2022 में संविधान रक्षा की होगी परीक्षा

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अखिलेश यादव भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा राज में शोषितों-वंचितों को सताया-अपमानित किया जा रहा है। युवाओं को नौकरी से दूर रखने और आरक्षण समाप्त किए जाने की साजिशें हो रही है। डॉ0 लोहिया और डॉ0 अम्बेडकर के विचारों का समता मूलक समाज बनाने का सपना पूरा करना है। वैचारिक आंदोलन के रास्ते से ही सामाजिक न्याय को सुनिश्चित किया जा सकता है।उक्त उद्गार आज यहां बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी की बैठक में, जिसकी अध्यक्षता इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मिठाई लाल भारती ने की, अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय स्थित डॉ0 राममनोहर लोहिया सभागार में व्यक्त किए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि समाजवादी सरकार बनने के तीन महीने के अंदर जातीय जनगणना शुरू हो जाएगी। इस गणना के आधार पर सभी समाजों की समानुपातिक भागीदारी तय हो सकेगी। समाजवादी सरकार में पुरानी पेंशन जारी की जाएगी। समय से नौकरी में पदोन्नति के साथ छात्रवृत्ति और सबके साथ समान व्यवहार की व्यवस्था रहेगी।


अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने समाज के हर वर्ग को धोखा दिया है। निजीकरण और आउटसोर्स से गरीबों के साथ अन्याय हुआ है। सरकारी सम्पत्तियाँ बेची जा रही हैं। निविदा कर्मचारियों को पूरा वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। व्यापार और उद्योग धंधे चौपट हैं। महंगाई और भ्रष्टाचार से समाज का हर वर्ग त्रस्त है। युवा निराश और कुंठा का शिकार है। किसान बेमौसम की मार और खाद, बीज, कीटनाशक की बढ़ी हुई कीमतों से परेशान है।श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी हर परीक्षा में फेल साबित हुए हैं। उनके संकल्प पत्र में जितने वादे किए गए सब झूठे हैं। न लैपटाप बंटे, न किसान की आय दुगनी हुई, नहीं युवाओं को नौकरियां मिली और नहीं महिलाएं सुरक्षित रहीं। ध्वस्त कानून व्यवस्था में छेड़खानी से परेशान कई छात्राओं ने पढ़ाई छोड़ दी तो कुछ ने आत्महत्या तक कर ली।


अखिलेश यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव- 2022 में लोकतंत्र का भी फाइनल होगा। संविधान की रक्षा की भी यह परीक्षा की घड़ी होगी। इसलिए अब सभी को बिना देर किए विधान सभा चुनाव में घर-घर गांव-गांव दस्तक देकर भाजपा की कुनीतियों और अपनी सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराएं। जनता ने अपना विकल्प तलाश लिया है। समाजवादी पार्टी पर ही जनता को भरोसा है।इस अवसर पर एकत्र बुद्धिजीवियों ने कहा कि भाजपा से संविधान को खतरा है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही सामाजिक न्याय की लड़ाई सफलता से जीती जा सकेगी। सभी लोगों का मानना है कि हिम्मत, हौसला और इरादा अखिलेश जी का ही मजबूत है। अब सभी बुद्धिजीवी उत्तर प्रदेश मे अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व में ही सरकार बनाने के लिए संकल्पित हैं।