0पी0एस0सी0, यू0पी0पी0एस0सी0, एन0डी0ए0, सी0डी0एस0 सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराई जाती है। इसकी विशेषता यह है कि इसका संचालन उनके द्वारा किया जाता है जिन्होंने सम्बन्धित परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया है। जैसे युवा आई0ए0एस0, आई0पी0एस0, पी0सी0एस0, पी0पी0एस0 अधिकारी, युवा डॉक्टर, नव चयनित इंजीनियर्स आदि। यह अभिनव कोचिंग वर्चुअल और फिजिकल दोनों मोड में चलती है। स्कूलों में बच्चों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने प्राचार्यों से कहा कि शिक्षकों को अभिभावकों के साथ संवाद बनाना चाहिए। अभिभावकों के साथ व्यक्तिगत संवाद नहीं होगा तो इसका असर आपके विद्यालय पर तो पड़ेगा ही, साथ ही अभिभावक को भी पता नहीं चलेगा कि विद्यालय में क्या हो रहा है। अतः ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जिससे कि माह में एक बार शिक्षक बच्चे के घर जरूर जाएं। अभिभावकों से मिलें। यह विद्यालय हित में भी है और छात्र के लिए भी उपयोगी होगा।मुख्यमंत्री ने प्रतिभा व क्षमता के आधार पर अपेक्षाकृत कमजोर एवं प्रतिभावान बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं के संचालन की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिक्षक के पढ़ाने की शैली विषय की ग्राह्यता पर प्रभाव डालती है। शिक्षण संस्थाओं को चाहिए कि रोचक ढंग से पढ़ाएं।केंद्र व राज्य सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं के हित मंे अनेक योजनाएं संचालित की जाती हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्टैंड अप योजना, स्टार्ट अप योजना, मुद्रा योजना, डिजिटल इंडिया आदि योजनाओं का बड़ी संख्या में युवाओं ने लाभ लिया है। ऐसी व्यवस्था बनाएं कि विद्यालयों में इन योजनाओं की जानकारी छात्रों को मिल सके।
मुख्यमंत्री ने प्राचार्यों से कहा कि यह सुनिश्चित कराएं कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ बच्चों को जरूर मिलें। छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए समय से आवेदन कराएं। पुरातन छात्रों के अनुभवों से वर्तमान विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री जी ने प्राचार्यों को विद्यालय में पुरातन छात्र परिषद का गठन करने का परामर्श दिया। मेरिट सूची में शामिल विद्यार्थियों के अभिभावकों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री जी ने उत्कृष्ट विद्यार्थियों की सूची में बेटियों की सफलता पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त की।मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए अभिभावकों ने अपने पाल्यों की मेहनत की कहानी भी बताई। एक मेधावी की माता जी ने बेटे के हिंदी में 100 अंक प्राप्त करने की खुशी साझा की तो कई अन्य अभिभावकों ने बच्चों के पठन-पाठन की अवधि की जानकारी दी। उन्होंने मेरिट में आने वाले बच्चों के विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को बधाई दी और उनके अध्यापन व मूल्यांकन प्रणाली की जानकारी ली।इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री गुलाब देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना नवनीत सहगल, सूचना निदेशक शिशिर, अपर निदेशक सूचना अंशुमान राम त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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